-स्कूल टीचरों को 11 महीने से नहीं दिया एरियर, वेतन भी लेट
–बगावत पर उतरने की तैयारी में स्कूलों के कर्मचारी
–इंडिया गेट के कर्मचारियों ने प्रिंसिपल और लोनी रोड में बाठ को घेरा
–दिया अल्टीमेटम, जल्दी मांगें नहीं मानी तो जाएंगे अदालत
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अधीन संचालित होने वाले स्कूलों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके चलते स्कूलों के कर्मचारी कमेटी प्रबंधन के खिलाफ बगावत पर उतर सकते हैं। वीरवार को कमेटी के दो प्रमुख स्कूलों गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल इंडिया गेट एवं लोनी रोड में इसकी एक झलक देखने को मिली है। कर्मचारियों ने विरोध भी शुरू कर दिया। साथ ही अल्टीमेटम दे डाला है कि अगर जल्द से जल्द प्रबंधन उनकी मांगों को पूरा नहीं करता है तो वह अदालत की ओर रुख करेंगे। जानकारी के मुताबिक इंडिया गेट स्कूल के कर्मचारियों ने प्रिंसिपल का घेराव कर अल्टीमेटम दे दिया। साथ ही कहा कि अगर जल्द से जल्द उनके वेतन, भत्ते एवं एरियर का मसला नहीं निपटाया जाता तो वह भी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। यही हाल लोनी रेाड स्थित गुरु हरिकिशन स्कूल का रहा।
यहां के कर्मचारियों ने दिल्ली कमेटी के उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ का घेराव किया और अपनी आधादर्जन से अधिक मांगों को रखा। कर्मचारियों ने कहा कि कमेटी प्रबंधन ने 20 अप्रैल 2019 से उनका एरियर रोक रखा है। पहले 6 महीने के लिए कहा था, लेकिन अब एक साल होने चले हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। इसके अलावा डीए भी एक साल से नहीं दिया है। नाराज कर्मचारियों ने कहा कि 7वें वेतनमान के अनुसार उनको वेतन दिया जाना चाहिए। साथ ही कर्मचारियों खासकर शैक्षणिक कार्य में तैनात कर्मचारियों के ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव किया जाना चाहिए।
कमेटी में दंड के रूप में कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जाता है, लिहाजा सरकार के नियमों के अनुसार ही उनका ट्रांसफर होना चाहिए। इसके अलावा स्कूलों में जो भी नई नियुक्ति हो, उसमें नए लोगों खासकर युवाओं को तरजीह दी जानी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों के बदले रुख को देखते हुए कमेटी के उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ ने बीच का रास्ता निकाला और 31 मार्च तक कुछ सही हल निकालने का भरोसा दिया। तब जाकर विरोध खत्म हुआ। यही हाल बाकी स्कूलों में भी हो सकता है।
कर्मचारियों की जरूरी मांगे हैं, प्रबंधन सुनता ही नहीं : जसवंत कौर
गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन की महासचिव जसवंत कौर ने कहा कि कमेटी प्रबंधन के समक्ष अपनी जरूरी मांगें रखी है। कमेटी ने आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते एरियर कुछ दिनों के लिए न मांगने की बात कही थी, कर्मचारी तैयार भे हो गए और छह महीने के लिए वह बोल भी दिए। लेकिन छह महीने से वह हर स्तर पर ऐरियर सहित बाकी मांगे रख रहे हैं जिसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर प्रबंधन 31 मार्च तक उनकी मांगों पर ठीक से विचार नहीं करता है तो वह भी बाकी कर्मचारियों की तरह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। कर्मचारियों ने अपनी मांगों का एक पत्र भी प्रबंधन को दिया है।
कमेटी और स्कूलों में आर्थिक संकट है : कुलवंत बाठ
कमेटी के उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ ने माना कि दिल्ली कमेटी और दिल्ली कमेटी से जुड़ें स्कूलों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जिसके चलते समय से वेतन एवं अन्य भत्ते देने में मुश्किल आ रही है। उन्होंने कहा कि स्कूलों का खाता डि-सेंटलाइज होने की वजह से भी कुछ परेशानी बढ़ी है। लेकिन, जो स्कूल समक्ष हैं और उनकी स्थिति ठीक हो गई है, उनको कर्मचारियों की मांगें पूरी कर देनी चाहिए। बाठ ने कहा कि मैं मानता हूं कि कमेटी में और स्क्ूलों में वित्तिय संकट है, लेकिन जो स्कूल अपने स्टाप को वेतन व अन्य भत्ते व छठें वेतन आयोग का बकाया देने में समक्ष हैं उनहें फौरन दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ स्कूल तो बहुत ज्यादा वित्तिय संकट से जूझ रहे हैं, उनके बारे में कमेटी के अध्यक्ष और महासचिव से चर्चा की थी, दोबारा से फिर से चर्चा करेंगे। बाठ ने कहा कि 31 मार्च तक का समय कर्मचारियों को दिया है।