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Friday, November 22, 2024

संसद में खुलासा, देशभर से दो साल के बीच 13 लाख 13 हजार 78 महिलाएं लापता

नई दिल्ली/ अदिति सिंह। देश में महिलाओं के लापता होने की घटना कम होने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा संकलित आंकड़ों को पिछले सप्ताह संसद में पेश किया गया जिससे पता चलता है कि पूरे देश में साल 2019 से 2021 के बीच 13.13 लाख लड़कियां और महिलाएं लापता हुईं जिसमें 18 साल से अधिक उम्र की 1061648 महिलाएं और उससे कम उम्र की 251430 लड़कियां शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में लापता महिलाओं के आंकड़े बताए हैं। इसके मुताबिक, 2019 से 2021 के बीच देशभर से 13 लाख 13 हजार 78 महिलाएं लापता हुईं। इसमें 10 लाख 61 हजार 430 महिलाएं 18 साल के ऊपर की है। वहीं, 2 लाख 51 हजार 430 नाबालिग हैं। सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और और महाराष्ट्र से आए है। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर इस तरह के मामलों में आगे है।

—केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में लापता महिलाओं के आंकड़े बताए
—मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 2 लाख केस, दूसरे नबंर पर पश्चिम बंगाल

इन दो सालों में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक मध्य प्रदेश से कुल 1 लाख 98 हजार 414 महिलाओं के लापता होने की घटनाएं सामने आई हैं। इसमें 18 साल से ज्यादा उम्र की 1 लाख 60 हजार 180 महिलाएं और 38 हजार 234 नाबालिग हैं।

संसद में खुलासा, देशभर से दो साल के बीच 13 लाख 13 हजार 78 महिलाएं लापता
इसी प्रकार पश्चिम बंगाल से 1 लाख 93 हजार 511 महिलाएं लापता हुईं, जिसमें 1 लाख 56 हजार 905 महिलाएं 18 साल से ज्यादा उम्र की है जबकि 36 हजार 606 नाबालिग हैं। महाराष्ट्र से 1 लाख 91 हजार 433 महिलाएं लापता हुईं। ओडिशा से 86 हजार 871 महिलाएं और छत्तीसगढ़ से 59 हजार 933 महिलाएं लापता हुईं।
खास बात यह है कि केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली में सबसे ज्यादा केस दर्ज। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 61 हजार 54, 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं और 22 हजार 919 नाबालिग लड़कियां लापता हुईं। जम्मू-कश्मीर से 8,617 महिलाएं और 1148 नाबालिग लड़कियां लापता हुई हैं।
इसको लेकर केंद्र सरकार ने आंकड़ों को संसद में पेश करने के दौरान कहा कि हमने महिला सुरक्षा के लिए पहल की है। यौन हिंसा के खिलाफ कानूनों को सख्त किया जाएगा, जिसमें क्रिमिनल लॉ एक्ट 2013 भी शामिल है। 2018 में संशोधित कानून के मुताबिक 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ हो रही यौन हिंसा के खिलाफ सजा को सख्त किया गया था। इसमें फांसी समेत कठोर सजा के प्रावधान तय किए गए थे।
इस एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के 2 महीने के भीतर कार्रवाई पूरी कर अगले 2 महीने में सुनवाई पूरी करने का प्रावधान है।

सरकार ने संसद में कहा कि इसके लिए हमने पूरे देश में इमरजेंसी नंबर 112 लॉन्च किया, जो कंप्यूटर से जुड़ा होगा। जहां से फोन आएगा, वहां की लोकेशन ट्रैक कर लेगा।
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर 8 शहरों में स्मार्ट पुलिसिंग की जा रही है। ये शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 20 सितंबर 2018 में साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल शुरू किया। इस पोर्टल पर नागरिक अश्लील सामाग्री की रिपोर्ट कर सकते है। यौन अपराधियों की जांच और ट्रैकिंग के लिए एक डेटा बेस भी लॉन्च किया गया है।

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