–मकसद से भटके नेता, एक दूसरे की उधेड़ रहे हैं बखिया
–मंजीत जीके ने सिरसा को बताया सबसे बड़ा झूठा
–दी चेतावनी, जुबान खोली तो मुंह छुपाने की नहीं मिलेगी जगह
(अदिती सिंह)
नई दिल्ली, 17 अगस्त : दिल्ली की सिख सियासत एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में 6 साल मिलकर राज करने वाले पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके और वर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर ङ्क्षसह सिरसा के बीच सियासी ‘महाभारत छिड़ गया है। 8 महीने पहले जब जीके अध्यक्ष थे, तब सिरसा उनकी कमियां निकालते थे, लेकिन अब जब सिरसा अध्यक्ष हैं तो जीके एक-एक करके उनकी परतें उधेडऩे में लगे हैं। दोनों लोग अब इस कदर एक दूसरे के दुश्मन हो गए हैं कि बेटी और दामाद तक को घसीट रहे हैं। इस बीच मंजीत सिंह जीके ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस कर सिरसा को सबसे बड़ा झूठा करार दिया। साथ ही घटिया सियासत के लिए उनके परिवार को बीच में न घसीटने की चेतावनी दे डाली। जीके के मुताबिक अगर उन्होंने जुबान खोली तो सिरसा को मुँह छुपाने की जगह नहीं मिलेंगी।
जीके ने कहा कि वसंत विहार स्कूल में क्लब खोलने की कमेटी की कार्यकारिणी और जनरल हाउस ने मंजूरी नहीं दी है। अगर सिरसा के पास क्लब को जगह देने का करार है तो उसे दिखाएं। सिरसा के ऊपर जमीनों पर कब्जे करने सहित कई आरोपों में केस चल रहें हैं पर हैरानी इस बात की है कि सिरसा को करार व प्रार्थना पत्र के बीच अंतर का अभी तक पता नहीं है। लाइफ स्टाईल कंपनी की तरफ से स्विमिंग पुल के लिए 8 अप्रैल 2015 को कमेटी को दिए गए प्रार्थना पत्र में कंपनी के निदेशक व सिरसा के खास मित्र प्रवीण चुध कमेटी को पानी व बिजली का अलग कनेक्शन देने की मांग कर रहें हंै। जिस पर सिरसा खुद ही मंजूरी लिखकर मुझे पत्र भेजते हैं। इस पर सवाल करता हूँ कि अगर सिरसा ने मंजूरी दे ही दी तो मुझे क्यों भेजा, तो बताया जाता है कि ऊपर से आदेश है, आप दस्तखत कर दो।
3000 बच्चों के भविष्य की जगह क्लब बचाने की जल्दी
जीके ने हैरानी जताई कि 9 एकड़ जमीन तथा 3000 बच्चों के भविष्य को बचाने की जगह सिरसा को क्लब बचाने की जल्दी में क्यों है ? क्लब को बचाने तथा सफेद झूठ बोलकर कौम को गुमराह करने की कोशिश की है। जीके ने सिरसा के द्वारा गुरु हरिगोबिंद इंस्टीट्यूट को लीज पर देने के पीछे दिखाई गई मजबूरी को भी गलत बताया। साथ ही कहा कि उनके कार्यकाल में इंस्टीट्यूट को उबारने की भरसक कोशिश की थी। कुछ समय बाद यह इंस्टीट्यूट आत्मनिर्भर हो सकता था पर बिना इंतजार किए कौम के संस्थान को बंद कर दिया गया। इस इंस्टीट्यूट में जामिया मिलिया, आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस तथा वॉलसन इंग्लैंड के कई कोर्स अपने बच्चों के लिए लाए थे। साथ ही आईलटस सिखाने व सीटीईटी की परीक्षा की सिखलाई दिलवाने का भी इंतजाम किया गया था। लेकिन सिरसा यहाँ भी अपनी गलती छुपाने के लिए संगत को गुमराह किया। इसके अलावा 1.5 एकड़ में बने उक्त कॉलेज की बिल्डिंग का 4 लाख रुपए महीना किराया नहीं हो सकता। इतने पैसे में कॉलेज की इमारत दिल्ली तो दूर एनसीआर में भी नहीं मिलेंगी।
टास्क फोर्स के लड़कों को नौकरी से निकालने की निंदा
सिरसा द्वारा टास्क फोर्स के लड़कों को नौकरी से निकालने की निंदा करते हुए जीके ने कहा कि एक तरफ सिरसा 1984 के पीडि़तों के बच्चों को बेरोजगार करते हैं और दूसरी तरफ कमेटी सदस्यों को चिटठी भेजकर अपने इलाके के 2 सदस्य कमेटी में नौकरी पर रखवाने की अपील करते है। अगर नए लोगों को नौकरी पर रखने की आपकी क्षमता थी तो इन्हें क्यों निकाला था ?
झूठ का पर्दाफाश जांच में हो जायेगा: कमेटी
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी ने पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के द्वारा वसंत विहार स्कूल में स्वीमिंग पूल और जिम खोलने के मामले पर रोजाना बोले जा रहे झूठ का पर्दाफाश अकाल तख्त साहिब द्वारा करवायी जाने वाली जांच में हो जायेगा। इस जांच के लिये पहले ही कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पत्र लिख कर जांच करवाने की विनती कर चुके हैं।

कमेटी के सदस्य जगदीप सिंह काहलों, हरजीत सिंह पप्पा व कुलदीप सिंह साहनी ने कहा कि वसंत विहार स्कूल के मामले में रोजाना नये झूठ बोल कर संगत को गुमराह करने का जो प्रयास जी.के कर रहे हैं, वह कभी भी सफल नहीं होगा। सदस्यों ने कहा कि गुरु की गोलक चोरी के दोषी जी.के को शायद इस बात का अहसास हो गया है कि संगत द्वारा दिल्ली कमेटी पर दबाव बनाया जा रहा था कि जी.के पर केस डाल कर गुरु की गोलक का पैसा वापस लाया जाये। शायद इसी बात की भनक जी.के को लग गई है, जिस पर बौखला कर वह तुच्छ हरकतों पर उतर आये हैं। कमेटी सदस्यों ने जीके के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। साथ ही कहा कि वह गुरु साहिब व संगत के नाम का दुरुपयोग करने पर मनजीत सिंह जी.के के विरुद्ध मुहिम शुरु करेंगे।