–वॉटर टैक्सी और रोपैक्स फेरी सेवा जल्दी ही परिवहन व्यवस्था का अंग होगी
–वॉटर टैक्सी 12 मार्गों पर और रोपैक्स सेवा 4 नए मार्गों पर शुरू होगी
–मुम्बई से होगा श्रीगणेश, रूट और शहर चयनित, दिसम्बर तक मिलेगी सेवा
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : देश के बड़े महानगरों की भीड़ भरी सड़कों से परिवहन का दबाव कम करने और पर्यावरण अनुकूल जल परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए रोपैक्स फेरी सेवा एवं वॉटर टैक्सी सेवा शुरू करने जा रही है। इसकी शुरुआत सबसे पहले मुम्बई से होगी, जहां कई रूटों का चयन किया गया है। यहां रोपैक्स फेरी सेवा के 4 नए मार्गों और वॉटर टैक्सी सेवा के 12 नए मार्गों पर साल के आखिर तक परिचालन शुरू हो जाएगा। इसके बाद देश के बाकी बड़े महानगरों और भीड़-भाड़ वाले शहरों में इसकी शुरुआत की जाएगी। इसको लेकर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक हाईलेवल बैठक बुलाई। इस दौरान महाराष्ट्र के मुम्बई में शहरी जल परिवहन परियोजनाओं की समीक्षा की।
इस मौके पर दोनों सेवाओं को हरी झंडी दे दी गई। साथ ही कहा गया कि रोपैक्स फेरी सेवा के 4 नए मार्ग और वॉटर टैक्सी सेवा के 12 मार्ग खुलने से मुम्बई के दैनिक यात्रियों को बहुत लाभ होगा। इससे यात्री प्रदूषण मुक्त, शान्तिपूर्ण और समय की बचत करने वाली यात्रा कर सकेंगे और उनका यात्रा समय और खर्च बचेगा। साथ ही कार्बन फुटप्रिंट में भी पर्याप्त कमी आएगी। इससे बड़ी संख्या में पर्यटकों और दैनिक यात्रियों को मुम्बई शहर के हर हिस्से की यात्रा में आसानी होगी। इस समय रोपैक्स (रोल ऑन/रोल ऑफ यात्री) सेवा भाऊचा धक्का से मांडवा (अलीबाग) तक परिचालित की जाती है। इसके तहत 110 किलोमीटर की सड़क यात्रा को जल मार्ग के जरिए घटाकर 18 किलोमीटर किया गया है और इससे रोजाना सफर करने वाले लोगों का यात्रा समय 3-4 घंटे से घटकर मात्र एक घंटा रह गया है। इस फेरी सेवा के लाभों को देखते हुए मुम्बई के अन्य विभिन्न मार्गों पर भी इस तरह की सेवाएं शुरू करने की योजना है।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि नए जलमार्गों पर परिचालन शुरू होना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जलमार्गों का उपयोग करने और उन्हें देश के आर्थिक विकास से जोडऩे के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी तटवर्ती राज्यों में रोपैक्स सेवा और वॉटर टैक्सी सेवा के बहुत से अन्य मार्गों पर परिचालन शुरू होने से एक सुचारू पर्यावरण व्यवस्था और नेटवर्क के विकास की नई संभावनाएं और नए अवसर खुलेंगे।