नयी दिल्ली/ अदिति सिंह: ब्रांडेड मसालों में मानदंडों के कथित उल्लंघन की जांच शुरू करने के बाद खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने घरेलू बाजार में बेचे जाने वाले फोर्टिफाइड चावल, डेयरी उत्पाद और मसालों जैसे अन्य खाद्य पदार्थों पर निगरानी शुरू करने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India) फल और सब्जियों, मछली उत्पादों, मसालों और पाक जड़ी-बूटियों, पोषक तत्व से समृद्ध किये गये चावल, दूध तथा दुग्ध उत्पाद में साल्मोनेला जैसे खाद्य पदार्थों पर निगरानी की योजना बना रहा है। सिंगापुर और हांगकांग द्वारा गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को देखते हुए एफएसएसएआई पहले से ही देशभर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांड के पाउडर के रूप में मसालों के नमूने ले रहा है। एक सूत्र ने 22 अप्रैल को कहा था, मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनजर, एफएसएसएआई बाजार से एमडीएच और एवरेस्ट समेत सभी ब्रांड के मसालों के नमूने ले रहा है ताकि यह जांचा जा सके कि वे एफएसएसएआई मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं।
सूत्रों ने कहा कि एफएसएसएआई निर्यातित मसालों की गुणवत्ता को नियंत्रित नहीं करता है। पिछले महीने की शुरुआत में, हांगकांग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने उपभोक्ताओं से एमडीएच के मद्रास करी पाउडर (मद्रास करी के लिए मसाला मिश्रण), एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिश्रित मसाला पाउडर और एमडीएच करी पाउडर मिश्रित मसाला पाउडर को न खरीदने और व्यापारियों को न बेचने के लिए कहा था। सीएफएस ने कहा था कि दो भारतीय ब्रांड के कई प्रकार के प्री-पैकेज्ड मसाला-मिश्रण उत्पादों के नमूनों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया था। सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने भी ऐसे मसालों को वापस मंगाने का निर्देश दिया है। हांगकांग के निर्देश के बाद सिंगापुर खाद्य एजेंसी (एसएफए) ने भी भारत से आयातित ‘एवरेस्ट फिश करी मसाला’ को वापस मंगाने का आदेश दिया। पिछले सप्ताह एफएसएसएआई ने कहा था कि वह नेस्ले के सेरेलैक बेबी अनाज के अखिल भारतीय नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया में है। एक वैश्विक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी उत्पाद में उच्च चीनी सामग्री जोड़ रही है।