नई दिल्ली /अदिति सिंह : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) में नई कमेटी के गठन का रास्ता आज साफ हो गया। 25 अगस्त को हुए आम चुनाव के बाद कानूनी दांव पेंच में उलझी कमेटी को अब आगे की प्रक्रिया करने का संकेत मिल गया है। लिहाजा, दिसम्बर के आखिर या फिर नये साल में नई कमेटी का गठन हो जाएगा। कमेटी गठन के लिए दो सदस्यों का कोरम अभी पूरा होना है। एक एसजीपीसी नामित सदस्य का चयन और दूसरा लॉटरी के जरिये निकलने वाला सिंह सभा अध्यक्ष का चयन होना है। वीरवार को हाईकोर्ट में हुई कार्रवाई के बाद गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को आगे की चुनाव प्रक्रिया करने का संकेत मिल गया। चुनाव निदेशालय ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। बता दें कि गुरुद्वारा कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की अयोग्यता का मामला अदालत में चल रहा है। इसी मसले के चलते चुनाव प्रक्रिया एवं नई कमेटी के गठन को लेकर रोक लगी थी। लेकिन, सिरसा के इस्तीफा देने और चुनावी प्रक्रिया में भाग न लेने की वजह से मामला सुलझ गया। अब एसजपीसी को एक नया सदस्य एक सप्ताह में नामित करना होगा। इसके साथ ही गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को जल्द से जल्द लॉटरी के जरिये सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष को सदस्य चुनना होगा।
-मनजिंदर सिरसा की अयोग्यता का मामला खारिज, जल्द बनेगी कमेटी
-एसजीपीसी जल्द नामित करेगा नया सदस्य, लॉटरी से निकलेगा सदस्य
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस प्रतीक जलान की अदालत में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं दिल्ली कमेटी के पूर्व प्रधान सिरसा ने संयुक्त तौर पर दायर की गई याचिका का निपटारा करते हुए नये जनरल हाउस के गठन पर लगी रोक हटा ली है। इससे दिल्ली सरकार के गुरुद्वारा चुनाव निदेशक बाकी बची कोआप्शन प्रक्रिया को पूरा करके दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के कार्यकारी बोर्ड के चुनाव करवाने की कार्रवाई कर सकेंगे। याचिकाकर्ता द्वारा यह याचिका गुरुद्वारा चुनाव निदेशक के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें सिरसा को गुरुमुखी का ज्ञान ना होने के कारण नामजदगी के लिए अयोग्य करार दिया गया था, हालांकि अदालत ने चुनाव निदेशक के आदेशों के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं दी है।
बता दें कि 51 सदस्यों के हाउस में अभी 48 सदस्यों का निर्वाचन हुआ है। जिसमें से 46 सदस्यों का चुनाव संगत ने किया है, जबकि 2 सदस्यों का चुनाव नवर्निवाचित दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सदस्यों ने को-आप्शन के जरिये किया है। वीरवार को अदालती संकेत मिलने के बाद कमेटी एक बार फिर सक्रिय हो जाएगी और सियासी दल जोड़तोड़ में लग जाएंगे। सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल अपने जीते हुए सदस्यों को जोड़े रखने के लिए नये-नये हथकंडे अपना रही है। यहां तक कि बिना नई कमेटी गठित हुए ही कई सदस्यों को चेयरमैन बना दिया। सूत्रों के मुताबिक जीते मेंबरों को अपने पाले में संतुष्ट रखने के लिए कार्यवाहक प्रबंधन ने चेयरमैनी बांटना शुरू कर दिया है। इसमें धर्म प्रचार कमेटी, एजुकेशन कमेटी, ट्रांसपोर्ट कमेटी, खरीद परचेज कमेटी, विजिलेंस, गोलक की देखभाल कमेटी बना दी गई है और उसमें चेयरमैन भी नियुक्त कर दिए गए हैं। खास बात तो यह रही है सरना दल से आए वरिष्ठ सदस्य को जोड़े रखने के लिए एक नया पद ही सृजित (प्रशासनिक चेयरमैन) कर दिया गया है। जबकि , कमेटी एक्ट के अनुसार ये कमेटियां एवं चेयरमैनी गलत है। वह भी तब बांटी जा रही है जब कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा इस्तीफा दे चुके हैं।