New Delhi/ सुरभि उपाध्याय : भागदौड भरी जिंदगी, बदलती लाइफ स्टाइल (life style) और आधुनिकता (Modernity) की इस अंधी दौड में हम कहां जा रहे हैं यह हमें भी नहीं पता चल रहा है। पेशेवर प्रतिबद्धताओं और व्यक्तिगत मुद्दों ने सभी को जकड़ लिया है और इन सभी आवश्यकताओं के बीच वे अपना स्वास्थ्य खो रहे हैं। इन दिनों लोग अपने दैनिक जीवन में इतने व्यस्त हो गए हैं कि वे भूल गए हैं कि एक स्वस्थ जीवन जीने के क्या मायने हैं। वर्तमान में दिन-प्रतिदिन आधुनिकता बढ़ती जा रही है। इसका विशेष प्रभाव पड़ रहा है हमारे खान-पान, रहन-सहन और पहनावे पर। लेकिन हम अक्सर घरेलू बजट में सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। सबसे ज्यादा कटौती सेहत को दुरुस्त रखने वाले खाने की चीजों पर ही करते हैं।
इसका बुरा नतीजा भी आगे चलकर दिखने लगता है। बीमारियां दस्तक देने लगती हैं। हम स्वस्थकर आदतें अपनाकर अपनी जीवन शैली को सुधार सकते है यदि हम प्रातः भ्रमण, योगा व मेडिटेशन का जीवन में समावेश करें तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा हो पाएगा। शरीर में अनेक शक्तियाँ निहित हैं, यदि हम उन शक्तियों को पहचान लेंगे तो हम निरोग रहेंगे। वैसे भी आजकल की पीढ़ी शहर हो गांव सभी कम्यूटर मोबाइल, बर्गर, पिज्जा और देर रात की पार्टियों पर आधारित है-मूल रूप से ये सब अस्वास्थ्यकर है।
ऐसे मे :-
1. खाना यह देखकर खाएं कि क्या हेल्दी है और क्या अनहेल्दी।
2. थाली में आधा हिस्सा सलाद का हो। 2 फल हर दिन जरूर खाएं। इन चीजों को अपनाने से बजट थोड़ा बढ़ जाएगा, लेकिन यह शरीर पर इन्वेस्टमेंट है। आगे सिर्फ प्रॉफिट ही प्रॉफिट मिलेगा।
3. खाने में अनाज की मात्रा 20 फीसदी से ज्यादा न हो।
4. रोजाना 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लेंगे तो स्ट्रेस कम होगा और ऊर्जावान भी रहेंगे।
5. सुबह 5 से 6 बजे के बीच उठने की आदत डाल लें और आधा घंटा कसरत या योग करें।
6.कार्ब्स और प्रोटीनयुक्त भोजन करें। सोने से लगभग एक घण्टा पहले भोजन करने की आदत डालें।
7.सुबह उठकर एक गिलास दूध, जिसमें मलाई ना हो ले सकते हैं। इसके साथ 3-4 बादाम खाएँ।
8.शाम को थोड़ी मात्रा में स्नैक्स जैसे- जूस, फल, ग्रीन टी, नट्स आदि लेने से ऊर्जा का स्तर बना रहता है।
9.नाश्ते में अंकुरित अनाज, मौसमी फल या उपमा ले सकते हैं। नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
10.दोपहर के भोजन में दाल, रोटी, सब्जी, चावल एवं सलाद ले सकते हैं। इसके साथ में एक कप दही या छाछ भी लेना चाहिए।
11.रात में कम एवं हल्का भोजन करना चाहिए। रात के भोजन में चावल ना लें। केवल रोटी, सब्जी एवं सलाद ले सकते हैं|
मानसिक विकास के लिए संतुलित भोजन जरूरी
अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए संतुलित भोजन मूल आधार है। वायु और जल के बाद शरीर के लिए भोजन ही आवश्यक होता है। भोजन ग्रहण करने पर पाचक रस उस पर अपना काम करता है, और भोजन से जरूरी पोषक तत्व शरीर द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। इससे ही आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है। मनुष्य जिस तरह का भोजन ग्रहण करता है, उस पर ही मनुष्य की स्वास्थ्य स्थिति निर्भर करती है। इसलिए हर व्यक्ति को संतुलित आहार का पालन करना जरूरी होता है।
इन चीजों से जरूर बना लें दूरी:-
नशा : किसी भी तरह का नशा सेहत के लिए खतरनाक है। चाहे स्मोकिंग करें या फिर वाइन लें, दोनों ही बुरी सेहत से दोस्ती रखते हैं।
स्क्रीन का कम इस्तेमाल : स्क्रीन के ज्यादे इस्तेमाल से आंखों और दिमाग दोनों पर असर पड़ता है। सोने से 1 घंटा पहले इनसे दूरी बना लें।
स्ट्रेस : जो होना है, वही होगा। हम ईमानदारी से सिर्फ कोशिश ही कर सकते हैं। यही सोच रखनी चाहिए। इससे तनाव कम होगा और हर दिन की छोटी-छोटी परेशानियों से काफी हद तक निजात मिल सकता है।
बाहर का खाना : बाहर का खाना जीभ को बहुत भाता है, लेकिन शरीर के लिए खतरनाक है। वहीं तय वक्त न खाना और देर रात खाना खतरनाक है।