मंजीत सिंह-सिरसा के बीच सियासी जंग शुरू
–सिरसा से पूछा-आप कौम के साथ है या कमलनाथ व सज्जन कुमार के
–कानूनी पिच पर कौम की लगातार हार, सिरसा दें इस्तीफा
–गुरुद्वारा कमेटी मुख्यालय बना बना साजिशों का अड्डा : जीके
( नीता बुधौलिया )
नई दिल्ली, 31 जुलाई (वरिष्ठ संवाददाता) : 6 साल तक एक साथ दिल्ली कमेटी पर सत्ता संभालने वाले कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके और वर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा में अब आमने-सामने खुली सियासी जंग शुरू हो गई है। जीके ने सिरसा के खिलाफ घेरेबंदी करते हुए सीधे ताल ठोंक दी है। साथ ही कमेटी की नाकामियों और 1984 सिख दंगों जैसे अहम मसलों में ठीक से पैरवी न करने के चलते आरोपियों के जेल से बाहर आने के पीछे सिरसा को कसूरवार ठहराया है। जीके ने कहा कि अगर सिरसा के कार्यकाल में सिख दंगों के दोषी आजाद हो जा रहे हैं तो सिरसा को कमेटी अध्यक्ष पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। लिहाजा, उन्हें तुरंत सभी पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंजीत सिंह जीके ने दावा किया कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लापरवाही के कारण सिख मसलों पर लगातार कौम को नमोशी को सामना करना पड़ रहा है। मेघालय, सिक्किम से लेकर दिल्ली तक कानूनी मोर्चे पर कमेटी की गलतियों के कारण आज कौम अपने आपको नेतृत्वविहिन महसूस कर रही है। जीके ने दावा किया कि कमेटी का दफ्तर गुरु गोबिंद सिंह भवन अब साजिशों का अड्डा बन गया है। लिहाजा, कमेटी कौम के लिए काम करने की जगह विरोधियों को झूठे आरोपों में फंसाने के लिए अपनी सारी ताकत लगा रही है। जीके ने कमेटी की तरफ से भेजे गए एक पत्र का हवाला भी दिया। साथ ही स्पष्ट कहा कि वे ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने सिरसा से पूछा कि वे बताएं कि आप सिख कौम के साथ है या मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ व सज्जन कुमार के साथ ? जीके ने दावा किया कि मुझे फंसाने के लिए स्टाफ को झूठे सबूत पैदा करने को कहा जा रहा है। बात न मानने पर ट्रांसफर करने व स्टाफ कवाटर्स खाली करवाने की धमकी दी जा रही है। जीके ने पूछा कि ऐसा क्या हो गया कि 3-4 महीनों के अंदर ही कमेटी सारी तरफ कानूनी लड़ाई को हारने की दिशा में आगे बढ़ गई है। अब तो यह भी लगता है कि जिस प्रकार कमेटी कार्य कर रही है, उससे अगर सज्जन कुमार भी जेल से बाहर आ जाए तो हैरान होने की जरूरत नहीं है। जीके ने गुरुद्वारा डांगमार केस भी इस समय कौम के पक्ष में न होने का दावा किया।
21 सिख युवाओं की फर्जी मुठभेड़ की जांच वाली याचिका खारिज
सिख नेता एवं कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने बताया कि कल दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली कमेटी द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्द्र सिंह के खिलाफ 21 सिख नौजवानों की कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कमेटी ने जल्दबाजी में दायर की याचिका में सही तथ्य नहीं रखे थे। हालाँकि कमेटी ने
सीनियर वकील हाईकोर्ट में खड़े किए थे। जबकि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक उन्होंने सफलतापूर्वक उठाया था और पंजाब सरकार को नोटिस भी हुआ था।
घोटाले का ध्यान भटका रहे हैं मंजीत सिंह : दिल्ली कमेटी
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कानूनी विभाग के चेयरमैन जगदीप सिंह काहलों ने कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के सभी बातों को सिरे से खारिज किया है। साथ ही कहा कि मनजीत सिंह जी.के पर गुरु घर की गोलक के करोड़ों रूपये के घोटाले के आरोप में मुकद्दमेे दर्ज हुए हैं, लिहाजा, वह लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मीडिया में बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे हैं। काहलो ने जी.के को सलाह दी कि कमेटी हर मसले पर कानूनी लड़ाई बहुत अच्छी तरह से लड़ रही है, आप लोगों का ध्यान यह मुद्दा उठा कर भटकाने की बजाये गोलक का करोड़ों रूपया गुरुघर को वापस करें।