– मनाया विश्व पर्यावरण दिवस, रंगोली प्रतियोगिता भी आयोजित
-वायु प्रदूषण के खतरों पर बैनर एवं पोस्टर लगाये गये
NEW DELHI. भारतीय रेलवे के सबसे बडे जोन उत्तर रेलवे ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तर रेलवे मुख्यालय, बड़ौदा हाउस में पर्यावरण के प्रति उनकी जिम्मेदारी पर जागरूकता एवं सतर्कता के लिए कर्मचारियों के लिए कार्यक्रम आयोजित किये। इस वर्ष की विषय “वायु प्रदूषण” है। वायु प्रदूषण के खतरों पर बैनर एवं पोस्टर लगाये गये। इसके अलावा बड़ौदा हाउस में एक जागरूकता रैली भी निकाली गई। रैली का नेतृत्व सुश्री अर्चना जोशी, अपर महाप्रबंधक, चन्द्रलेखा मुखर्जी, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक, अरुन अरोड़ा, प्रधान मुख्य मैकेनिकल इंजीनियर ने किया। यह कार्यक्रम उत्तर रेलवे के मैकेनिकल विभाग के तत्वावधान में पर्यावरण एवं हाउसकीपिंग विंग ने आयोजित किया। इस मौके पर उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस दौरान एक रंगोली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इससे पूर्व 2 जून को भारत स्काउट एवं गाइड ट्रेनिंग सेंटर, किशनगंज, दिल्ली में ड्राइंग एवं पेन्टिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । कार्यक्रम में विभिन्न आयु वर्गों के 82 बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर किशनगंज में एक पौधारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। अरुन अरोड़ा, प्रधान मुख्य मैकेनिकल इंजीनियर द्वारा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये गये।
इसके अलावा उत्तर रेलवे के पांचों मंडलों में पर्यावरण दिवस पर विशेष समारोह अयोजित किये गये। इन आयोजनों में सभी मंडलों में वहां के मंडल रेल प्रबंधकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
बता दें कि भारतीय रेल द्रुत परिवहन का एक व्यवहारिक माध्यम है। यह बहुत बड़े पैमाने पर रेलयात्रियों का आवागमन और माल ढुलाई का परिवहन सुनिश्चित करता है, इसलिये यह भारत की अर्थव्यवस्था का अति महत्वपूर्ण अंग है। रेलवे दूसरी परिवहन प्रणालियों की तुलना में कहीं अधिक पर्यावरण अनुकूल है। भारतीय रेल पर्यावरण के प्रति अपनी सजग है व अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
उत्तर रेलवे जो भारतीय रेल का सबसे बड़ा जोन है, हमेशा अपने मंडलों, रखरखाव कार्यशालाओं एवं उत्पादन यूनिटों के भीतर ऊर्जा कार्यकुशलता के सुधार की जरूरत पर सचेत रहता है। उत्तर रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा (कोच एवं स्टेशन की छतों पर सोलर पैनल) के उपयोग को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किये हैं और इस दिशा में किये गये कुछ कार्यों में अपनी यूनिटों में अपशिष्ट जल प्रबंधन और वर्षा जल संचयन, प्रभावी ठोस अपशिष्ट संग्रहण और स्टेशनों एवं कार्यालयों में उचित निपटान प्रक्रिया, जीरो नाइट सॉयल डिस्चार्ज के लिए कोच में जैव-शौचालयों का पूर्ण उपयोग, रेलवे भूमि विशेषकर रेलवे ट्रैक के किनारे बड़ी संख्या में पौधारोपण, जीवाश्म ईधन पर निर्भरता कम करने के लिए मार्गों का विद्युतीकरण, सभी रेलवे परिसरों एवं स्टेशनों में 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग सिस्टम शामिल हैं।
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