–कोरोना से लडऩे के लिए विशेष तरीके से रणनीति तय करने पर जोर
–प्रधानमंत्री ने कोविड-19 की स्थिति पर फिर की जिलाधिकारियों से बात
– चुनौती का सामना करते हुए नयी रणनीति और नये समाधान खोजने होंगे
-कोरोना प्रभावित 10 राज्यों के 54 कलेक्टरों से की बातचीत
नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सप्ताह में दूसरी बार जिला अधिकारियों और क्षेत्रीय अधिकारियों से बातचीत करते हुए कोरोना महामारी से निपटने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की स्थिति के अनुसार अलग-अलग रणनीति बनाने का निर्देश दिया। साथ ही जोर देकर कहा कि स्थानीय अनुभवों को साझा करने तथा पूरे देश के एकजुट होकर लडऩे की बहुत अधिक जरूरत है। भले ही संक्रमण के मामले कम हो रहे हों, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड व्यवहार के पालन को सख्ती से सुनिश्चित करने तथा गांवों को संक्रमण से मुक्त रखने का संदेश अधिक से अधिक फैलाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीरवार को सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित 10 राज्यों के 54 जिलों के कलेक्टरों एवं क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति को लेकर वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के लिए वहां की स्थिति के अनुसार अलग-अलग रणनीति बनाएं और यह सुनिश्चित करे कि गांव संक्रमण से मुक्त रहें।
Interaction with District Officials on the COVID-19 situation.
https://t.co/k2RtKzIFHY— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर महामारी ने हमें निरंतर नवाचार के महत्व और महामारियों से निपटने के तरीके सिखाये हैं। ये तरीके और रणनीति बहुआयामी होनी चाहिए क्यों वायरस अपने आप में बदलाव करने तथा अपना स्वरूप बदलने में माहिर होता है। वायरस का रूप बदलना बच्चों तथा युवाओं के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए हमें टीकाकरण की गति को तेजी से बढ़ाना होगा। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अपने-अपने जिले में कोरोना के कारण उत्पन्न स्थिति और उससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी मिलकर पूरी प्रतिबद्वता से इस चुनौती का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई चुनौतियों के समाधान के लिए हमें नयी रणनीति और नये समाधान खोजने होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में संक्रमण में कुछ कमी आई है लेकिन चुनौती अभी बनी हुई है ओर सावधानी बरते जाने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि आपके अनुभव और फीडबैक के आधार पर नीतियों को व्यावहारिक तथा प्रभावशाली बनाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की बर्बादी रोकने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए क्योंकि वैक्सीन का बर्बाद होने का मतलब है कि लोग उससे वंचित रह रहे हैं।
यूपी, हरियाणा सहित शामिल थे 10 राज्य के जिला अधिकारी
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों-छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश के डीएम और फील्ड अधिकारियों के साथ बातचीत की। साथ ही जिलों में कोरोना संक्रमण के ताजा हालात और उन पर नियंत्रण पर चर्चा हुई। इससे दो दिन पहले 18 मई को पीएम मोदी नौ राज्यों के 46 डीएम के साथ बैठक कर चुके हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान पहली बार प्रधानमंत्री सीधे डीएम से संवाद स्थापित कर रहे हैं।
टीके की बर्बादी पर प्रधानमंत्री ने जताई चिंता
टीके की बर्बादी पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक टीका व्यर्थ जाने का अर्थ व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में अक्षमता है। इसलिए उन्होंने टीके की बर्बादी रोकने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने जिंदगी बचाते हुए नागरिकों के जीवन को सुगम्य बनाने की प्राथमिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को निशुल्क राशन और आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और कालाबाजारी रोकी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये कदम लड़ाई जीतने और आगे बढऩे के लिए भी जरूरी है।
रियल टाइम मॉनिटरिंग और तकनीक पर जोर
इस मौके पर जिला अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अपने-अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति में सुधार की जानकारी दी। अधिकारियों ने रियल टाइम मॉनिटरिंग तथा क्षमता सृजन में टेक्नोलॉजी के उपयोग के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने जिलों में जन भागीदारी और जागरूकता के बारे में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।