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Sunday, December 22, 2024

UCC पर अब सिखों ने बुलाई बैठक, बनाई 11 सदस्यीय बुद्धिजीवियों की कमेटी

नई दिल्ली /अदिति सिंह : समान नागरिक संहिता (uniform civil code) के मसले पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC)ने सिख बुद्धिजीवियों की राय जानने के लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई। बैठक की अगुवाई कमेटी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका (Harmeet Singh Kalka) व महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने किया। इस मामले पर सिखों की मांगों व आपत्तियों पर मसौदा तैयार करते हेतु 11 सदस्यीय कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया। गुरूद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर स्थित कमेटी कार्यालय में हुई बैठक के बाद कालका और काहलों ने बताया कि बैठक में 13 राज्यों के सिख प्रतिनिधियों व पूर्व न्यायाधीशों, पूर्व बैंक चेयरमैन और अन्य बुद्धिजीवियों ने भी भाग लिया। बैठक में यह फैसला लिया गया है कि अभी तक कानून का मसौदा सामने नहीं आया है इसलिए बिना किसी मसौदे के किसी भी बात का विरोध करना अनुचित है। यू.सी.सी का ड्राफ्ट सामने आने व उसका अध्ययन करने के बाद इस मामले में सिखों की मांगों व आपत्तियों का एक खाका 11 सदस्यीय कमेटी द्वारा तैयार किया जाएगा जिसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल कानून मंत्री के साथ मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा करेगा व उन्हें कौम की आम राय से परिचित करवाएगा। कालका व काहलों ने कहा कि जिस चीज का मसौदा पेश नहीं हुआ, उसे पढ़े बिना आपत्ति कैसे दर्ज की जा सकती है।

-11 सदस्यीय कमेटी सिख बुद्धिजीवियों की राय लेने जाएगी
– सिखों की मांगों व आपत्तियों पर ड्राफ्ट तैयार करेगी : कालका
-यूसीसी ड्राफ्ट सामने आने के बाद ही अगली राय बनाएंगे : काहलों

जो राजनीतिक लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह उनकी निजी राय हो सकती है दिल्ली कमेटी धार्मिक संस्था है जिसे पूरे मामले पर स्टैंड लेना है पर सर्वप्रथम मसौदा सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर राज्य में लोगों की अपनी मजबूरियां और अधिकार हैं, जिनका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हमारे ऊपर कोई भी राजनीति थोपी जाएगी तो हम इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आज की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यूसीसी के अलावा सिख समुदाय के सामने जो भी मुद्दे हैं, दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी उनकी पैरवी करे व सिख प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करते हुए सिखों के सभी मसले हल करवाए। कालका और काहलों ने कहा कि कॉमन सिविल कोड पर बैठक बुलाने की जिम्मेदारी शिरोमणि कमेटी की बनती थी। शिरोमणि कमेटी (Shiromani Committee) को बैठक बुलानी चाहिए थी जिसमें दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी, हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी (Haryana Gurdwara Committee) को भी निमंत्रण दिया जाता तथा सर्वसम्मिति के साथ आम राय कायम की जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया , हमारे द्वारा बुलाई गई मीटिंग को काफी समर्थन मिला है और 13 राज्यों से सर्वोच्च पदों पर रह कर सिखों की नुमाईंदगी करने वाले प्रतिनिधि शामिल हुए हैं जिन्होंने कौम के मुद्दों पर चर्चा की और सर्वसम्मति से निर्णय लिए। बैठक में रविंदर सिंह आहूजा प्रेस सिख फोरम, पूर्व सांसद तरलोचन सिंह, दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa), आत्मा सिंह लुबाना उपाध्यक्ष दिल्ली कमेटी, डॉ. महेंद्र सिंह, जसविंदर सिंह प्रिंसिपल एसजीटीबी खालसा कॉलेज, जतिंदरबीर सिंह प्रिंसिपल गुरु गोबिंद सिंह कालेज आफ कामर्स पीतमपुरा, सुखबीर सिंह कालरा सदस्य दिल्ली कमेटी, सुरिंदर सिंह जोधका, अमरजीत सिंह नारंग, मंजीत सिंह नागर, जतिंदर सिंह चीमा, जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल पूर्व अध्यक्ष हरियाणा कमेटी, एयर मार्शल पीएस भंगू, सतनाम सिंह अहलूवालिया, नरिन्द्रजीत सिंह बिंद्रा, जसबीर सिंह जयपुर, अजयपाल सिंह जयपुर, कुलदीप सिंह बग्गा हैदराबाद, एसपी सिंह गाजिय़ाबाद, परविंदर सिंह लखनऊ और गुरदीप सिंह सहोता देहरादून के अलावा अन्य गणमान्य शख्सियतें शामिल थीं।

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