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Friday, November 22, 2024

Air Force की सभी भूमिकाओं में कदमताल कर रहीं महिलाएं

हैदराबाद/ खुशबू पांडेय । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  (Draupadi Murmu) ने शनिवार को कहा कि वह यह देखकर खुश हैं कि भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) महिलाओं अधिकारियों को सभी भूमिकाओं में शामिल कर रहा है। श्रीमती मुर्मू ने यहां डुंडीगल स्थित वायु सेना अकादमी (AAF) में 211वें कोर्स की संयुक्त स्नातक परेड (CGP) का निरीक्षण करने के बाद कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि महिला लड़ाकू पायलटों (female fighter pilots) की पर्याप्त संख्या है, जिसका बढ़ना तय है। उन्होंने कहा कि कैडेटों का करियर चुनौतीपूर्ण, पुरस्कृत और अत्यधिक सम्मानजनक है। उन्हें उन लोगों की महान विरासत को आगे बढ़ाना है, जिन्होंने उनसे पहले आईएएफ में सेवा की है। राष्ट्रपति ने कहा कि आईएएफ का एक बहुत ही प्रेरक आदर्श वाक्य है‘टच द स्काई विथ ग्लोरी‘, नभ: स्पृषं दीप्तम्’और विश्वास व्यक्त किया कि कैडेट इस आदर्श वाक्य की भावना को आत्मसात करेंगे और वे देश की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि 1948, 1965 और 1971 में दुश्मन पड़ोसी देशों के साथ हुए युद्धों में आईएएफ के वीर योद्धाओं द्वारा देश की रक्षा करने में निभाई गई महान भूमिका सुनहरे अक्षरों में लिखी गई है।

—महिला लड़ाकू पायलटों की पर्याप्त संख्या है, जिसका बढ़ना तय
—वायु सेना अकादमी में 211वें कोर्स की संयुक्त स्नातक परेड
—राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड का किया निरीक्षण

उन्होंने कारगिल संघर्ष और बाद में बालाकोट में आतंकवादी ठिकाने को नष्ट करने के समान संकल्प और कौशल का प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि आईएएफ मानवीय सहायता और आपदा राहत में भी योगदान देती है। हाल ही में आईएएफ ने तुकर्ी और सीरिया में आए भूकंप के दौरान खराब मौसम के बावजूद चिकित्सा सहायता और आपदा राहत प्रदान करने में तत्पर रही।

इससे पहले, काबुल में फंसे 600 से अधिक भारतीयों और अन्य नागरिकों को एयरलिफ्ट करने का सफल निकासी अभियान पूरा किया, जिसमें शत्रुतापूर्ण वातावरण में उड़ान भरना और उतरना शामिल था। यह आईएएफ की उच्च क्षमताओं का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि थल, जल और नभ में रक्षा तैयारियों के लिए तीव्र गति से प्रौद्योगिकी को अवशोषित करने की क्षमता आवश्यक होगी और कहा कि सशस्त्र बलों के प्रत्येक अधिकारी को रक्षा तैयारियों के एक एकीकृत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखना होगा। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि आईएएफ समग्र सुरक्षा परिद्दश्य और नेटवकर्-केंद्रित भविष्य के युद्ध क्षेत्र में एक उच्च प्रौद्योगिकी युद्ध लड़ने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, आईएएफ अधिकारी प्रशिक्षुओं की संयुक्त स्नातक परेड में यहां आकर मुझे खुशी हो रही है। मैं आईएएफ की विभिन्न शाखाओं में कमीशन प्राप्त करने वाले सभी प्रशिक्षुओं को बधाई देती हूं।

एएफए के इतिहास में यह पहला अवसर है जब राष्ट्रपति ने आईएएफ परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के आठ-आठ अधिकारियों के साथ-साथ दो वियतनामी प्रशिक्षु अधिकारियों को भी सफलतापूर्वक उड़ान प्रशिक्षण पूरा करने पर विंग्स से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में तेलंगाना की राज्यपाल डॉ तमिलिसाई सुंदरराजन और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी भी मौजूद थे।
मुर्मू ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान और चिनूक हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टर को शामिल करके भारतीय वायुसेना का आधुनिकीकरण उसकी परिचालन क्षमताओं को मजबूत करता है। उन्होंने संकट के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा की गई मानवीय सहायता और आपदा के दौरान राहत के लिए उठाए गए उसके कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि काबुल में फंसे 600 से अधिक भारतीयों और अन्य नागरिकों को निकालने के लिए सफल अभियान सेना की उच्च क्षमताओं का प्रमाण है, जिसमें शत्रुतापूर्ण वातावरण में उड़ान भरना और उतरना शामिल है। मुर्मू ने कहा कि 1948, 1965 और 1971 में शत्रु पड़ोसी के साथ युद्धों में देश की रक्षा करते समय भारतीय वायुसेना के वीर योद्धाओं द्वारा निभाई गई महान भूमिका सुनहरे अक्षरों में लिखी गई है और बल ने करगिल संघर्ष और बाद में बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में उसी प्रतिबद्धता तथा कौशल का प्रदर्शन किया।

हमेशा तैयार रहने के लिए कदम उठा रही भारतीय वायुसेना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायुसेना नेटवर्क-केंद्रित भावी युद्ध क्षेत्र में एक उच्च-प्रौद्योगिकी आधारित युद्ध लड़ने की चुनौतियों समेत समग्र सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए भविष्य में हमेशा तैयार रहने के वास्ते कदम उठा रही है। मुर्मू ने यहां वायुसेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए कहा कि थल, जल और वायु क्षेत्र में रक्षा संबंधी तैयारियों के लिए प्रौद्योगिकी को तीव्र गति से आत्मसात करने की क्षमता आवश्यक होगी। उन्होंने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि हमारी वायुसेना नेटवर्क-केंद्रित भावी युद्ध क्षेत्र में एक उच्च-प्रौद्योगिकी आधारित युद्ध लड़ने की चुनौतियों समेत समग्र सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, खासकर भविष्य में हमेशा तैयार रहने के लिए कदम उठा रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के रक्षा बल भू-सीमाओं, बड़े समुद्र तट और क्षेत्रीय जल एवं विशाल हवाई क्षेत्र की साथ मिलकर रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा, सशस्त्र बलों के प्रत्येक अधिकारी को रक्षा तैयारियों के एक एकीकृत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखना होगा।

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