-सड़कों पर गाड़ी चलाते समय कानून तोड़ने पर नहीं बचेंगे
-10 लाख की आबादी वाले सभी शहरों के चौराहों पर तकनीकी पहरा
-हाईटेक तरीके से रखी जाएगी इलेक्ट्रॉनिक निगरानी
-सड़क सुरक्षा और यातायात कानून-पालन के लिये अधिसूचना जारी
–केंद्र ने सभी राज्यों को दिया निर्देश, सख्ती से कराएं पालन
नई दिल्ली/ खुशबू पाण्डेय : सड़क पर वाहन चलाते समय अब आपको और ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। लिहाजा, गाड़ी चलाते समय किसी प्रकार के नियम कानून को ना तोड़े, अन्यथा चालान कटना तय होगा। सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यातायात कानून-पालन के लिये केंद्र सरकार और ज्यादा सख्ती करने जा रही है। इस व्यवस्था को राजधानी दिल्ली और दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद सहित देश के 132 शहरों को शामिल किया गया है। इसके लिए सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर सभी राज्यों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि यातायात कानूनों का पालन कराने के लिये इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विस्तार हर हाल में किया जाना चाहिए। इसमें स्पीड पकडऩे वाला कैमरा, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गन, शरीर पर धारण करने वाला कैमरा, मोटर के डैशबोर्ड पर लगाने वाला कैमरा, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट की पहचान सम्बंधी उपकरण (एएनपीआर), वजन बताने वाली मशीन और अन्य प्रौद्योगिकियां शामिल की गई हैं।
केंद्र सरकार ने अपने निर्देश में कहा है कि राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि यातायात कानूनों का पालन कराने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों के अति जोखिम तथा अति व्यस्त रास्तों पर लगाया जाये। इसके अलावा कम से कम उन सभी प्रमुख शहरों के महत्त्वपूर्ण चौराहों-गोल चक्करों पर इन उपकरणों को लगाया जाये, जिन शहरों की आबादी दस लाख से अधिक हो। पहले चरण में 132 शहरों को चिनिहत किया गया है। कानून लागू कराने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इस तरीके से लगाया जायेगा, जिसके कारण न तो कोई बाधा पैदा होगी, न देखने में दिक्कत होगी और न यातायात में कोई व्यवधान पड़ेगा।
और सख्ती से होगा चालान, धाराएं निर्धारित
नये नियमों के अनुसार निर्धारित गति-सीमा के दायरे में वाहन नहीं चलाने पर (धारा 112 और 183)के तहत चालान होगा। इसके अलावा अनधिकृत स्थान पर वाहन रोकना या पार्क करन पर धारा 122) के तहत चालान काटा जाएगा। वाहन चालक और पीछे बैठी सवारी के लिये सुरक्षा का ध्यान न रखने पर धारा 128 एवं हेलमेट न पहनना पर धारा 129 के तहत कार्रवाई होगी। लाल-बत्ती पार करना, रुकने के संकेत का पालन न करना, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना, कानून का पालन न करते हुये अन्य वाहनों से आगे निकलना या उन्हें ओवरटेक करना, यातायात की विपरीत दिशा में वाहन चलाना, वाहन को इस तरह चलाना, जिसकी अपेक्षा एक सावधान और होशियार चालक से नहीं की जा सकती और उस होशियार चालक को यह भान हो कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है पर धारा 184 के तहत कार्रवाई होगी।
सभी चालान इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में होंगे
परिवहन मंत्रालय के मुताबिक निर्धारित वजन से अधिक भार लेकर गाड़ी चलाने पर धारा 194 की उपधारा-1 के तहत एवं बिना सेफ्टी-बेल्ट के गाड़ी चलाने पर धारा 194बी, मोटर वाहन (चालक) नियम, 2017 (धारा 177ए) के नियम 6 (अपनी लेन में गाड़ी चलाना) की अवहेलना, माल ढोने वाले वाहनों में सवारी बैठाने पर धारा 66 के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा आपातकालीन वाहनों को निकलने का रास्ता देने में कोताही करना (धारा 194ई)के तहत चालान होगा। नियम 167 के तहत जारी होने वाले सभी चालान इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में होंगे और यातायात नियमों का उल्लंघन होते ही वे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी तथा कानून-पालन प्रणाली के जरिये अपने-आप तैयार हो जायेंगे।
चालान में सभी सूचनाएं दर्ज होंगी
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक यातायात नियम का उल्लंघन करने का ब्योरा और वाहन की नंबर प्लेट की फोटो सबूत के तौर पर दर्ज होगी।कानून लागू कराने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से पैमाइश। नियम-उल्लंघन की तिथि, समय और स्थान। अधिनियम के जिस प्रावधान का उल्लंघन किया गया है, नोटिस में उसका हवाला होगा। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की पहचान दर्ज होगी उसे तथा प्रस्तुत करने के तरीके का विवरण होगा, उस इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में उल्लंघन पकडऩे वाले उपकरण का विवरण होगा, जिससे पता चलेगा कि वह इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड कंप्यूटर से स्वमेव तैयार हुआ है। इसके अलावा राज्य सरकार की तरफ से अधिकृत अधिकारी का हस्ताक्षर रहेगा।
यूपी के 17 और पंजाब में 9 शहरों का चयन
पंजाब के 9 शहरों में डेरा बस्सी, गोविंदगढ़, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, नया नांगल, पठानकोट-डेराबाबा, पटियाला, अमृतसर को चुना गया है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद, गजरौला, गाजियाबाद, झांसी, कानपुर, खुर्जा, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, रायबरेली, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ को शामिल किया गया है। हरियाणा के फरीदाबाद एवं दिल्ली को भी चुना गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 13, बिहार की 3, चंडीगढ़, गुजरात के 4, हिमाचल के 7 शहर, जम्मू-कश्मीर के 2, झारखंड के 3, मध्य प्रदेश के 7, कर्नाटक के 4, महाराष्ट्र के 19, नागालैंड केे 2, उड़ीसा के 7, राजस्थान के 5, बंगाल के 7, उत्तराखंड के 3 शहरों को चुना गया है।