नयी दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : देश भर में 6071 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं मुहैया करायी गयी हैं और वहां हर महीने करीब 97.25 टेराबाइट डेटा का उपयोग होता है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा पहले आधे घंटे के लिए आम लोगों को निशुल्क उपलब्ध है और उसके बाद यह भुगतान आधार पर है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई का प्रावधान यात्रियों को स्टेशनों पर इंटरनेट का उपयोग करने में सुविधा प्रदान करता है और यह सुविधा ऑनलाइन सेवाएं व सूचना का लाभ उठाने में लोगों की मदद कर रही है।
रेल मंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए मंत्रालय द्वारा अलग से कोई निधि नहीं स्वीकृत की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में 193 स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाओं के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (यूएसओएफ) के तहत संचार विभाग द्वारा 27.22 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 1287 स्टेशनों पर वाई-फाई सेवाएं रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मुहैया करायी जा रही हैं। शेष स्टेशनों पर कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) व विभिन्न कंपनियों की चैरिटी परियोजना के तहत यह सुविधा मुहैया करायी गयी है जिसके लिए कोई भी पूंजीगत व्यय नहीं किया जाता है।
देश में 37 फीसदी रेलगाडिय़ां डीजल इंजनों से संचालित
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि देश में औसतन 13,555 रेलगाडिय़ों का परिचालन होता है और इनमें 37 प्रतिशत गाडिय़ां डीजल इंजनों से संचालित होती हैं। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि शेष 63 प्रतिशत गाडिय़ों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजनों द्वारा किया जाता है। उनसे पूछा गया था कि क्या यह सच है कि देश में अधिकतर रेलगाडिय़ां डीजल और बिजली से चल रही हैं। इसके जवाब में रेल मंत्री ने कहा, जी हां। भारतीय रेल में औसतन 13,555 गाडिय़ां (मालगाड़ी और सवारी गाड़ी दोनों) चलती हैं। इसमें से 63 प्रतिशत और 37 प्रतिशत गाडिय़ां क्रमश: बिजली और डीजल इंजनों द्वारा चलती है।