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Thursday, November 21, 2024

संबित पात्रा ने कोविड प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार की खोली पोल

-भाजपा ने कोविड प्रबंधन पर केजरीवाल सरकार पर बोला सिलसिलेवार हमला
-आपदा में सियासत ना करने की दी नसीहत, किया अटैक
-दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति पर सच्चाई कुछ और : पात्रा
-दिल्ली की राजनीति ने कोविड के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया
-बीजेपी ने पूछे सवाल, मुबंई में हालात संभली तो दिल्ली में क्यों नहीं

नई दिल्ली, टीम डीजिटल: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कोविड प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार की नाकामी और हर समय बेवजह केंद्र को कठघरे में खड़ा करने की राजनैतिक मंशा पर बड़ा अटैक किया है। साथ ही तथ्यों के साथ बात करने की केजरीवाल (Kejriwal) सरकार को चुनौती दी।

बंगाल की यूवती के साथ किसानों ने किया यौन शोषण

इसके अलावा टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच एक बंगाली युवती के साथ तथाकथित किसान नेताओं द्वारा किये गए यौन शोषण पर भी सवाल उठाया। साथ ही कहा कि इस मामले में कई आप नेताओं के नाम भी सामने आये हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा (Dr. Sambit Patra) ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिल्ली सरकार, कोविड प्रबंधन सहित अन्य सभी मुद्दों पर सिलसिलेवार हमला बोला। साथ ही आपदा में सियासत ना करने की नसीहत दे डाली है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए उसकी प्राथमिकता तय करना बहुत जरूरी होता है।

केंद्र के आगाह करने के बाद भी दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाये

केंद्र सरकार के बार-बार कहने और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से आगाह किये जाने के बावजूद दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाये, जिसका कारण है कि दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई। केजरीवाल सरकार हर दिन राजनीति करने के लिए झूठे आरोप लगाएगी तो हमारे पास भी तथ्यों के साथ उन्हें एस्पोज करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचेगा।

दिल्ली सहित कुछ राज्य सरकारें ऑक्सीजन की कमी का ठीकरा केंद्र पर फोड़ कर अपनी नाकामियों को छुपाने की कर रही कोशिश- संबित पात्रा

डॉ पात्रा ने कहा कि कोविड संक्रमण से उत्पन्न इस विषम परिस्थिति में भी देश में राजनीति हो रही है और खास कर दिल्ली में इस राजनीति ने कोविड के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (BMC Commissioner Iqbal Singh Chahal) का जिक्र किया, जिन्होंने केंद्र की आपात मदद से मुंबई (Mumbai) में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी पर काबू पाया गया।

महाराष्ट्र में बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल का किया जिक्र

चहल के इंटरव्यू का हवाला देते डॉ पात्रा ने कहा कि दिल्ली सहित कुछ राज्य सरकारें ऑक्सीजन की कमी का ठीकरा केंद्र पर फोड़ कर अपनी नाकामियों को छुपाने की कुचेष्टा कर रही हैं जबकि सच्चाई कुछ और है। हम सब जानते हैं कि मुंबई किस तरह शानदार तरीके से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। इस विषय में प्रधानमंत्री (PM) ने भी बात की थी। इस निर्णायक लड़ाई के फ्रंटलाइन हीरो हैं बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (BMC Commissioner Iqbal Singh Chahal)। बीएमसी कमिश्नर चहल ने राज्य सरकारों के झूठ का पर्दाफाश करते हुए बताया कि कैसे कुछ ही सेकंड में उन्हें केंद्र की ओर से जवाब मिला और मुंबई (Mumbai) की ऑक्सीजन की समस्या को केंद्र की मदद से काफी हद तक हल कर दिया गया।

दिल्ली सरकार का बदहाल कोविड मैनेजमेंट

डॉ पात्रा ने कहा कि दिल्ली जैसे राज्य अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर ठीकड़ा फोड़ा, जबकि केंद्र सरकार लगातार एक साल से दिल्ली को तैयारियों के लिए आगाह कर रही थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री (CM) हर दिन टीवी पर आकर लोगों को भ्रमित और गुमराह कर सिचुएशन को खराब कर रहे हैं। हम राजनीति नहीं करना चाहते, क्योंकि यह समय सब को साथ लेकर आगे बढऩे और कोरोना को हराने का समय है, लेकिन जब झूठे आरोपों की राजनीति शुरू होगी तो हमें भी सच्चाई रखने को मजबूर होना पड़ेगा।

