नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : भारतीय रेलवे ने महिला यात्रियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए ऑपरेशन महिला सुरक्षा शुरू किया है, जिसके तहत मात्र एक महीने में 7000 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। ये वो लेाग हैं जो महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में अनाधिकृत रूप से यात्रा कर रहे थे। 3 मई से लेकर 31 मई तक चले अभियान में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 150 लड़कियों एवं महिलाओं को मानव तस्करी का शिकार होने से भी बचाया। आरपीएफ के मुताबिक महिलाओं की सुरक्षा हमेशा भारतीय रेलवे के लिए सर्वोपरि रही है। रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे के अग्रिम पंक्ति कर्मचारी भारतीय रेलों में महिलाओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।
-महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में यात्रा करने के आरोप में 7000 गिरफ्तार
-यात्रियों को जागरूक करने के लिए 5742 अभियान आयोजित किए
-3 मई से 31 मई तक देशभर में आरपीएफ ने चलाया अभियान
बता दें कि ट्रेनों से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को उनकी पूरी यात्रा के दौरान बढ़ी हुई और बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अखिल भारतीय पहल मेरी सहेली भी शुरू है। इसके तहत प्रशिक्षित महिला अधिकारियों और कर्मियों की 283 टीमें (223 स्टेशनों को समाहित करते हुए) प्रतिदिन औसतन कुल 1125 महिला आरपीएफ कर्मियों की तैनाती के साथ, भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। इन्होंने इस अवधि के दौरान 2 लाख 25 हजार से अधिक महिलाओं के साथ बातचीत की और उन्हें अंत तक सुरक्षा प्रदान की।
इस अवधि के दौरान पुरुष और महिला आरपीएफ कर्मियों की मिश्रित संरचना के साथ ट्रेन एस्कॉर्ट ड्यूटी भी व्यापक रूप से लगाईं गई। मिश्रित एस्कॉर्ट ड्यूटी कुछ महीने पहले शुरू हुई है और इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक रेल उपयोगकर्ताओं को उनकी यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा और ‘क्या करें और क्या न करें’ के बारे में शिक्षित करने के लिए 5742 जागरूकता अभियान भी चलाए गए। महीनेभर की अवधि वाले इस लंबे अभियान के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए ऐसी 10 महिलाओं की जान बचाई जो ट्रेन में चढ़ते, उतरते समय फिसल गई थीं और जिनके चलती ट्रेन के पहियों के नीचे आ जाने की पूरी आशंका थी। प्रवक्ता के मुताबिक भारतीय रेलवे अपने रेलवे नेटवर्क पर महिला सुरक्षा आवरण को बढ़ाने के लिए तत्पर और दृढ़प्रतिज्ञ है।