गुरुद्वारा कमेटी में 200 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार !
–सरना का दावा, अकालियों ने 97.5 फीसदी एवं जीके ने 2.5 फीसदी किया भ्रष्टाचार
–भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी को लेकर बवाल, गरमाई सिख सियासत
–गृहमंत्री से गुहार, गुरुद्वारा कमेटी को तुरंत भंग करे सरकार
–गृहमंत्री से जल्द मिलेगी पार्टी, कमेटी में सरकार का दखल जरूरी
(आकर्ष शुक्ला )
नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में पिछले दिनों एक स्कूल में हुए 70 लाख रुपये का घोटाला उजागर होने और कार्यकारिणी बैठक में पहली बार पूर्व अध्यक्ष को भ्रष्टाचार का दोषी मानने के बाद सिख सियासत गरमा गई है। इसको लेकर शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने आज घोटालों के लिए वर्तमान कमेटी प्रबंधन केा सीधे जिम्मेदार ठहराया है।
साथ ही दिल्ली एवं केंद्र सरकार से दखल की मांग की है। सरना ने कहा कि गुरुद्वारा कमेटी में वर्तमान में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा बढ़ गया है, लिहाजा कमेटी प्रबंधन को तुरंत बर्खास्त कर नये सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए। साथ ही प्रबंध की जिम्मेदारी किसी बोर्ड को देनी चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरना ने कहा कि कमेटी की कार्यकारिणी में पिछले दिनों 5 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार करने का दोष पूर्व कमेटी अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके पर लगाया था। साथ ही उसकी वसूली करने की बात की थी। लेकिन, जब हमने (परमजीत सिंह सरना) 2013 में कमेटी छोड़ी थी तब कमेटी के पास 123 करोड़ रुपये मौजूद थे। यदि इन 7 सालों के दौरान कमेटी की हुई आमदन को और जोड़ दिया जाए तो यह रकम आज की तारीख में 200 करोड़ रुपये बनती है। अगर कमेटी की कार्यकारिणी यह मानती है कि जीके ने 5 करोड़ का भ्रष्टाचार किया है तो इसका मतलब 195 करोड़ का भ्रष्टाचार बादल दल एवं उनके समर्थकों ने किया है।
सिरसा 100 करोड़ रुपये खजाने में तुरंत जमा करवाएं
सरना ने कहा कि चूंकि, कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा अपने आप को सबसे अमीर व्यक्ति बताते हैं इसलिए 100 करोड़ रुपये उन्हें कमेटी खजाने में तुरंत जमा करवाने चाहिए। साथ ही 50 करोड़ रुपये कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका एवं 45 करोड़ रुपये शिरेामणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को जमा करवाने चाहिए। इसके अलावा 5 करोड़ की वसूली मंजीत सिंह जीके से करनी चाहिए। जीके के द्वारा 5 करोड़ का भ्रष्टाचार का दावा कमेटी प्रबंधन के द्वारा करने के बाद यह साफ हो गया है कि इन्होंने 97.5 फीसदी और जीके ने 2.5 फीसदी हिस्सा भ्रष्टाचार किया है। सरना ने दावा किया कि अगर मंजीत सिंह जीके अध्यक्ष थे तो सिरसा महासचिव की हैसियत से कमेटी चला रहे थे। वह बच नहीं सकते। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत कमेटी को भंग करके नये चुनाव करवाने चाहिए। चुनाव होने तक इसकी जिम्मेदारी किसी बोर्ड को सौंपनी चाहिए। साथ ही 6 साल के कार्यकाल की सरकारी एजेंसी द्वारा आडिट कराना चाहिए। इसके लिए पार्टी जल्द ही गृहमंत्री से मुलाकात करने वाली है।
सरना के आरोपों को कमेटी ने किया खारिज
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीबी रणजीत कौर व सयुंक्त सचिव हरविंदर सिंह के.पी ने पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना द्वारा लगाये दोषों को सिरे से खारिज किया है। साथ ही कहा है कि जिस मनजीत सिंह जी.के ने गोलक की लूट की है उसे परमजीत सिंह सरना ने अपना साथी बनाया हुआ है, जबकि दुष्प्रचार अन्यों के खिलाफ कर रहे हैं। मीडिया को जारी बयान में उपरोक्त नेताओं ने कहा कि अगर हम सरना के दावे पर विश्वास करें कि उनके पद छोडऩे के समय 200 करोड़ रुपये नकदी व प्रोजैक्ट में थे तो जी.के को जब गोलक चोरी के केस में पद से संगत ने हटाया तो उस समय खजाने में सिर्फ 10 लाख रूपये और कमेटी के सिर पर 2 करोड़ रुपये का कर्जा था। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि जी.के ने 202 करोड़ रूपये का गबन किया।
जीके को अपना साथी व सिपहसलार क्यों बनाया
जी.के गोलक चोरी के दोषी हैं तो फिर सरना संगत को बताएं कि उन्होंने जीके को अपना साथी व सिपहसलार क्यों बनाया हुआ है। बीबी रणजीत कौर ने कहा कि सरना नगर कीर्तन में एकत्र हुई संगत की माया गुरु घर में जमा करवायें और जी.के से दोस्ती की सच्चाई भी संगत को बतायें। उपरोक्त नेताओं ने कहा कि जब हमने जिम्मेवारी संभाली तो उस दिन से ना सिर्फ कमेटी की नकदी में बढ़ौतरी हुई है, बल्कि सारे प्रोजैक्ट सही ढंग से चलाये जा रहे हैं। साथ ही संगत के सहयोग से गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व समागमों की पूरी शानो शौकत से आयोजित किये गये हैं।