सीएम केजरीवाल ने जनता को किया गुमराह

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 26 अप्रैल को अरविन्द केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार 1.34 लाख वैक्सीन डोज के ऑर्डर देने वाली है और इसके लिए मंजूरी दी जा चुकी है, जबकि आज बता रहे हैं कि दिल्ली के पास कुछ भी नहीं है। दिल्ली सरकार के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) कहते हैं कि दिल्ली सरकार ने वैक्सीन (vaccine) का कोई ऑर्डर नहीं दिया। सच्चाई यह है कि भारत सरकार द्वारा राज्यों को दी जा रही मुफ्त वैक्सीन डोज के अलावा दिल्ली सरकार ने केवल 5.50 लाख वैक्सीन का ऑर्डर प्लेस किया है, जिसमें 4.50 लाख कोवीशिल्ड (Coveshield) हैं जबकि 1 लाख कोवैक्सीन (Co-vaccine)। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने टीवी पर कोरा झूठ बोला और अपनी इमेज चमकाने के प्रयास में दिल्ली की जनता को केवल और केवल गुमराह किया।

वैक्सीनेशन को लेकर झूठ बोल रहे हैं केजरीवाल

डॉ पात्रा ने केजरीवाल सरकार की वैक्सीनेशन नीति को लेकर बड़ा हमला करते हुए कहा कि सबसे पहले फेज में हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन लगने थे। दिल्ली में हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए फस्र्ट डोज का कवरेज 77.67 फीसदी कवरेज था जबकि सेकंड डोज का कवरेज केवल 53 फीसदी रहा। इसी तरह दिल्ली में फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए फस्र्ट डोज का कवरेज 79 फीसदी था जबकि सेकंड डोज का कवरेज केवल 50 फीसदी ही रहा। 60 साल से अधिक आयु के लोगों के वैक्सीनेशन में दिल्ली में फस्र्ट डोज का कवरेज 48.88 फीसदी था जबकि सेकंड डोज का कवरेज केवल और केवल 17.29 फीसदी रहा।

केजरीवाल ने वैक्सीनेशन की जगह अपना पूरा फोकस विज्ञापन के जरिये अपनी इमेज चमकाने पर रखा

इसी तरह 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के वैक्सीनेशन में दिल्ली में फस्र्ट फेज का कवरेज भी केवल 41.08 फीसदी रहा जबकि सेकंड डोज का कवरेज केवल और केवल 8.93 फीसदी रहा। दिल्ली वासियों, केजरीवाल सरकार की ये हकीकत है। जब अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को वैक्सीनेशन को लेकर राज्य में एक पॉलिसी बनानी थी, तब उन्होंने अपना पूरा फोकस विज्ञापन के जरिये अपनी इमेज चमकाने पर रखा, स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की उन्होंने तनिक भी कोशिश नहीं की की।

ऑक्सीजन की आपूर्ति पर राजनीति, ऑक्सीजन ऑडिटिंग पर आनाकानी

मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर केजरीवाल सरकार की राजनीति पर हमला करते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) मेडिकल ऑक्सीजन के हिसाब-किताब में भी राजनीति करते हैं। जब केंद्र सरकार ने दिल्ली को 730 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की तब केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को इसके लिए धन्यवाद दिया और कहा कि दिल्ली को जितनी जरूरत थी, उतने की आपूर्ति केंद्र सरकार ने की। इसके कुछ ही मिनट के बाद आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) दिल्ली सरकार का ऑक्सीजन बुलेटिन जारी करते हुए कहते हैं कि दिल्ली को तो 976 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है। दिल्ली सरकार न तो ट्रांसपोर्टेशन के लिए क्रायोजेनिक टैंकर की व्यवस्था कर पाती है, न ही ऑक्सीजन का मैनेजमेंट कर पाती है। और तो और, ऑक्सीजन का हिसाब-किताब तो केजरीवाल सरकार रखना ही नहीं चाहती।

