–लाखों रुपये के टेंट, तिरपाल एवं कंबल फर्जी कंपनी से खरीदे गए
–आर्थिक अपराध शाखा द्वारा धारा 420, 406 एवं 120 बी के तहत केस दर्ज
–सिरसा के निजी सचिव नरिंदर सिंह के खिलाफ भी गड़बड़ी की शिकायत
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली पुलिस की आॢथक अपराध शाखा (EOW) ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदरर सिंह सिरसा एवं अन्यों के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया है। यह मामला गुरु की गोलक से से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है, और 2015-16 का है। उस वक्त मनजिंदर सिंह सिरसा गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव थे। जबकि मंजीत सिंह जीके तत्कालीन अध्यक्ष थे। शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के PRO भूपिंदर सिंह की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच के उपरांत मनजिंदर सिंह सिरसा एवं अन्य के खिलाफ धारा 420, 406 एवं 120 बी के तहत वीरवार की शाम को केस दर्ज किया। इसमें शिकायत दर्ज कराई गई थी कि दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) ने 1054 टेंट, 10060 कंबल, 1632 पीस तिरपाल करीब एक करोड़ रुपये कीमत के खरीदे थे। कमेटी ने जिस कंपनी अंबिका एम्जीम प्राइवेट लिमिटेड एवं वाणी टे्रडिंग कंपनी से माल खरीदा था, बाद में वह फर्जी निकली।
बता दें कि शिरेामणि अकाली दल दिल्ली के भूपिंदर सिंह ने इसकी शिकायत शुरुआत में दिल्ली पुलिस के थाना नार्थ एवेन्यू में 18 मार्च 2019 में कराई थी। इसके बाद कमेटी की तरफ से जीएम धर्मेद्र सिंह जीएम ने तत्कालीन जीएम हरजीत सिंह सूबेदार के खिलाफ केस दर्ज करवाया। दिल्ली पुलिस ने इसकी शिकायत को भी भूपिंदर सिंह की शिकायत में नत्थी करके एक ही एफआईआर (नंबर 20/2021) वीरवार की शाम 7 बजे दर्ज र्की। दिल्ली पुलिस ने यह मामला जांच करने के बाद दर्ज किया है।
सूत्रों के मुताबिक PRO भूपिंदर सिंह की दूसरी शिकायत मनजिंदर सिंह सिरसा के निजी सचिव नरिंदर सिंह के खिलाफ थी, जिसमें नरिंदर सिंह ने अपने रिश्तेदार की कंपनी इंडियन रेफ्रिजनेशन कंपनी से वाटर कूलर, आरओ आदि खरीद कर लाखों रुपये के बिल डालकर नायाजय फायदा किया गया। इसके अलावा तीसरी शिकायत भी निजी सचिव नरिंदर सिंह के खिलाफ ही थी। जिसमें दस्ती कैश के नाम पर 27 मई 2015 को 3 लाख रुपये, 1 जून 2015 को 4 लाख, और 9 लाख अलग से गुरुद्वारा कमेटी के खजाने से लिए। इस रकम की निकासी में सिर्फ एक ही अधिकारी केहस्ताक्षर थे।
बता दें कि कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ इससे पहले भी एक एफआईआर दिल्ली की राउज एवेंन्यू कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई थी। लेकिन उसमें सिरसा का सीधे नाम नहीं लिखा गया था।
उधर, दिल्ली पुलिस ने बताया कि सिरसा और अन्य लोगों के खिलाफ बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया गया था। उन पर धोखाधड़ी करने और गुरुद्वारे के कोष से टेंट, कंबल और त्रिपाल खरीदने के नाम पर एक करोड़ रूपए का बेहिसाब भुगतान करने का आरोप है। उन्होंने कहा कि डीएसजीएमसी को मिलने वाले कोष में एक पक्षकार भूङ्क्षपदर ङ्क्षसह की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सिरसा के बचाव में उतरे सुखबीर बादल, बीजेपी के इशारे पर केस दर्ज
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ धोखाधड़ा का केस दर्ज होने के बाद उनके बचाव में शिरेामणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल मैदान में उतर गए। साथ ही सिरसा के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करके उनके खिलाफ शुरू किए गलत अभियान की घोर निंदा की। बादल ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सिरसा तथा अन्य के खिलाफ एक शिकायत के संबंध में मामला दर्ज किया गया है जो 2018 में डीएसजीएमसी के तत्कालीन अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के खिलाफ दायर किया गया था। हालांकि सिरसा का मूल शिकायत में नाम नहीं था, लेकिन अब उनका नाम शामिल किया गया है जबकि मंजीत सिंह जीके का नाम बाहर रखा गया है। इससे पता चलता है कि भाजपा द्वारा अपने विरोधियों के खिलाफ किस तरह पुलिस तथा अन्य जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया जा रहा है।