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Saturday, December 21, 2024

पत्नियां हो जाएं सावधान, पति को अपने माता-पिता से अलग रखा तो हो जाएगा तलाक

नई दिल्ली /अदिति सिंह : अगर आप अपने सास—ससुर को अपने से अलग रखते हैं, तो सावधान हो जाईए, कहीं आपको यह पैतरा उलटा न पड जाए। आजकल अक्सर ऐसा देखने को मिल रहा है पत्नियां अपने मां-बाप को तो अपने आप खुशी खुशी पनाह देते हैं और उनकी हर दुख सुख में शामिल होते हैं, लेकिन अपने ही पति के माता-पिता को इग्नोर कर देती हैं। मतलब, पत्नी अपने ही सास ससुर को मानसिक प्रताडना देकर दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर रही हैं। ऐसी ही एक पत्नी को अदालत ने कडी फटकार लगाते हुए उसके पीडित पति को तलाक की इजाजत दे दी है। मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से जुडा है, जहां तलाक के एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक पत्नी अगर अपने पति पर अपने माता-पिता से अलग रहने का दवाब डालती है तो ये मानसिक क्रूरता है।

—पति को माता—पिता से दूर रखना एवं मजबूर करना मानसिक क्रूरता
—छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की टिप्पणी, पीड़ित पति के तलाक की अर्जी को मंजूर
—दहेज के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देकर माता पिता से अलग किया

कोर्ट ने कहा कि दहेज के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देकर अपने माता पिता से अलग रहने के लिए पति को ब्लैकमेल करना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की पीठ ने पीड़ित पति के तलाक की अर्जी को मंजूर करते हुए ये टिप्पणी की। दरअसल पीड़ित पति ने कोरबा फैमिली कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें कूरता के आधार पर उसकी तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।

पत्नियां हो जाएं सावधान, पति को अपने माता-पिता से अलग रखा तो हो जाएगा तलाक
हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि रिकार्ड से पता चलता है कि पति-पत्नी दो महीने ही साथ रहे कि उनके बीच मतभेद शुरू हो गया। इस दौरान पत्नी पति पर अपने माता-पिता को छोड़कर उसके साथ उसके घर पर रहने के लिए दवाब बनाती रही। इस दौरान लड़की के पिता ने भी लड़के पर अपने माता-पिता को छोड़कर उनके साथ रहने के लिए दवाब बनाया। रिपोर्ट के मुताबिक पति ने अपनी पत्नी और उसके माता-पिता को खूब मनाने की कोशिश की लेकिन वो कामयाब नहीं रहा।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि पत्नी की आर्थिक स्थिति पति की तुलना में ज्यादा अच्छी है इसलिए वो उसके साथ तो रहना चाहती है लेकिन उसके घरवालों के साथ नहीं रहना चाहती। इसी वजह से वो अपने पति पर अपना घर छोड़कर उसके घर घर जमाई बनकर रहने के लिए दवाब बनाती रही है।
कोर्ट ने कहा कि एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने की जिम्मेदारी बेटे की होती है। ऐसे में यदि पत्नी लगातार पति को अपने परिवार से अलग होने और उसे घर जमाई बनने पर मजबूत करती है और ऐसा ना करने पर धमकी भी देती है तो ये पति पर मानसिक क्रूरता है। पीठ ने पति को मानसिक प्रताड़ना के आधार पर तलाक का आदेश दिया था

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