संबित पात्रा ने कहा केजरीवाल सरकार ऑक्सीजन ऑडिट कराना ही नहीं चाहती

केजरीवाल सरकार ऑक्सीजन ऑडिट कराना ही नहीं चाहती जबकि केजरीवाल सरकार के मंत्री इमरान हुसैन (Imran Hussain) के यहां से 400-500 ऑक्सीजन सिलिंडर बरामद होते हैं। क्या ऑक्सीजन सिलिंडर के उपयोग इस हालत में भी वोट बैंक के लिए किया जाएगा और यदि देश के हर विधायक इस तरह से ऑक्सीजन सिलिंडर जमा करने लगें तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई का क्या होगा? आखिर क्यों केजरीवाल सरकार मेडिकल ऑक्सीजन की ऑडिटिंग नहीं कराना चाहती। कहां जा रहा है ऑक्सीजन?

मोहल्ला क्लिनिक बना केजरीवाल सरकार का हो-हल्ला क्लिनिक

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि 2015 में सत्ता में आने से पहले केजरीवाल जी ने कहा था कि हम दिल्ली के अस्पतालों में 30 हजार बेड और जोड़ेंगे। मोहल्ला क्लिनिक पर बड़ी-बड़ी बातें की गई लेकिन क्या मोहल्ला क्लिनिक में आरटी-पीसीआर टेस्ट होता है, क्या मोहल्ला क्लिनिक में ऑक्सीजन बेड हैं, क्या मोहल्ला क्लिनिक में कोविड का प्राथमिक उपचार भी हो रहा है? जवाब है -नहीं। केजरीवाल सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक को हो-हल्ला क्लिनिक बना कर रख दिया है। हाईकोर्ट की भी इस संबंध में कड़ी टिप्पणी आई है। केजरीवाल सरकार बताये कि जिस दिल्ली में उन्होंने मोहल्ला क्लिनिक (Mohalla Clinic) को सब सेंटर बनाया, उसका कोरोना (Corona) के खिलाफ लड़ाई में क्या योगदान है?

केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद स्वास्थ्य व्यवस्था पर लापरवाही

भाजपा प्रवक्ता ने 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह चेतावनी की तरह है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में महज 348 आईसीयू बेड्स ही हैं। जब बीज ही नहीं बोया जाएगा तो छांव की उम्मीद कैसे की जा सकती है? इसी तरह 07 अप्रैल 2020 को एक साल पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से कहा था कि आप इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन में कन्वर्ट कर सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार के कहने के बावजूद दिल्ली सरकार ने कुछ नहीं किया और आज रोना रोते हैं कि हमें ऑक्सीजन नहीं दिया जा रहा। दिसंबर 2020 में दिल्ली सरकार के आठ अस्पतालों में आठ पीएसए बनाने की बात हुई थी। पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) से पैसे दिए जाने के बावजूद केजरीवाल सरकार एक भी पीएसए (PSA) शुरू नहीं कर पाई।

किसान आंदोलन में युवती से गैंगरेप, आम आदमी पार्टी की मिलीभगत

भाजपा प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक बंगाली युवती के साथ तथाकथित किसान नेताओं द्वारा गैंगरेप किये जाने की खबर मीडिया में आई है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उस युवती की कोरोना से अब मृत्यु हो चुकी है। हम सब जानते हैं कि केजरीवाल जी, उनकी सरकार और केजरीवाल जी की टीम ने टिकरी बॉर्डर पर वाई-फाई और खाने-पीने की कैसे व्यवस्था कराई थी और आम आदमी पार्टी के कई नेता इस बॉर्डर पर कथित किसान आंदोलन में शामिल थे। उन्होंने कहा कि योगेन्द्र यादव (Yogendra Yadav) भी इस बलात्कार की घटना से वाकिफ थे लेकिन उन्होंने पुलिस को कुछ भी नहीं बताया। इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता अनूप सिंह छनौत और अनिल मलिक पर बलात्कार के आरोप हैं। इनकी तस्वीरें अरविन्द केजरीवाल के साथ हैं और ये आम आदमी पार्टी (AAP) के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।

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