— सिखों ने धार्मिक भावना भड़काने को लेकर दिल्ली पुलिस में की शिकायत
–गुरबाणी का निरादर तथा गुरु गोबिंद सिंह की बराबरी करने का लगा दोष
–मुख्यमंत्री के फेसबुक पर डले एक पोस्ट पर उतरा सिखों का गुस्सा
(खुशबू पाण्डेय )
नई दिल्ली, 26 जुलाई : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के फेसबुक पेज पर गुरबाणी को तोड़-मरोड़ को अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने की कोशिश पर सिख भड़क उठे हैं। सिखों का कहना है कि जिन पंक्तियों को कमलनाथ की उपमा में लिखा गया है, वो गुरु गोबिंद सिंह की रचना मानी जाती हैं। असल पंक्तियों में कमलनाथ की जगह गुरु गोबिंद सिंह जी का नाम हैं। इसको लेकर सिख समुदाय में नाराजगी है। सिखों ने थाना नार्थ एवेन्यू में कमलनाथ के खिलाफ धारा 153ए, 295, 499, 500, 501 तथा 505 के तहत शिकायत दर्ज करवा दी हैं। यह शिकायत दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके तथा पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने की है।
दरअसल टीम कमलनाथ की तरफ से अपने कई फेसबुक पेजों पर एक पोस्ट डाली गई थी। इसमें कमलनाथ की फोटो लगाकर सवा लाख से एक लड़ाऊँ, चिडिय़न से मैं बाज तुड़ाऊँ, तबै कमलनाथ नाम कहाऊँ, लिखकर ग्राफिक बनाया गया था। इस बारे सिख नेता जीके व भोगल ने बताया कि कमलनाथ ने एक तरह से गुरु गोबिंद साहिब की बराबरी करने तथा गुरु साहिब को छोटा समझने की कोशिश की है। गुरु साहिब के बड़े साहिबजादों तथा 40 सिखों के द्वारा चमकौर की गढ़ी में 10 लाख मुगल सेना का 4-5 सिखों के जत्थे द्वारा लड़ाई लड़कर जबरदस्त मुकाबला किया गया था। इसके बाद यह माना जाता हैं कि खौफ में आए मुगल बादशाह औरंगजेब ने सिखों की बहादुरी के बारे जब गुरु साहिब से बात की थी, तब गुरु साहिब द्वारा इसका उच्चारण किया था। साथ ही तनखाहनामा भाई नंद लाल में भी गुरु साहिब द्वारा सवा लाख से एक लड़ाऊँ का उच्चारण करने का हवाला मिलता है।
कमलनाथ के खिलाफ दी गई आपराधिक शिकायत
जीके ने बताया कि कमलनाथ के खिलाफ दी गई आपराधिक शिकायत में हमने गुरु गोबिंद सिंह के बोल को गलत तरीके से परिभाषित कर कमलनाथ पर ईशनिंदा करके सिख समुदाय के खिलाफ गालियाँ बकने की क्रिया की शुरुआत करने का आरोप लगाया हैं। साथ ही इस गलत हरकत के कारण सिख गुरु तथा गुरबाणी का दुर्भावना तरीके से असम्मान होने का दावा किया है।
सिख सिद्धांतों की रोशनी में कमलनाथ ने गलती की
जीके ने कहा कि आज हम गुरु हरक्रिशन साहिब का प्रकाश पर्व मना रहें हैं। जिनके पिता गुरु हरिराय साहिब ने अपने बड़े बेटे रामराय के द्वारा मुगल दरबार में गुरबाणी की पंक्ति को बदलने के कारण गुरतागद्दी अपने छोटे पुत्र गुरु हरक्रिशन साहिब को देना ठीक समझा था। मतलब एक गुरु पिता ने अपने बड़े पुत्र को इसलिए गुरतागद्दी नहीं दी, क्योंकि राम राय ने गुरबाणी को अपने निहित स्वार्थ के लिए बदला था। इसलिए सिख सिद्धांतों की रोशनी में कमलनाथ ने बहुत बड़ी गलती की है। भोगल ने कमलनाथ के 1984 में गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पर हमले करने के मामले का भी हवाला दिया।