–गृहमंत्रालय ने दी रेलवे को विशेष यात्री ट्रेन चलाने की हरी झंडी
–रेलवे बोर्ड राज्यों के साथ मिलकर तय करेगा यात्रियों की संख्या
–टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी सुरक्षा रेलवे तय करेगा
–आधा दर्जन राज्यों ने की है विशेष ट्रेन की मांग
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली / टीम डिजिटल: कोविड-19 के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों, श्रद्वालुओं, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को लाने से जाने के लिए गृहमंत्रालय ने भारतीय रेलवे को विशेष ट्रेन चलाने की हरी झंडी दे दी है। साथ ही कहा कि इसके लिए राज्य और रेलवे बोर्ड आवश्यक प्रबंध करेंगे। गृह सचिव ने कहा कि रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। इसके अलावा रेल मंत्रालय आवागमन को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित करेगा।
इस बीच रेल मंत्रालय ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी करके कहा है कि वे राज्यों से उनकी डिमांड का पता करें। अगर सबकुछ ठीक रहता है तो आज-कल में कई और स्पेशल ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र से अपने लोगों को लाने के लिए अनुमति दे दिया है। हालांकि बिहार ने अभी तक रजामंदी नहीं दी है।
इससे पहले गृह मंत्रालय ने कोरोना महामारी के कारण देशभर में लागू पूर्णबंदी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों को सड़क मार्ग से केवल बसों में लाने ले जाने की अनुमति दी थी।
प्रधानमंत्री आवास पर शुक्रवार को हुई एक अहम बैठक में इस बारे में फैसला हुआ। बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा शामिल रहे। बता दें कि गुरुवार को ही बिहार, तेलंगाना और पंजाब ने केंद्र सरकार से फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन चलवाने की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता में कहा कि राज्य और रेलवे बोर्ड मिलकर इसके लिए जरूरी इंतजाम करेंगे।
यात्रियों की यात्रियों की स्क्रीनिंग कराएगा रेलवे
गृह मंत्रालय द्वारा विशेष ट्रेन चलाने की अनुमति देने के बाद रेल मंत्रालय ने इस संबंध में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रेलवे ने कहा है कि राज्य ट्रेन पर चढऩे के स्थानों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग कराएंगे, केवल उन्हीं को यात्रा की अनुमति दी जाएगी, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखेंगे। रेल मंत्रालय ने कहा है कि विशेष ट्रेन फंसे हुए लोगों को भेजने या प्राप्त करने के लिए प्रोटोकॉल के तहत दोनों राज्यों के अनुरोध पर चलाई जाएंगी। रेल मंत्रालय ने कहा कि केवल उन्हीं यात्रियों को भेजा जाएगा जिनमें खांसी, सर्दी या बुखार जैसे लक्षण नहीं होंगे। भेजने वाले राज्य सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडो और अन्य सावधानियों के साथ सेनिटाइज बसों में निर्धारित रेलवे स्टेशन पर बैच में लाना होगा। गंतव्य पर पहुंचने के बाद यात्रियों को राज्य सरकार के हवाले किया जाएगा, जो यात्रियों के स्क्रीनिंग, क्वारंटीन संबंधी सभी की व्यवस्था करेंगे।
यात्रियों के लिए मास्क या फेस कवर पहनना अनिवार्य
यात्रियों के लिए मास्क या फेस कवर पहनना अनिवार्य होगा। यात्रियों को भोजन और पीने का पानी उन्हें भेजने वाला राज्य प्रारंभिक स्टेशन पर ही उपलब्ध कराएगा। सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। लंबे समय की यात्रा में रेलवे यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करेगा। अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनके गृह राज्य की सरकार उनकी स्क्रीनिंग, क्वारंटीन आदि की व्यवस्था करेगी।
इन शहरों के बीच फिलहाल चलेंगी ट्रेन
रेल मंत्रालय ने बताया कि ये ट्रेनें तेंलगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया, महाराष्ट्र के नासिक से उत्तर प्रदेश के लखनऊ, केरल अलुवा से ओडिशा के भुवनेश्वर, नासिक से मध्यप्रदेश के भोपाल, राजस्थान के जयपुर से बिहार के पटना और राजस्थान के कोटा से हटिया के बीच चलेंगी। रेलवे ने पहली ऐसी ट्रेन शुक्रवार सुबह 4.50 बजे हैदराबाद से झारखंड को रवाना की। इस ट्रेन से 1200 यात्री भेजे गए।
सैनिटाइज बसों में यात्रियों को स्टेशन तक लाएं राज्य
रेलवे ने कहा है कि यात्रियों को भेजने वाले राज्य यात्रियों को समूह में लाएं जिससे ट्रेन में उनके बैठने की व्यवस्था करने में आसानी हो। रेलवे ने यह भी निर्देश दिया है कि यात्रियों को भेजने वाले राज्य उन्हें सैनिटाइज की हुई बसों में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन कराते हुए ही स्टेशन तक लाएं।
रेलवे के लिए एक मुश्किल भी है
इन सबके बीच रेलवे के लिए परेशानी का सबब ये है कि ट्रेनें चलाने के ऐलान के बाद कहीं स्टेशनों पर भारी भीड़ ना जुट जाए। मुंबई में ऐसी ही अफवाह पर हजारों प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए बान्द्रा स्टेशन पर जमा हो गए थे। रेलवे को टेंशन है कि अगर दोबारा ऐसा हुआ तो हालात बेकाबू हो जाएंगे। इतनी भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ जाएंगी और कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।