देवघर /टीम डिजिटल : संत्संग देवघर, झारखंड के प्रधान आचार्य, श्री श्री दादा, श्री अशोक चक्रवर्ती का 89 वर्ष की आयु में दुर्गापुर मिशन अस्पताल, पश्चिम बंगाल में यन्त्रणामुक्त निधन हो गया। वे सत्संग के संस्थापक, परम पावन श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र के जयेष्ठ पौत्र थे, जिनके विश्व में सभी देशों में लाखों भक्त हैं। श्री श्री दादा का जन्म 21 अक्टूबर 1933 को पबना जिले के हिमायतपुर गांव में हुआ था जो अब बांगलादेश में है। कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. और विधि की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात, उन्होंने स्वयं को श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र के पदचिन्हों पर चलने के लिए पूरी तरह से समर्पित कर दिया, जिन्होंने विश्व में एक ईश्वरवाद के संदेश और सभी प्राणियों में भाईचारे के आदर्शों को अपनाया और उनका प्रचार किया। भारत और विदेशों में सत्संग केंद्रों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित हुआ और उनके दिव्य मार्गदर्शन में लाखों लोगों ने सत्संग की सर्वपरिपूरक की दीक्षा प्राप्त की। श्री श्री दादा में पढ़ने की गहन उत्कंठा थी और उनमें एक असाधारण स्मरण शक्ति थी। उनके सर्वव्यापी, स्नेही व्यक्तित्व में लोगों को अपनी और आकर्षित करने का अद्भुत आकर्षण था। प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी सहित देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्री श्री दादा के निधन पर शोक व्यक्त किया।