नई दिल्ली, साधना मिश्रा: इसी साल फरवरी महीने में भारत सरकार ने सोशल मीडिया (social media) और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी। जिसे लागू करने के लिए इन कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया था। जिसकी डेडलाइन आज यानी 26 मई को खत्म हो गई है। जिसको लेकर अब व्हाट्सएप ने भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक मुकदमा दायर कराया है जिसमें नए नियमों पर रोक लगाने की मांग की है।
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भारत सरकार के नए IT नियमों से प्राइवेसी खत्म होगी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कंपनी द्वारा 25 मई को अदालत में दाखिल की गई याचिका में दलील दी गई है, कि भारत सरकार के नए IT नियमों से प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। वहीं अब व्हाट्सएप (Whatsapp) और सरकार के बीच जारी इस विवाद पर आज यानी बुधवार को पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
व्हाट्सएप को लेकर सरकार की नीति और कानून असंविधानिक- अश्विनी कुमार
अश्विनी कुमार (Ashwini Kumar) ने कहा कि, व्हाट्सएप द्वारा फाइल की गई याचिका का सीधा ताल्लुक देशवासियों के विचारों की अभिव्यक्ति और निष्ठा के आधार के साथ ताल्लुक रखता है जो मूलभूत अधिकार है। संविधान के स्टोडन के तौर पर मैं ये कह सकता हूं कि जो सरकार की नीति और कानून आज व्हाट्सएप को अपने सोर्सेस को ट्रेस करने पर बाध्य करता है वो असंविधानिक है।
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नए IT नियम व्यक्तियों की आजादी की परंपरा के विरुध्
उन्होंने आगे कहा कि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कई फैसले इस बात की पुष्टि करते है। वैसे भी इस तरह के कानूनों को लागू करने से ऐसा लगता है कि सरकार व्यक्तियों के हर कथनी और करनी पर अपनी नजर रखना चाहती है जो आजादी की परंपरा के विरुध् है। मै उम्मीद करता हूं कि सरकार अपने इस कदम पर पुनर्विचार करेगी।