लखनऊ /खुशबू पाण्डेय । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण बहुमत दिलाने वाले योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत तमाम केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री, योगी और उनके कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बने। लखनऊ के शहीद पथ के निकट स्थित भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 49 वर्षीय योगी आदित्यनाथ को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर @myogiadityanath जी और उनके मंत्रिमंडल को हार्दिक बधाई। पिछले 5 वर्षों में राज्य की विकास यात्रा ने कई अहम पड़ाव तय किए हैं। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में प्रदेश जन आकांक्षाओं को पूरा करते हुए प्रगति का एक और नया अध्याय लिखेगा। pic.twitter.com/b3hcLMQsMJ
— Narendra Modi (@narendramodi) March 25, 2022
शुक्रवार को योगी के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों समेत कुल 52 मंत्रियों, स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। शपथ लेने वालों में दो उपमुख्यमंत्रियों समेत 18 कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार के 14 राज्य मंत्री और 20 राज्य मंत्री शामिल हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने लगातार दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली जबकि पिछली सरकार में कानून मंत्री रहे ब्रजेश पाठक को पहली बार उपमुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गई। योगी की पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा को इस बार मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला है। विधानसभा चुनाव में कौशांबी जिले की सिराथू सीट से पराजित हो चुके केशव प्रसाद मौर्य फिलहाल विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं। ब्रजेश पाठक लखनऊ के कैंट क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
—योगी ने लगातार दूसरी बार यूपी के CM की कमान संभाली
—दो उपमुख्यमंत्रियों समेत 18 कैबिनेट मंत्री बनाए गए
—स्वतंत्र प्रभार के 14 राज्य मंत्री और 20 राज्य मंत्री बने
कैबिनेट मंत्रियों में सूर्य प्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह (भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व एमएलसी), बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, भूपेंद्र चौधरी, अनिल राजभर, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, अरविंद कुमार शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय के अलावा सहयोगी दल अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के प्रमुख संजय निषाद ने शपथ ली।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में नितिन अग्रवाल, कपिलदेव अग्रवाल, रविंद्र जायसवाल, संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश चंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, जे. पी. एस. राठौर, दयाशंकर सिंह, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, अरुण कुमार सक्सेना और दयाशंकर मिश्र दयालु ने शपथ ली।
योगी—2 के राज्य मंत्री
राज्य मंत्री के रूप में मयंकेश्वर सिंह, दिनेश खटीक, संजीव गौड़, बलदेव सिंह औलख, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, के. पी. मलिक, सुरेश राही, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान वाल्मीकि, प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर गुरु, रजनी तिवारी, सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी और विजय लक्ष्मी गौतम ने शपथ ली। शपथ ग्रहण में दलितों, पिछड़ों का संतुलन साधने के साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग से सिख और मुसलमान भी मंत्री बनाए गए हैं। पिछली बार मंत्री रहे मोहसिन रजा को इस बार मौका नहीं मिला है। मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में नया चहेरा दानिश आजाद अंसारी को शामिल किया गया है। दानिश अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। सिख समाज से आने वाले बलदेव सिंह औलख भाजपा की पिछली सरकार में भी राज्य मंत्री थे।
योगी आदित्यनाथ ने 37 साल बाद इतिहास रचा
उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर योगी आदित्यनाथ ने 37 साल बाद इतिहास रचा है। इसके पहले 1985 में नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में हुए चुनाव में कांग्रेस को लगातार दो बार पूर्ण बहुमत मिली थी और उन्होंने लगातार दो बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। गौरतलब है कि केन्द्रीय पर्यवेक्षकों अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की उपस्थिति में लोकभवन में योगी को सर्वसम्मति से उत्तर प्रदेश विधायक दल का नेता चुना गया। जिसके बाद भाजपा ने योगी के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया। गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ ने 2017 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 2022 के विधानसभा चुनावों में फिर से पार्टी को पूर्ण बहुमत से जीत दिलाने में सफल रहे हैं। मार्च में संपन्न 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कुल 273 सीटों पर जीत मिली है।