– तीसरी ‘निजी रेलगाड़ी इंदौर-वाराणसी के बीच चलेगी
-पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से चलेगी तीसरी निजी ट्रेन
–अगले तीन साल में 44 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा
–तेजस की तरह चार निजी ट्रेनेंं चलेंगी, पर्यटन स्थलों को जोड़ेगी
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : केंद्र सरकार ने आम बजट 2020-21 में रेल यात्रियों को 150 मॉर्डन व हाईस्पीड निजी ट्रेनों का तोहफा दिया है। ये सभी ट्रेनें देश के प्रमुख रूटों पर चलेंगी। इसके अलावा अगले तीन साल में 44 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा। भविष्य में निजी ट्रेनों के रूप में वंदे भारत ट्रेनों को चलाया जाएगा। बजट में चार तेजस की तरह निजी टे्रनें चलाने की बात कही गई है। इसमें से कुछ ट्रेनों को पर्यटन स्थलों से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से देश की तीसरी प्राईवेट ट्रेन चलेगी। यह ट्रेन वाराणसी से इंदौर के बीच दौड़ेगी।
RPF को मिलेंगे IPC में कार्यवाही के अधिकार
इसका दो रूट होगा। यह ट्रेन भी आईआरसीटीसी (IRCTC) की ओर से संचालित की जाएगी। यह रेलगाड़ी एक सप्ताह में तीन दिन चलेगी। दो दिन लखनऊ होते हुए और एक दिन इलाहाबाद होते हुए चलेगी। आईआरसीटीसी द्वारा संचालित इस तरह की यह पहली रेलगाड़ी होगी जिसमें चेयर कार नहीं होगी, बल्कि स्लीपर कोच होंगे।
दूध, सब्जी, मांस ढोने के लिए चलेगी किसान ट्रेन
इस रेलगाड़ी के 20 फरवरी के आसपास शुरू होने की संभावना है। संसद में बजट पेश होने के बाद रेल मंत्रालय में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (CRB) विनोद कुमार यादव ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रात में सफर तय करने वाली इस रेलगाड़ी के डिब्बे हमसफर एक्सप्रेस की तरह होंगे। पिछले कुछ महीनों में भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम ने दो मार्गों पर निजी रेलगाडिय़ों का संचालन शुरू किया है। ये मार्ग दिल्ली-लखनऊ और अहमदाबाद-मुंबई हैं। तीसरी निजी रेलगाड़ी इंदौर-वाराणसी मार्ग पर चलेगी। आगे इस तरह की भी योजना है कि देश के प्रमुख 100 रूटों पर 150 रेलगाडिय़ों का संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाये। इसके तौर तरीकों पर काम किया जा रहा है और तब तक इनका संचालन आईआरसीटीसी करता रहेगा।
रेलवे का राजस्व लक्ष्य दो लाख 25 हजार करोड़ से अधिक रखा
केंद्र सरकार के बजट में 2020-21 के लिए रेलवे का राजस्व लक्ष्य दो लाख 25 हजार करोड़ से अधिक रखा गया है। पिछले साल की अपेक्षाकृत यह 9.5 फीसदी अधिक है। हालांकि इस बार रेलवे को बजटीय बहुत कम मिली है, जोकि 70 हजार करोड़ है। ऐसे में रेलवे को अपने खर्चो में भारी कटौती कर बैलेंश सीट को बैलेस करना होगा। आगामी वित्तीय वर्ष में रेलवे का ऑपरेटिंग रेशियो 97.4 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है। विदित हो कि रेलवे के बढ़ते खर्च के चलते रेलवे का ऑपरेटिंग रेशियों 98.44 फीसदी पहुंच गया था। यानी 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये खर्च हो रहे थे।
550 रेलवे स्टेशनों का पुर्नविकास किया जाएगा
बजट के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि 27 हजार किलोमीटर रेलमार्गो का विद्युतीकरण किया जाएगा। साथ ही 550 रेलवे स्टेशनों का पुर्नविकास किया जाएगा। मल्टी ट्रैकिंग के तहत रेल लाइनों का दोहरीकरण, तिहरीकरण व चौथी लाइन बिछाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा डीजल इंजन के स्थान पर इलेक्ट्रिकल इंजन चलाकर खर्चे को घटाया गया है। इसे आगे जारी रखा जाएगा। 4 रेलवे स्टेशनों का पुर्नविकास शुरू हो गया है। इसमें नागपुर, ग्वालियर, अमृतसर एवं साबरमती स्टेशन है। ये सभी पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल पटरियां बिछाने के साथ ही सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का शुक्रवार को प्रस्ताव दिया तथा कहा कि पर्यटक स्थलों को जोडऩे के लिए तेजस की तरह की और ट्रेनों को चलाया जाएगा।
स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाली दुनिया में पहली होगी भारतीय रेल
भारतीय रेल अगले पांच साल में दुनिया की पहली ऐसी रेल बन जाएगी जो पूरी तरह से स्वच्छ ऊर्जा से चलेगी तथा दस साल में खपत की दोगुनी से अधिक 10 गीगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा का उत्पादन करने लगेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने केंद्रीय बजट में रेलवे के वास्ते आवंटन का पूरा विवरण दिया। साथ कहा कि बजट में रेलवे लाइनों के किनारे एवं अन्यत्र रेलवे भूमि पर सौर ऊ र्जा उत्पादन की बात कही गई है। रेलवे लाइनों के किनारे 51 हजार हेक्टेयर भूमि खाली पड़ी है। इसका इस्तेमाल करके 10 गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है। वर्ष 2020-21 में ही 1.2 गीगावट का उत्पादन होने लगेगा, जिसमें एक गीगावाट सौर ऊर्जा एवं 200 मेगावाट पवन ऊर्जा शामिल है।