चंडीगढ़ /टीम डिजिटल : पंजाब सरकार ने अपनी शगुन योजना के तहत भवन एवं अन्य निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए एक अप्रैल से अनुदान की राशि 31,000 रुपये से बढ़ा कर 51,000 रुपये कर दी है। शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार शाम वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) कल्याण बोर्ड की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की। बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियां’ शगुन योजना के तहत अनुदान प्राप्त कर सकती हैं। बयान में कहा गया है कि योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने मौजूदा शर्तों में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत किसी भी धार्मिक स्थल–गुरुद्वारा, मंदिर और गिरजाघर-द्वारा जारी वैध विवाह प्रमाण पत्र इस उद्देश्य के लिए स्वीकार्य होंगे। इसमें कहा गया है कि कुल रकम का 50 प्रतिशत अग्रिम भुगतान लिया जा सकता है, शेष रकम संशोधित नियमों के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर प्रदान किया जाएगा। बयान के अनुसार ङ्क्षसह ने कोरोना वायरस से संक्रमित श्रमिकों या उनके परिवार के सदस्यों को 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने एक अन्य फैसले में निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटना में किसी श्रमिक की मृत्यु होने पर दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। यदि वह व्यक्ति निर्माण बोर्ड में पंजीकृत नहीं था तब भी उसके परिजन को यह राशि मिलेगी, बशर्ते कि वह पंजीकृत निर्माण श्रमिक के तौर पर पंजीकृत होने के लिए योग्यता रखता हो। सीएम ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र जमा करने के लिए मौजूदा समयसीमा छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष तक करने की भी घोषणा की क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण कई श्रमिक समय से आवेदन नहीं कर सके। निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए सालाना वजीफे में वृद्धि की भी घोषणा की गई है। फार्मास्युटिकल या पैरामेडिकल अध्ययन में डिग्री पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को दिये जाने वाले वजीफे की राशि 25,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये, जबकि छात्राओं के लिए 30,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये की गई है।