नई दिल्ली/ वाराणसी/ खुशबू पाण्डेय: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया। उन्होंने एयरपोर्ट से सीधे बनारस लोकोमोटिव वर्क्स कारखाने का निरीक्षण किया और कारखाने में कैसे बनता है इंजन उसको बारीकी से देखा। इस मौके पर रेलमंत्री ने एक—एक सेक्शन में गए और प्रत्येक कर्मचारियों, इंजीनियरों से बातचीत की। कई दशक बाद कोई रेलमंत्री इंजन कारखाने में पहुंचा और कर्मचारियों का दुख दर्द बांटा। बताते हैं कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पहले कहीं और जाना था, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने कार्यक्रम में बदलाव करते हुए सीधे बीएलडब्यू पहुंच गए। मंत्री जी कार्यालय में मीटिंग करने की बजाय इंजन बनता हुआ लाइव देखा। उन्होंने खुद इंजन के केबिन में जाकर इंजीनियरों से एक—एक चीज के बारे में विस्तार से बातचीत की।
—देर शाम अधिकारियों, वेंडरों के साथ ही बैठक, स्टेशन का दौरा किया
—रेलवे कालोनियों का औचक निरीक्षण किया, खुली पोल, लगाई फटकार
—परियोजनाओं की सेवित जोनल रेलों के महाप्रबंधकों के साथ समीक्षा की
बनारस लोकोमोटिव वर्क्स कारखाने में भारतीय रेलवे के लिए डीजल और बिजली के रेल इंजन बनाए जाते हैं। इस मौके पर रेलमंत्री को कारखाने की गतिविधियों से अवगत कराया गया। रेलमंत्री ने इस दौरान वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन, हाईटेक और आधुनिक बन चुके मडुवाडीह रेलवे स्टेशन का दौरा किया और एक—एक चीजों को देखा। रेलमंत्री काशी में घाट पर भी गए जिसका जीणोद्वार हाल ही में किया गया था। इस बीच रेलमंत्री बनारस के जनसंपर्क कार्यालय और भाजपा कार्यालय भी पहुंचे, कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की।
रेलवे कालोनियों, जर्जर क्वार्टरों की हालत देख दंग रह गए रेलमंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार की देर शाम अचानक अपने प्रोग्राम में बदलाव करते हुए रेलवे कोलोनियोें की ओर चल पडे, जहां शायद ही कोई बडा अधिकारी जाना पसंद करता होगा। रेलवे कालोनी में पहुंचते ही वहां की हालत देख रेलमंत्री दंग रह गए और खुद जर्जर क्वार्टरों को देखा। रेल कर्मचारियों के परिवारों ने अपना दुखडा भी सुनाया कि बारिश में कैसे उन्हें मुसीबतों से जूझना पडता है। जर्जर क्वार्टरों, गंदगी, पानी, बिजली की समस्या देख मंत्री जी ने महाप्रबंधक को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां तुरंत बिजली, पानी, सफाई, सीवरेज जैसी समस्याओं का हल होना चाहिए। टूटी सडकों की मरम्मत तत्काल हो जाना चाहिए।
एक घंटे में निकला रेलवे बोर्ड का नया आर्डर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव देर शाम एक बैठक के दौरान लोकल वेंडरों एवं कंपनियों के सवालों से घिर गए। सवाल था कि लोकल कंपनियों एवं स्थानीय वेंडरों को कारखाने में तरजीह नहीं मिलती है। रेलवे बोर्ड का एक सकुर्लर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फार वोकल के एजेंडे की राह में रोडा बना था। वेंडरों की शिकायत पर रेलमंत्री ने मामला समझा और तुरंत रेलवे बोर्ड को आदेश देकर आधे घंटे में पुराने सिस्टम को बदल डाला। रेलमंत्री की इस पहल से अब लोकल प्रोडक्ट की सप्लाई बनारस लोकोमोटिव वर्क्स कारखाना सहित बाकी जगहों पर भी हो पाएगी। इसको लेकर वेंडरों ने रेलमंत्री की जमकर तारीफ की।
वाराणसी के जनप्रतिनिधियों से मिले रेलमंत्री, सुनी समस्याएं
बनारस लोकोमोटिव वर्क्स कारखाने में उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी बात की । उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों, नीलकंठ तिवारी और रविन्द्र जायसवाल, सांसद, बी.पी. सरोज, विधाकगण सुरेन्द्र नारायण सिंह और शरद प्रसाद, एमएलसी केन्द्र नाथ सिंह और केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री, डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय के प्रतिनिधि हेमंत सिंह ने रेल मंत्री के समक्ष अपनी मॉंगे रखीं। रेल मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले उत्तर प्रदेश में रेल परियोजनाओं के विकास पर जहाँ 1,100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च किये जाते थे, वहीं वर्तमान सरकार द्वारा 12,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च किये जा रहे हैं ।
रेलवे की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा बैठक ली
रेलमंत्री ने क्षेत्र में चल रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा बैठक ली । रेलवे ने हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूर्ण किया है, कई और पर बहुत तेजी से कार्य चल रहा है । इन्हें भी शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा । बैठक में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, उत्तर पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी, उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार और बनारस लोको वर्क्स की महाप्रबंधक अंजली गोयल भी उपस्थित थीं। परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि सभी कार्यों को समय पर पूरा करने के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता भी सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि क्षेत्र और समूचे देश के लोग लाभान्वित हो सके ।
वाराणसी में चकाचक हुए रेलवे स्टेशन और यात्री सुविधाएं
भारतीय रेलवे धार्मिक और पर्यटन महत्व वाले स्टेशनों पर बेहतर यात्री सुविधाऍं प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। धार्मिक और अध्यात्मिक महत्व वाले दुनिया के सबसे पुराने जीवंत शहर वाराणसी में देश-विदेश से लाखों श्रृद्धालु और पर्यटक आते हैं । शहर के दो बडे रेलवे स्टेशनों वाराणसी शहर और बनारस में आगुंतकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए रेलवे ने अत्याधुनिक सुविधाओं, विस्तृत यात्री सहूलियतों, स्वच्छता और संरक्षा उपलब्ध कराते हुए इन स्टेशनों को पुनर्विकसित कर आधुनिक बनाया है । भारत में गंगा के किनारे बसे क्षेत्रों में जहां बहुत बड़ी आबादी रहती है और जहां महत्वपूर्ण कृषि, औद्योगिक और हस्तशिल्प का उत्पादन होता है, रेलवे वहां रेल नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान केन्द्रित कर रही है ।