तिरुपति /अदिति सिंह । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश नारी शक्ति का सही उपयोग कर अपने लक्ष्यों को तेजी से हासिल कर सकता है। प्रधानमंत्री ने राज्यों के श्रम मंत्रियों और सचिवों के दो दिन के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, हमें सोचना होगा कि हम अपने महिला कार्यबल के लिये खासकर उभरते क्षेत्रों में और क्या कर सकते हैं।उन्होंने कहा, हम काम के लचीले घंटों को अपनाकर नारी शक्ति का अच्छा उपयोग कर सकते हैं। यह भविष्य की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, काम करने के स्थान, घर से काम करने की सुविधा का परिवेश और काम के घंटों में लचीलापन भविष्य की जरूरत है। हम महिला श्रमशक्ति के लिये अवसर पैदा करने को लेकर लचीले कार्यस्थलों जैसी प्रणालियों का उपयोग कर सकते हैं।
महिला शक्ति का उपयोग कर अपने लक्ष्यों को हासिल करेगा देश
—हम नारी शक्ति का अच्छा उपयोग कर सकते हैं,
प्रधानमंत्री ने त्वरित निर्णय लेने और उन्हें तेज गति से लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि चल रही चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने कहा, देश पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ उठाने में पीछे रह गया। मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिये हमें त्वरित निर्णय लेने और इसे तेजी से लागू करने की भी जरूरत है। दुनिया तेजी से बदल रही है। इसका लाभ लेने के लिये हमें भी उसी गति से तैयार होना होगा।
Addressing the National Labour Conference of Labour Ministers of all States and Union Territories. https://t.co/AdoAlnJFrl
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2022
मोदी ने यह भी कहा, भारत की सफलता 21वीं सदी में इस बात पर निर्भर करेगी कि हम जनसंख्या संबंधी लाभ का कितनी सफलता से उपयोग करते हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाला कुशल कार्यबल सृजित कर वैश्विक अवसरों का लाभ ले सकते हैं।ऑनलाइन बाजार और सेवाओं में वृद्धि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, देश सही नीतियों और प्रयासों से इस क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बना है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के कई देशों के साथ आव्रजन एवं आवाजाही साझेदारी समझौता कर रहा है। उन्होंने सभी राज्यों से इन अवसरों का लाभ उठाने को कहा। हमें इसके लिये प्रयास बढ़ाने होंगे और एक-दूसरे से सीखना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के उद्देश्य से प्रमुख कदमों में से एक है। इसकी शुरुआत के एक साल के भीतर ही 400 क्षेत्रों के लगभग 28 करोड़ श्रमिकों का पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है। इससे खासकर निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को लाभ हुआ है। उन्होंने सभी राज्यों से अपने-अपने पोर्टल को ई-श्रम से जोडऩे को कहा। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी केंद्र की विभिन्न योजनाओं ने श्रमिकों को सुरक्षा कवच प्रदान किया है। उन्होंने कहा, पिछले आठ साल में उनकी सरकार ने औपनिवेशिक काल से चले आ रहे कानूनों को खत्म करने के लिये कदम उठाया है।
उस समय के 29 कानूनों को चार सरल श्रम संहिताओं में बदल दिया गया है। ये न्यूनतम मजदूरी, नौकरी, सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा हासिल करने में कार्यबल को सशक्त बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान छोटे एवं मझोले उद्योगों के लिये आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) से 1.5 करोड़ नौकरियां बचाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भी कामगारों की मदद के लिये आगे आया और महामारी के दौरान कर्मचारियों को हजारों करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया। इस मौके पर केंद्रीय श्रम, पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय श्रम, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली और अन्य लोग उपस्थित थे। सम्मेलन में ई-श्रम पोर्टल के एकीकरण, स्वास्थ्य से समृद्धि, चार श्रम संहिताओं के तहत नियम बनाने और श्रमेव जयते 2047 दृष्टिकोण जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।