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Friday, November 22, 2024

BJP: राजस्थान में महिलाओं का उत्पीडऩ, राहुल-प्रियंका गाँधी खामोश

-महिलाओं के उत्पीडऩ के खिलाफ बीजेपी ने सरकार को घेरा
-नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट का दिया हवाला, बलात्कार की घटनाएं बढ़ी
-महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में राजस्थान देश में पहले स्थान पर : राठौड़

नई दिल्ली/ अदिति सिंह : भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में बदतर होती कानून व्यवस्था को लेकर अशोक गहलोत सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। साथ ही कहा कि राजस्थान में एक के बाद एक महिलाओं के साथ हो रही बलात्कार की घटनाएं बेहद चिंतनीय है। ऐसा मालूम पड़ता है कि वहां सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। प्रदेश कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता और नकारात्मक राजनीति का एकमात्र लक्ष्य है किसी न किसी प्रकार से केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को बेवजह घेरी जाए और अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर लिया जाय। राजस्थान में हो रही एक के बाद महिला अत्याचार पर क्या राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को संज्ञान नहीं लेना चाहिए? इन नेताओं को इन घटनाओं पर न तो वहां जाने की चिंता हुई और न ही इसपर इन्होने अबतक कोई ट्वीट किया है। क्या राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे जघन्य अपराध की घटनाएं कांग्रेस के किसी भी नेता को उनकी छोटी सोच से परे नजर नहीं आतीं?

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला दिया। साथ ही कहा कि आज महिलाओं के ऊपर अत्याचार के मामलों में राजस्थान देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। 2019 में देशभर में महिला उत्पीडऩ की करीब 32,000 घटनाएं हुई, जिसमें से अकेले राजस्थान में 6,000 घटनाएं हुई। उन्होंने राजस्थान में एक के बाद एक महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार का क्रमवार ब्यौरा देते हुए कहा कि 5 मार्च 2021 को हनुमानगढ़ में जमानत पर रिहा एक बलात्कार आरोपी ने पीडि़ता को जिन्दा जला डाला, 6 मार्च को कोटा में एक नाबालिग के साथ छह दरिंदों ने सामूहिक बलात्कार जैसा घिनौना कुकृत्य किया, 8 मार्च को, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन अलवर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने आई पीडि़ता के साथ पुलिस अधिकारी ने बलात्कार किया और इसी दिन जयपुर में एक चलती कार में सामूहिक बलात्कार की घटना हुई जिसमें तीन कारें और ग्यारह लोग शामिल थे। इसके ठीक अगले दिन, टोंक में, एक माँ और बेटी को निर्वस्त्र कर उन्हें बुरी तरह पिटा गया। 10 मार्च को उदयपुर में एक महिला की हत्या हुई जिसमें दो आरोपी बांग्लादेशी निकले। 11 मार्च को अलवर में हुई बलात्कार की घटना पर पुलिस अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने पर पीडि़ता के घर की बिजली काट दी गई और उसे बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा दिया गया।

नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट का दिया हवाला, बलात्कार की घटनाएं बढ़ी

भाजपा प्रवक्ता राठौर ने कहा कि राजस्थान में महिला के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं यहीं नहीं रुकी। 14 मार्च को महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट के अन्दर ही रिपोर्ट दर्ज कराने गई बलात्कार पीडि़ता के साथ वहां तैनात पुलिस अधिकारी ने अपनी वर्दी की गरिमा नजरंदाज करते हुए पीडि़ता को अपनी हवस का शिकार बनाया। 15 मार्च को बारां में एक मोटरसाइकिल पर गांव से लौट रहे एक दंपत्ति को रास्ते में रोककर बंधक बनाया गया और पति के सामने ही दरिंदगी हुई। 16 मार्च को कोटा में एक 15 वर्षीया बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार जैसी दर्दनाक घटना हुई जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराने से उसे रोका गया और धमकी भी दी गई। राठौर ने कहा कि राजस्थान में मतदाताओं ने कांग्रेस की सरकार को चुना है और उन्हें प्रदेश की जनता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही, बल्कि वो तो अपनी सरकार बचाने की रस्साकस्सी में व्यस्त है। सरकार बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा फोन टैपिंग समेत हर प्रकार के षडय़ंत्र रचे जा रहे हैं।

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