नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन संचालित गुरू हरिकिशन पब्लिक स्कूलों को बचाने एवं श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के पश्चाताप स्वरूप दिल्ली के सिखों ने रविवार को रोष मार्च निकाला। साथ ही गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब में पहुंच कर अरदास की गई। इसकी अगुवाई शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली), जागो पार्टी, केंद्रीय श्री गुरू सिंह सभा, दिल्ली की अलग-अलग जत्थेबंदियां, सिंह सभाओं, स्कूल स्टॉफ तथा अन्य कई सिख संगठनों ने मिलकर सामूहिक रूप से किया। गुरूद्वारा कमेटी के आर्थिक हालात खराब होने के चलते बंदी की कगार पर पहुंच रहे स्कूलों को बचाने के लिए स्कूल के मौजूदा पढ़ रहे छात्र एवं शिक्षा ग्रहण करके जा चुके छात्रों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। साथ ही पहली बार दिल्ली के प्रमुख औद्योगिक घरानों से जुड़े लोग भी रोष मार्च में शामिल हुए। गुरूद्वारा श्री रकाबगंज साहिब से गुरूद्वारा श्री बंगला साहिब तक निकले मार्च में प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तख्तियां पकड़ी हुई थी, जिसमें सेव जीएसपीएस, गुरूग्रंथ साहिब की बेअदबी, शर्म करो, शर्म करो, स्कूल बर्बाद, भविष्य से खिलवाड़…आदि नारे लिखे थे।
GHPS स्कूलों पर संकट, बचाने के लिए सड़क पर उतरी सिख संगतें
-गुरुद्वारा रकाबगंज से गुरुद्वारा बंगला साहिब तक पैदल मार्च, की अरदास
-अकाली दल दिल्ली, जागो पार्टी, गुरू सिंह सभा सहित कई जत्थेबंदियां शामिल
–सिखों ने कड़ी मेहनत से 1 से 13 स्कूल खड़े किए, पहुंचे बंदी की कगार पर
प्रदर्शन में दिल्ली कमेटी के तीन पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना एवं मंजीत सिंह जीके और पूर्व महासचिव जतिंदर सिंह साहनी और गुरमीत सिंह शंटी शामिल हुए।
शिरेोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि अकाली दल बादल ने पंजाब में जो गुरूगं्रथ साहिब की बेअदबी की थी अभी उनके वह पाप धुले नहीं हैं कि वही पुनरावृत्ति दिल्ली में भी गुरूद्वारा रकाबगंज से करने की कोशिश की गई है। इसे दिल्ली की संगतें कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगी। सरना ने कहा कि 22 जनवरी को हुए कमेटी की कार्यकारिणी चुनाव एवं जनरल हाउस के समय श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हजूरी में पुलिस को बुलाकर गुरूग्रंथ साहिब की बेअदबी की गई है। बादल दल से संबंधित 30 सदस्यों के द्वारा बाकायदा हस्ताक्षर करके दिल्ली पुलिस को बुलाया गया था। जबकि लोकतंात्रिक तरीके से होने वाले चुनाव में दिल्ली पुलिस का अंदर आना ठीक नहीं था।
दिल्ली कमेटी के सदस्य हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि दिल्ली कमेटी के वर्तमान प्रबंधकों ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक केस डाला है, जिसमें 16 नवम्बर 2021 को स्कूल स्टाफ को वेतन तथा अन्य भत्तों को देने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है। दिल्ली कमेटी ने अपनी चुनौती याचिका में दावा किया है कि स्कूलों से संबंधित देनदारी की जिम्मेदारी दिल्ली कमेटी तथा गुरू हरिकिशन स्कूल सोसायटी की नहीं बनती है। इसमें कमेटी का कोई रोल नहीं है। सरना ने आरोप लगाया कि यह सीधे तौर पर अपनी नाकामियों और जिम्मेदारियों से पलायन है। इसी के विरोध में यह मार्च निकाला गया है। जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने कहा कि 60 साल स्कूल चल रहे हैं और इतनी मेहनत के साथ एक स्कूल से 13 स्कूल खड़े किए गए हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि आज दिल्ली कमेटी का वर्तमान प्रबंधन इसे जीरो करने में लगी है।
जागो पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने कहा कि 22 जनवरी को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदगी के पश्चाताप स्वरूप संगतों में बहुत रोष है इसको लेकर आज वह परिवार के साथ मार्च में शामिल होने को मजबूर हुए।
स्कूलों की खस्ताहाली और कर्मचारियों के हक दिलवाने के लिए लड़ रहे गुरू हरिकिशन स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन की महासचिव जसवंत कौर, पुष्पिंदर कौर, तेजिंदर कौर, हरदयाल सिंह की अगुवाई में 100 से ज्यादा स्कूलों के स्टाफ एवं विद्यार्थी विरोध मार्च का हिस्सा बनें।
इसके अलावा पहली बार दिल्ली के प्रमुख उद्योगपति इकबाल सिंह आनंद आदि ने भी स्कूलों की गिरती स्थिति पर अपना रोष जताते हुए मार्च का हिस्सा बने। राजनीति एवं धड़ेबंदी से हटकर स्कूलों को बचाने के लिए उतरे लोग इस अभियान में शामिल हुए। उनके चेहरों पर स्कूलों की गिरती साख एवं बंदी की कगार पर पहुंचे टॉप के स्कूलों का दर्द झलक रहा था।