–शंटी के खिलाफ दायर याचिका अदालत ने की खारिज
–अदालत ने कमेटी के जवाब को माना आधार
–शंटी ने उलटे जीके ब्रदर्स को घेरा, सत्ता में रहे तब क्यों नहीं दिखा घोटाला
(अदिति सिंह)
नई दिल्ली : दिल्ली कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी के कथित सब्जी घोटाले के खिलाफ कमेटी सदस्य हरजीत सिंह जीके द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दायर याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। घोटाला के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए याचिका डाली गई थी। पटियाला हाउस कोर्ट की जज प्रीती परेवा ने अपने फैसले में शिकायतकर्ता के द्वारा अप्रैल से अगस्त 2012 के बीच शंटी के द्वारा लंगर के लिए खरीदी गई 4,93,72,688 रुपए की सब्जी खरीद में घोटाला होने के किए गए दावे को दिल्ली कमेटी के द्वारा सब्जी खरीद में कोई गड़बड़ न होने के दावे की रोशनी में खारिज कर दिया। शंटी ने बताया कि इस केस में वही बिल और सबूत पेश किए गए जो कमेटी के तत्कालीन संयुक्त सचिव करतार सिंह कोछड़ द्वारा पहले खारिज हुए केस में कोर्ट के समक्ष पेश किए गए थे। घोटाले के आरोपों से बरी होने के बाद शंटी श्क्रवार को दोपहर प्रेस क्लब आफ इंडिया में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
शंटी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि कोछड़ द्वारा डाला यह केस कोर्ट द्वारा 2015 में खारिज कर दिया गया था और उस समय दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ही थे और उस के 4 साल बाद भी वह कमेटी के अध्यक्ष पद पर बने रहे। इस दौरान उनको सब्जी में किसी तरह का घोटाला नजर नहीं आया। शंटी ने कहा कि उनके खिलाफ यह केस हरजीत सिंह जी.के. द्वारा उन पर दबाव बनाने के लिए उस समय डाला गया जब वह (शंटी) दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और उनके भाई मनजीत सिंह जी.के. द्वारा गुरु की गोलक की लूट के खिलाफ पटियाला कोर्ट में केस लड़ रहे हैं।
शंटी ने बताया कि इससे पहले मनजीत सिंह जी.के. द्वारा पुलिस के साथ मिलकर इस केस से बचने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए गये थे, लेकिन अदालत द्वारा तथ्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस की दी गई क्लोजर रिपोर्ट को खरिज कर दिया गया। साथ ही दोबारा ठीक से जांच कराने और सबंधित धाराएं लगाने के लिए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को ताकीद की थी।
गुरु घर की मर्यादा के उलट काम किए
शंटी ने कहा जी.के. और उसके साथियों पर नई धाराएं 409, 468, 471 द्वारा केस दर्ज करने से जी.के. के मुँह पर से झूठ का नकाब उतर चुका है और संगतों के समक्ष सच्चाई आ चुकी है कि वह कितने ईमानदार और पंथ प्रस्त हैं। उन्होंने अपने निजी फायदे के लिए गुरु घर की मर्यादा के उलट काम किए हैं। शंटी ने कहा कि इसके बाद वह हाईकोर्ट पहुँच कर अन्य धाराएं 467, 51 ब्लैक मनी एक्ट, सैक्शन 13 और 120बी लगवाने पश्चात इस केस की जांच अपराध शाखा और सी.बी.आई. से करवाने की मांग करते हुए दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगे। शंटी ने कहा कि गुरु की गोलक की इतनी बड़ी चोरी, गुरुघर की जायदादों को खुर्द बुर्द करने के आरोपी मनजीत सिंह जी.के. और उनके साथियों के खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थ्ेादार से मिलकर शिकायत भी करेंगे।
गुरुद्वारा कमेटी ने शंटी को बचाया, जाएंगे हाईकोर्ट : जीके
दिल्ली कमेटी के सदस्य हरजीत जीके ने याचिका खारिज होने का ठीकरा कमेटी पर फोड़ते हुए आरोप लगाया कि गुरमीत सिंह शंटी को बचाने के लिए कमेटी ने खुलकर मदद की हैं। सब्जी घोटाला न होने के पीछे कमेटी द्वारा बिलों के सही ऑडिट होने का हास्यास्पद दावा किया गया हैं। इसके साथ ही बिलों के एकदम दुरुस्त होने के कारण कोई घोटाला न होने की बात भी कहीं गई हैं। हरजीत जीके ने पूछा कि यदि सही ऑडिट के आधार पर शंटी ने कोई घोटाला नहीं किया हैं तो फिर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के द्वारा हस्ताक्षरित बिलों का सही ऑडिट क्या नहीं हुआ हैं ? जिसे कमेटी घोटाला बताती हैं। जबकि कमेटी का ऑडिटर खुद का नियुक्त किया आंतरिक आंकलनकर्ता होता हैं।
हरजीत जीके ने कहा कि शंटी व सिरसा की सांठ-गांठ अदालत के फैसले से जगजाहिर हो गई हैं। आखिर सिरसा को करोड़ों रुपये के सब्जी घोटाले के आरोपी शंटी को बचाने के लिए झूठे जवाब पहले आरटीआई व फिर जांच अधिकारी को देने के पीछे क्या मजबूरी थी ? हालांकि हरजीत जीके ने निचली अदालत के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का भी ऐलान किया।