—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में भारतीय नस्लों के बारे में कहा
नई दिल्ली /टीम डिजिटल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के नवीनतम संबोधन में, भारतीय सेना के कुत्तों -सोफी एवं विदा की बात की जिन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ‘कमेंडेशन कार्ड‘ से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों और सुरक्षा बलों के पास ऐसे बहुत सारे बहादुर कुत्ते हैं जिन्होंने अनगिनत बार बम विस्फोटों और आतंकी साजिशों को विफल करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Indian breeds of dogs are majestic!
Also highlighted the exemplary roles played by dogs in our security forces, police forces and during times of disasters. #MannKiBaat pic.twitter.com/IzThnqRi5L
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2020
उन्होंने गोला बारूद और आईईडी को सूंघ कर पता लगाये जाने के कई अन्य उदाहरण दिए और बीड पुलिस का भी उल्लेख किया जिन्होंने हाल ही में अपने श्वानीय साथी रौकी को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी, जिसने 300 से अधिक मामलों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी। प्रधानमंत्री ने कुत्तों की भारतीय नस्लों पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें पालने में कम खर्च आता है और उन्हें भारतीय वातावरण तथा परिवेश के अनुरूप बेहतर तरीके से ढाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा एजेन्सियां भी अपने सुरक्षा दस्ता के एक हिस्से के रूप में भारतीय नस्ल के इन कुत्तों को शामिल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा भारतीय नस्ल के कुत्तों पर अनुसंधान भी किया जा रहा है जिससे कि उन्हें बेहतर और अधिक लाभदायक बनाया जा सके। उन्होंने पालतु कुत्ते को पालने की योजना बनाने वाले श्रोताओं को भारतीय नस्ल का कुत्ता पालने को प्रोत्साहित किया।
स्थानीय खिलौनों के लिए मुखर होने का समय
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में, चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी ऑफ़ गांधीनगर,महिला और बाल विकास मंत्रालय,शिक्षा मंत्रालय और सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ, बच्चों के लिए नए खिलौने उपलब्ध कराने और भारत किस प्रकार खिलौना उत्पादन का एक बड़ा केंद्र बन सकता है के बारे में अपने विचार साझा किये। उन्होंने कहा कि खिलौने न केवल गतिविधि बढाते हैं,बल्कि वे हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने,न केवल मनोरंजन करते हैं,वे मन का निर्माण भी करते हैं और इरादे को भी बढ़ावा देते हैं।
Let us team up for toys.
We are working to ensure youngsters get access to more (Indian made) toys…
Also highlighted the interesting views of Gurudev Tagore on what toys should be about. #MannKiBaat pic.twitter.com/JDaSYqo4UV
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2020
प्रधानमंत्री ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा साझा किए गए खिलौनों के बारे में एक किस्सा याद किया। उन्होंने गुरुदेव द्वारा खिलौनों के बारे में कही गयी बात को रेखांकित करते हुए कहा – कि सबसे अच्छा खिलौना वह है जो अधूरा है,एक ऐसा खिलौना जिसे बच्चे खेलते समय पूरा करते हैं। गुरुदेव कहते थे कि खिलौने ऐसे होने चाहिए कि वे बच्चे के बचपन के साथ-साथ उसकी रचनात्मकता को भी बाहर लाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में,बच्चों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर खिलौनों के प्रभाव पर बहुत ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि कई कुशल कारीगर हैं, जिनके पास अच्छे खिलौने बनाने की दक्षता है। कर्नाटक के रामनगरम में चन्नपटना,आंध्र प्रदेश के कृष्णा में कोंडापल्ली,तमिलनाडु में तंजावुर,असम में धुबरी,उत्तर प्रदेश में वाराणसी जैसे देश के कुछ भाग खिलौना क्लस्टर के रूप में विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक खिलौना उद्योग 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है,लेकिन फिलहाल इसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है।
प्रधानमंत्री ने विशाखापट्टनम के सी वी राजू द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की, जिन्होंने उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले ईटी-कोप्पाका खिलौने बनाये हैं,जिससे इन स्थानीय खिलौनों का गौरव वापस आया है। उन्होंने खिलौनों के लिए उद्यमियों को टीम बनाने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि यह स्थानीय खिलौनों के लिए मुखर (वोकल फॉर लोकल) होने का समय है। कंप्यूटर गेम के रुझान के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने अपने इतिहास के विचारों और अवधारणाओं पर गेम बनाने का सुझाव दिया।