-देशहित में हो सकता है कि रेलकर्मचारियों को भी समझौता करना पड़े और अफसरों को भी: रेल मंत्री
नई दिल्ली। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहाँ रेल कर्मचारियों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें सरकार की भावनाओं को समझना होगा, उसी के अनुरूप काम करके हम देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकते हैं। रेल मंत्री आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के 96 वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। अधिवेशन में रेलमंत्री के संबोधन के पहले फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. एन कन्हैया ने उनका स्वागत किया और कहाकि रेलमंत्री की अगुवाई में भारतीय रेल और तरक्की करेगी !
नए रेलमंत्री अश्ननी वैष्णव कार्यभार ग्रहण करने के बाद किसी फैडरेशन के वार्षिक अधिवेशन को पहली बार संबोधित कर रहे थे। वैसे तो उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय रेल पर अधिक फोकस नहीं किया, बल्कि ज्यादातर समय सरकार की भावना पर चर्चा की और कहाकि आज हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रास्ते पर चलना होगा, जिनका मंत्र है, सबका साथ सबका विकास। उन्होने कहाकि उज्जवला योजना हो या फिर घर घर शौचालय की बात हो, इस पर तमाम तरह की प्रतिक्रिया दी जा सकती है, लेकिन मध्यम वर्ग और गांव के लोगों के बीच जाएं तो आप उनसे बात कर समझ सकते हैं, ये कितना जरूरी काम था। चूँकि मैं स्वयं एक छोटे से गॉव का रहने वाला हूं, लिहाजा इन कार्यो की जरूरत से वाकिफ हूं ! इसलिए इसके पीछे छिपी सरकार की भावना को हमें समझने की जरूरत है।
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आज सरकार की मंशा और सोच है कि हम किसानों, दलितों, वंचितों के जीवन में कैसे सुधार लाकर उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा के साथ जोड़ सकते हैं। ये तभी संभव है जब हम अपने से पहले राष्ट्र को सामने रखेंगे। जिस दिन हमारे भीतर “ नेशन फर्स्ट “ की भावना का उदय होगा, हम देश की तरक्की में अपना योगदान और बेहतर तरीके से दे सकेंगे। रेलमंत्री ने कहाकि हमें संकीर्ण सोच से हर हाल में बाहर आना ही होगा। देशहित में हो सकता है कि रेलकर्मचारियों को भी समझौता करना पड़े और अफसरों को भी। तभी हम सरकार की मंशा और भावना पर खरे उतरते हुए आगे बढ़ सकेंगे। श्री वैष्णव ने कहाकि मैने आज अपने दिल की बात आप सभी के साथ साझा किया है।
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इसके पूर्व AIRF महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेलकर्मियों की तमाम मांगो पर विस्तार से चर्चा की और कहाकि हमारी पुरानी पेंशन बहाली की मॉग काफी पुरानी है , इस पर तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ! अप्रेंटिस की भर्ती के मुद्दे पर भी मंत्रालय में कई दौर की बात हो चुकी है , इसपर गम्भीरता से विचार कर निर्णय लिया जाना चाहिए ! महामंत्री ने कहाकि जब रेल के कर्मचारी बेहतर तरीक़े से ट्रेनों का संचालन कर रहे है , फिर निजीकरण की बात कर उनके मनोबल को गिराना ठीक नही है , मंत्रालय की मांग के अनुरूप रेलकर्मी सेवा देने में पूरी तरह सक्षम है ! इसके रिक्त पदों को भरने और कर्मचारियों के प्रोन्नति के अवसर को भी पूरा किए जाने की जरूरत है ! महामंत्री ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही रेलमंत्री फेडरेशन के साथ इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा कर प्रभावी कदम उठाएंगे !