नई दिल्ली /टीम डिजिटल। भारत में कोरोना का कहर जारी है और इसका नया वैरिएंट ओमिक्रॉन अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसारण) स्टेज में पहुंच गया है। कई महानगरों में इसका असर बढ़ता जा रहा है। भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम ने इस बात की जानकारी अपनी ताजा बुलेटिन में दी है। बताया गया कि अब तक के अधिकांश ओमिक्रॉन के मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं। अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू के मामले मौजूदा लहर में बढ़ गए हैं और खतरे का स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रोन की लहर मेट्रो शहरों में फैलने के बाद आने वाले कुछ हफ्तों में छोटे शहरों और गांवों का रुख करेगी। विशेषज्ञों की मानें तो हर बार महामारी की लहर ऐसा ही प्रदर्शन करती है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज पर पहुंचा , रहें सावधान
—विशेषज्ञों ने किया आगाह, छोटे शहरों और गांवों का रुख करेगी कोरोना की लहर
दरसअल, न्यूज एजेंसी ने स्वास्थ्य मंत्रालय की संस्था भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम की स्टडी के हवाले से आकंड़े पेश करते हुए बताया कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन कई महानगरों में प्रभावी हो गया है और कई शहरों में संक्रमण के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही अब यह भी बताया गया है कि ओमिक्रॉन का संक्रामक सब-वेरिएंट BA2 भी देश में मिला है। रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है और यहां पर तेजी से मामले सामने आने की संभावना है।
यह भी बताया गया कि अब बाहर से आए व्यक्ति से संक्रमित होने वाले मामलों की बजाय आंतरिक संक्रमण के मामले सामने आएंगे। इसके साथ यह भी कहा गया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के कम्युनिटी स्प्रेड से बचने के लिए कोविड अनुरूप व्यवहार, मास्क, सैनिटाइजेशन के अलावा टीकाकरण प्रमुख हथियार है और इसका पालन आवश्यक है।
बता दें कि भारत में अपनी तरह की यह पहली स्टडी है जोकि ओमिक्रॉन से कम्युनिटी ट्रांसमिशन पर की गई है। इसमें संक्रमित लोगों के जीनोम सीक्वेंसिंग के डेटा का अध्ययन किया गया है, जिसमें दिल्ली के पांच जिले दक्षिण दिल्ली, दक्षिणपूर्व दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली शामिल हैं। यह आंकड़े 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच के हैं।
दुनियाभर में ओमिक्रॉन के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। संक्रमित लोगों में 13 फीसदी लोगों में अलग लक्षण देखे को मिले हैं, इन लोगों की सूंघने की क्षमता, स्वाद में कमी देखने को मिली है। जबकि 80 फीसदी लोगों में गले की समस्या सामान्य लक्षण है। इन सबके बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को टीका लगवाने और कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर आप ओमिक्रॉन से उबर चुके हैं, इसके बाद भी इससे संक्रमित हो सकते हैं।
आईएमए कोच्चि में टास्क फोर्स के सलाहकार डा. राजीव जयदेवन ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि हर बार कोविड-19 की लहर पहले उच्च गतिशीलता वाले क्षेत्रों को प्रभावित करती है जिसमें मेट्रो शहर शामिल होते हैं। इसके बाद छोटे क्षेत्रों और गांवों का नंबर आता है। ऐसे में ओमिक्रोन संचालित लहर अगले कुछ हफ्तों के भीतर छोटे शहरों या कस्बों और गांवों का रुख करेगी। यह एक प्रवृत्ति है जिसे दुनिया भर में देखा गया है। डा. राजीव जयदेवन ने कहा- पहली लहर वुहान वैरिएंट थी। दूसरी बीटा, तीसरी डेल्टा और चौथी ओमिक्रोन है। भारत की बात करें तो मार्च 2021 में हम मूल वुहान वैरिएंट से प्रभावित हुए थे। फिर पिछले साल हम डेल्टा की चपेट में आ गए। अब इस साल हम ओमिक्रोन की चपेट में आ गए हैं। पिछले आंकड़ों के आधार पर हम कह सकते हैं कि ओमिक्रोन थोड़ी देर प्रभावी रहेगा। इसके डेल्टा वैरिएंट की तरह लंबे समय तक प्रभावी रहने की संभावना नहीं है।