–तेजी के साथ आक्सीजन की आपूर्ति में जुटे रेलवे कर्मचारी : CRB
-कोरोना से 93 हजार रेलकर्मियों एवं उनके परिजन संक्रमित
-दिल्ली को भी जल्द मिल जाएगी आक्सीजन एक्सप्रेस का टैंकर
नयी दिल्ली/ टीम डिजिटल : भारतीय रेलवे ने आज कहा कि उसके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती देश के विभिन्न भागों में त्वरित गति से ऑक्सीजन की आपूर्ति करना है और यह काम रेलकर्मी सर्वोच्च प्राथमिकता एवं पूरी सुरक्षा के साथ कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीत शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि रेलवे के लिए कोविड काल की सबसे बड़ी चुनौती देश के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। महाराष्ट्र सरकार ने 15 अप्रैल को रेलवे से संपर्क करके पूछा था कि क्या रेलवे टैंकरों में द्रवीकृत मेडिकल ऑक्सीजन की ढुलाई कर सकते हैं। इस पर रेलवे ने योजना बनायी और परीक्षण करके टैंकरों को रोड ऑन रोड ऑफ यानी रो रो सेवा के रूप में ढुलाई करने का फैसला किया। चूंकि द्रवीकृत मेडिकल ऑक्सीजन एक क्रायोजेनिक पदार्थ होती है जो अत्यधिक ज्वलनशील एवं हानिकारक पदार्थ है।
इसलिए ऑक्सीजन गाडिय़ों का परिचालन अत्यधिक सावधानी पूर्वक करना पड़ता है। इसलिए इनकी गति सीमा 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गयी है। ऑक्सीजन वाली गाडिय़ों को प्राथमिकता के आधार पर परिचालित किया जा रहा है, जिससे जल्द से जल्द ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके।
देश में मांग के आधार पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की प्रतिबद्धता जताते हुए बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि विशाखापट्नम से रायपुर के रास्ते एक गाड़ी आज नागपुर पहुंचेगी और वहां के बाद नासिक में भी कुछ टैंकर उतारने के बाद महाराष्ट्र के अन्य शहरों में ले जाएगी। इसी प्रकार से उत्तर प्रदेश के लिए बोकारो से एक गाड़ी रवाना हुई है जो कल सुबह लखनऊ पहुंची है। देश की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में बोर्ड चेयरमैन शर्मा ने कहा कि दिल्ली की सरकार की ओर से आज कुछ देर पहले ही अनुरोध प्राप्त हुआ है। रेलवे के अधिकारी तत्परता से इसकी तैयारी में लग गये हैं। दिल्ली सरकार ने टैंकर भेजने को कहा है। रेलवे का रैक लगभग तैयार है। हम दिल्ली को जल्द से जल्द ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।
कोरोना महामारी की चपेट में रेलवे कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्य भी भारी संख्या में आ गए हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा के मुताबिक रेलवे कर्मचारी फ्रंट लाइनर वर्कर हैं, और रोजाना डयूटी दे रहे हैं। इनसब के बीच वह संक्रमण के शिकार भी हो रहे हैं। देशभर में करीब 93 हजार रेलकर्मी एवं उनके परिजन कारेाना से पीडि़त हैं, जिनका इलाज रेलवे के अस्पतालों में किया जा रहा है।
देश में 3816 कोविड कोच उपलब्ध, 61056 बिस्तर की क्षमता
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने कहा कि देश में इस समय 3816 कोविड कोच उपलब्ध हैं, जिनकी क्षमता 61056 बिस्तर की है। राजधानी दिल्ली में शकूरबस्ती में 50 और आनंद विहार स्टेशन पर 25 कोविड केयर कोच उपलब्ध करा दिये गये हैं। 1200 बिस्तरों की क्षमता वाले इन कोचों में इस समय तक वहां कोई भी रोगी नहीं भेजा गया है। जबकि महाराष्ट्र के नंदूरबार में 21 कोच लगाये गये हैं, वहां इस समय करीब 32 मरीज भर्ती हैं।
वेटिंग लिस्ट होगी तो नई ट्रेन चलाएगी रेलवे
बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा के मुताबिक रेलवे इस समय 1514 विशेष गाडिय़ों का परिचालन कर रहा है। 5387 उपनगरीय गाडिय़ां एवं 947 पैसेंजर गाडिय़ों का परिचालन किया जा रहा है। अप्रैल एवं मई के महीने में 328 अतिरिक्त गाडिय़ां चलाने का फैसला हुआ है। इसके अलावा यदि कहीं भी वेटिंग लिस्ट होगी तो वहां नयी विशेष गाड़ी चला कर मुसाफिरों को गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।