–जीआरपी पर जल्द खत्म होगी आरपीएफ की निर्भरता
— संशोधन विधेयक को संसद की जल्द मिलेगी मंजूरी
–आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार ने गिनाई साल की उपलब्धियां
(खुशबू पांडेय)
नई दिल्ली : रेलवे सुरक्षा बल (Railway security force) को इस साल भारतीय दंड संहिता (IPC) के अंतर्गत अपराधियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही का अधिकार मिलने की संभावना है। इसके साथ ही आरपीएफ की प्रभावशीलता बढ़्रेगी और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) पर उसकी निर्भरता कम होगी। आरपीएफ के महानिदेशक अरूण कुमार ने यहां पत्रकारों को बताया कि रेलवे सुरक्षा बल अधिनियम में बदलाव करने के लिए गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, कानून मंत्रालय आदि सभी संबंधित मंत्रालयों की अनापत्ति प्रमाणन संबंधी स्वीकृति मिल चुकी है। अब इस बारे में संशोधन विधेयक को कें्रदीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद संसद में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संशोधन विधेयक इसी साल संसद की मंजूरी मिल सकती है।
इस मौके पर आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार ने बीते एक साल की पूरी उपलब्धियां भी गिनाई। इसमें सबसे खास बात यह रही कि देशभर में यात्रियों के सामान गलती से स्टेशनों एवं ट्रेनों मे ंछूट जाते हैं, उन्हें बरामद कर पूरी जांच पड़ताल के बाद असली मालिकों को आरपीएफ ने सौंपा है।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि देशभर के रेलवे स्टेशनों एवं रेलगाडिय़ों में यात्रियों के द्वारा छोड़े गए कीमती सामनों के कुल 13204 मामले रजिस्टर्ड हुए थे। इसकी कीमत 48,58,18,444 रुपये थी। आरपीएफ ने पूरी जांच पड़ताल के बाद सामनों के असली मालिकों को सौंप दिया है। इसमें सदर्न रेलवे के सबसे ज्यादा 2423 मामले रजिस्टर्ड हुए थे। इसकी वैल्यू 2.98 करोड़ रुपये की थी। इसके बाद दक्षिण मध्य रेलवे में 1704 मामलों का 3.35 करोड़ रुपये कीमत का सामान लौटाया गया। इसके बाद पश्चिमी रेलवे में 1386 मामलों में करीब 3.14 करोड़ रुपये के सामान मालिकों को आरपीएपफ ने सौंपा।
इसके अलावा रेलवे सुरक्षा बल ने बिना वजह के चैन पुलिंग कर ट्रेन रोकने के मामले में एक साल के भीतर 45,784 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके चलते 46, 223 रेलगाडिय़ां प्रभावित हुई हैं।
इसरो की मदद से आनलाइन ट्रैकिंग
आरपीएफ ने मालगाडिय़ों में चोरी की वारदात रोकने के लिए इसरो की मदद से आनलाइन ट्रैकिंग कर कार्रवाई की है। इसके तहत देशभर में 247 मामले रजिस्टर्ड हुए और 444 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी प्रकार रेलवे स्टेशनों एवं ट्रेनों में एक साल के भीतर महिला यात्रियों से छेडख़ानी एवं दुव्र्यवहार के 5938 मामले रजिस्टर्ड हुए। जिसके तहत 7151 लोगों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों पर 685890 रुपये का जुर्माना ठोंका गया। डीजी आरपीएफ ने बताया कि महिलाओं एवं विकलांगों के डिब्बों में सफर करने वाले यात्रियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरपीएफ जवानों के प्रमोशन में किया बदलाव
आरपीएफ प्रमुख अरुण कुमार ने बताया कि आरपीएफ में बीते वर्ष कुल 8543 कांस्टेबलों की भर्ती हुई है, जिसमें करीब 4078 महिला कांस्टेबलों की भर्ती की गई है। महिलाओं की भर्ती का कुल आंकड़ा किसी भी अर्धसैनिक बलों से अधिक 10 फीसदी अधिक है। आरपीएफ ने अपने जवानों में प्रमोशन पॉलिसी में सुधार किया है, जिसके तहत अब 10 वर्ष की नौकरी के साथ ही पहला प्रमोशन मिल जाएगा। वह समय से कांस्टेबल से हेडकांस्टेबल बन जाएगा।
घर से भागे 13 हजार बच्चों को RPF ने बचाया
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि एक साल के भीतर आरपीएफ ने देशभर में रेलवे स्टेशनों एवं रेलगाडिय़ों में सफर के दौरान 16457 बच्चों को सकुशल बचाया है। इसमें सबसे ज्यादा 13025 उन बच्चों को बचाया गया है, जो घर से भागे थे। इसके अलावा 446 बच्चों को मानव तस्करी के दौरान सुरक्षित बचाया गया है और सभी को उनके परिवार को सुपुर्द किया गया। इसके अलावा अपहरण करके ले जाए जा रहे 89 बच्चों को बचाया। जबकि, रेलवे परिसरों में छोड़े गए 1294 बच्चों एवं खोए हुए 1091 को आरपीएफ ने सुरक्षित बचाया है।
प्रशंसनीय महोदय, ऐसा होना आवश्यक है।