-कृषि बिलों, महंगाई, पेट्रोल डीजल, कोरोना आदि मुद़दे को लेकर विपक्ष ने घेरा
— लोकसभा दो बार और राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार हुई स्थगित
– प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नये मंत्रियों का परिचय कराते हुए जमकर हंगामा
–मंत्रिमंडल में शामिल नये मंत्री की नागरिकता को लेकर विपक्ष ने की टिप्पणी
–नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 पेश, थोड़ी देर हुई चर्चा
नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : संसद के मानसून सत्र का पहला दिन किसानों से जुड़े मामलों, महंगाई, कोरोना, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों सहित अन्य मुद्दों की भेंट चढ़ गया। हंगामे और शोर शराबे के बीच शुरू हुई सदन की कार्यवाही विपक्षी दलों ने नहंी चलने दी। विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद तथा राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान लोकसभा में कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका। किसानों से जुड़े मुद्दों, पेट्रोल-डीजल की महंगाई तथा अन्य मसलों पर विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये बने मंत्रियों का सदन से परिचय भी नहीं करा सके। विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के चलते नये मंत्रियों का परिचय दोनों सदनों में नहीं करवाए जाने से क्षुब्ध प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष की महिला, आदिवासी एवं दलित विरोधी मानसिकता के कारण यह सब किया जा रहे हैं क्योंकि नये बने मंत्रियों में से अधिकतर इन्हीं वर्गों के हैं। उन्होंने इसे दलित-आदिवासी और महिला विरोधी मानसिकता करार दिया।
Speaking at the start of the Monsoon Session of Parliament. https://t.co/QENuZOzQRh
— Narendra Modi (@narendramodi) July 19, 2021
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि नये मंत्रियों का सदन में परिचय करवाने की परंपरा पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से चली आ रही है और इस परंपरा को तोडऩा लोकतंत्र की परंपराओं को हानि पहुंचाना है।
राज्यसभा में मंत्रिमंडल में हाल ही में शामिल हुए एक नये मंत्री की नागरिकता को लेकर विपक्षी सांसदों की टिप्पणी पर भी हंगामा हुआ। हंगामे और शोर-शराबे के बीच ही नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 पेश किया गया और इस पर थोड़ी देर चर्चा भी हुई जो अधूरी रही। राज्यसभा में भी अभिनेता दिलीप कुमार और खिलाड़ी मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा में सभापति एम वैंकया नायडू ने सबसे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को सदन का नेता बनाए जाने की घोषणा की।
हर मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रधानमंत्री द्वारा सभी मंत्रियों का परिचय कराना संसदीय परम्परा रही है।
अपने 24 वर्षों के संसदीय जीवन में पहली बार मैंने देखा है कि इस परम्परा को तोड़ा गया है।
– श्री @rajnathsingh, रक्षा मंत्री pic.twitter.com/GNvcDTLw6T
— BJP (@BJP4India) July 19, 2021
इसके बाद उन्होंने दिवंगत वर्तमान सदस्य रघुनाथ महापात्र एवं राजीव सातव तथा वरिष्ठ अभिनेता दिलीप कुमार और महान धावक मिल्खा ङ्क्षसह सहित 13 लोगों को पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी। इनमें सदन के 10 पूर्व सदस्य शामिल हैं। वर्तमान सदस्य महापात्र एवं सातव के सम्मान में बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित किया गया।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये मंत्रियों का परिचय कराने के लिए जैसे ही खड़े हुए विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते प्रधानमंत्री अपनी बात नहीं कह सके। तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने उच्च सदन में नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। सदन के नेता गोयल ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और इसमें सच्चाई नहीं होने का दावा करते हुए उपसभापति हरिवंश से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आग्रह किया। उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर समाज के एक वर्ग विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया और उपसभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया। इसके जवाब में हरिवंश ने कहा, इसका परीक्षण किया जाएगा।
विपक्ष के हंगामे से संसद की वर्षों पुरानी परंपरा तार-तार
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के मंत्रिमंडल में दलित, ओ.बी.सी वर्ग और महिलाओं को बड़ी जगह मिली है लेकिन कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने राज्यसभा और लोकसभा में शोर मचा नहीं होने दिया उनका परिचय। pic.twitter.com/OnCx3EvqHZ
— BJP (@BJP4India) July 19, 2021
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू के होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चार नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। इसके बाद सदन ने 17वीं तथा पिछली लोकसभाओं के 40 दिवंगत पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। किसानों, महंगाई, पेट्रोल-डीजल के दानों को लेकर विपक्ष के हंगामे को लेकर लोकसभा की कार्यवाही लगातार दूसरी बार डेढ़ घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। अपराहन दो बजे कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई, विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य हाथों में तख्तियां लिए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए। साथ ही नारेबाजी करने लगे। उन तख्तियों में किसानों, पेट्रोल-डीजल के दामों, महंगाई को लेकर नारे लिखे हुए थे। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन विपक्षी सांसदों पर कोई असर नहीं हुआ। इस पर उन्होंने अपराह्न साढ़े तीन बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। अपराह्न साढ़े तीन बजे भी कांग्रेस, टीएमसी, द्रविड़ मुनेत्र कणगम, शिरोमणि अकाली दल एवं वामदालों के सांसदों ने असान के आसपास जमा होकर नारेबाजी शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यां से अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उन्हें हर विषय और मुद्दे पर चर्चा करने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि वह सदन को पुन: आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जासूसी मामले में रखा सरकार का पक्ष
इस दौरान केंद्रीय संचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शोरशराबे के बीच ही इजराइली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके राजनीतिज्ञों, पत्रकारों एवं अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों की जासूसी कराने के आरोपों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर एक बयान पढ़कर सरकार की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने रिपेार्ट का खंडन करते हुए कहा कि इस सनसनी के पीछे जो भी कारण हो, पर कोई भी तथ्य नहीं है। भारत में स्थापित प्रोटोकाल के कारण अवैध रूप से किसी भी जासूसी या निगरानी करना संभव नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि संसद के मानसून सत्र से पहले जासूसी से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है और संसद के सत्र से ठीक एक दिन पहले ये रिपोर्ट आना कोई संयोग नहीं है। उन्होंने कहा कि जब नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है। विपक्षी दलों का हंगामा कम नहीं होता देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।