–निकाह के लिए होने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए अध्यादेश जरूरी
–सौंपा ज्ञापन, बताया सिख नस्ली सफाई से हैं पीडि़त : मंजीत सिंह
नई दिल्ली/ मोक्षिता : कश्मीर में सिख लड़कियों के धर्मांतरण के मामले को लेकर सिखों ने आज यहां केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री जी कृष्ण रेड्डी से मुलाकात की। साथ ही निकाह के मकसद से कश्मीर घाटी में हो रहें सिख बच्चियों के धर्मांतरण को रोकने के लिए गुहार लगाई। इसके लिए केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में तुरंत अध्यादेश लाने की मांग की। इस मौके पर सिखों के संयुक्त शिष्टमंडल ने कश्मीरी सिखों की परेशानियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखें पत्र की प्रति भी रेड्डी को सौंपी। दल की अगुवाई जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने की। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह भी मौजूद थे।
मंजीत सिंह जीके ने कहा कि कश्मीर घाटी में सिख नस्ली सफाई से पीडि़त हैं, जिसके पीछे सरकारी नीतियां और बहुसंख्यक समुदाय का दबाव बड़ा कारण है। अनुच्छेद 370 हटने से पहले भी बहुसंख्यक समुदाय के दवाब में जम्मू-कश्मीर के सिखों को रोजगार और नौकरी के मामले में उपेक्षा का जीवन जीना पड़ा है। जबकि कश्मीर के भारत का अटूट हिस्सा बने रहने के पीछे सिखों की कुर्बानियों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
जीके ने सवाल किया कि आतंकी घटनाओं के बावजूद सिखों ने कश्मीरी पंडितों की तरह घाटी नहीं छोड़ी, बदले में सिखों को क्या मिला ? सिखों के धर्म स्थानों की जमीनों से लेकर बेटियां तक कश्मीर में सुरक्षित नहीं है। इसी तरह अनुच्छेद 370 हटने के बाद पंजाबी भाषा भी राज्य की दूसरी अधिकृत राजभाषा नहीं रहीं।
कश्मीर की शांति पाकिस्तान को अखरती है : GK
भाषा-संस्कृति से लेकर धार्मिक आजादी की आफ़त को क्यों ना नस्ली सफाई के तौर पर परिभाषित किया जाए ? जीके ने माना कि घाटी में धर्मांतरण की घटनाओं को बढ़ाने की साजिश का जिम्मेदार पाकिस्तान भी हो सकता है, क्योंकि कश्मीर की शांति पाकिस्तान को अखरती है। जीके ने बताया कि केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने पूरे मामले को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने रखने के बाद मामले को संजीदगी से हल करने का भरोसा दिया है। इस मौके निगम पार्षद परमजीत सिंह राणा, जागो के महासचिव परमिंदर पाल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष चमन सिंह, हरविंदर सिंह, बख्शीश सिंह, भाजपा के प्रदेश सचिव इम्प्रीत सिंह बख्शी, भाजपा नेता कुलदीप सिंह, जसप्रीत सिंह माट्टा तथा जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य चरणजीत सिंह मौजूद थे।