—केंद्रीय भाजपा मुख्यालय से वर्चुअल रूप से बठिंडा के किसानों से सीधे बात की
–राजनीतिक पार्टियों को किसानों द्वारा उनके आन्दोलन से दूर रहने की चेतावनी
–कृषि बिलों को लेकर भाजपा ने सभी मंत्रियों को मैदान में उतारा
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : भाजपा ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधी संशोधित कानूनों के बारे में किसानों व आढ़तियों को जागरूक करवाने के लिए अपने वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतार दिया है। इसी कड़ी में वीरवार को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने केंद्रीय भाजपा मुख्यालय से वर्चुअल रूप से बठिंडा के किसानों से सीधे बात की। इस मौके पर भाजपा के राष्टीय महासचिव तरुण चुग, राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. संबित पात्रा एवं आरपी सिंह मौजूद रहे। स्मृति ईरानी ने इस मौके पर कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सड़क से संसद तक जनता को आश्वसत किया की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रबंधन पर कोई आंच नही आयेगी, फिर भी पंजाब में और पूरे देश भर में कांग्रेस पार्टी ने जान-बूझ कर कृषि संशोधन बिल के खिलाफ भ्रम फैलाया। जबकि किसानों ने साफतौर पर सभी राजनीतिक पार्टियों को उनके आन्दोलन से दूर रहने की चेतावनी दे रखी है। अब यह राजनीतिक दल जनता में अपनी साख बचाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतारे हुए हैं।
स्मृति ईरानी ने कहा कि इस समय किसान अपनी फसल मंडियों में ला रहे हैं और केंद्र द्वारा घोषित की गई एमएसपी पर सरकारी एजंसियों को अपनी फसल बेच रहे हैं। 15 अक्टूबर तक तीन लाख मेट्रिक टन तक धान की खरीदी प्रक्रिया पूरी हो चूकी है और आगे भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सारा प्रबंध संचालित होगा। यह तथ्य कांग्रेस के गले की हड्डी बन गया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा यह भ्रम फैलाया गया कि कृषि उपज मंडी समिति का कानून धवस्त हो जायेगा, लेकिन पंजाब का किसान इस बात से भली-भांति वाकिफ हो चुका है कि कृषि उपज मंडी समिति के कानून को केंद्र सरकार ने हाथ तक नहीं लगाया।
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कपास की खरीद के लिये हमने बार-बार कांग्रेस से आग्रह किया कि पैसा सीधे किसानों तक पहुँचाने में हमारी मदद कीजिए, लेकिन किसान विरोधी पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा इसमे कोई सहयोग नही मिला। कांग्रेस ने ना सिर्फ किसानों को भ्रमित करने का पाप किया, बल्कि आढ़तियों को भी सशक्त नहीं होने दिया, लेकिन आज पंजाब का आढ़ती प्रदेश के किसी भी कोने मे बैठे किसान से व्यापारिक संबंध बना सकता है। स्मृति ईरानी ने कहा कि यह कांग्रेस का दोगलापन ही है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह उल्लेख किया था कि कांग्रेस आते ही कृषि उपज मंडी समिति का कानून निष्क्रिय कर देगी। इसके अलावा 2013 मे कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने स्वयं कहा था कि कृषि उपज मंडी समिति के कानून को खत्म करना उचित है।
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स्मृति ईरानी ने कहा कि किसान विधेयक को लेकर कांग्रेस के लोगों में खासकर रिश्वत लेने वालो मे बेचैनी का माहौल है। छह दशकों में कांग्रेस सरकार ने किसानों के हित के लिये कुछ नहीं किया तथा केंद्र सरकार ने एक वर्ष मे 90 हजार करोड रुपये की राशि सीधा किसानों के खाते तक पहुँचाई है। इस बिल के पारित होने से किसान स्वतंत्र हो गया है तथा अपनी फसल को बेचने के लिये वो मंडियो और मध्यस्थों पर आधारित नहीं रहा है। वह अनुबंध करके अपनी फसल कहीं भी किसी को भी विक्रय कर सकता है तथा अपनी आय में वृद्धि कर सकता है । इस मौके पर भाजपा के राष्टीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के अन्दर अंतर्कलह होने के कारण कांग्रेस के क्षेत्रिय नेताओं को पंजाब की राजनीति मे खुद को स्थापित करने की होड़ लगी हुई है, जिसके कारण पार्टी के नेता अनुशासनहीनता का प्रमाण स्वत: प्रस्तुत कर रहे हैं और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहें हैं।