–गुलाम नबी आजाद सहित चार सदस्यों को राज्यसभा में दी गई विदायी
नयी दिल्ली /टीम डिजिटल : राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित चार सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सभापति एम वेंकैया नायडू और सदन के सदस्यों ने भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि राजनीतिक जीवन तथा सदन में मिले अनुभवों के आधार पर वे जन कल्याण में तथा देश के विकास के लिए अपनी सेवाएं देते रहेंगे। आजाद के साथ ही भाजपा के शमशेर सिंह मन्हास, और पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज तथा नजीर अहमद लवाय का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। इस मौके पर ना केवल प्रधानमंत्री मोदी बल्कि खुद गुलाम नबी आजाद भी कुछ पलों के लिए भावुक हो गए। आजाद से अपनी पुरानी मित्रता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद ऐसे नेता हैं जो अपने दल के साथ साथ सदन और देश की भी चिंता करते रहे हैं। विपक्ष के नेता के पद पर रहते हुए उन्होंने कभी दबदबा स्थापित करने का प्रयास नहीं किया। सदन के अगले नेता प्रतिपक्ष को आजाद द्वारा स्थापित मानकों को पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। दोनों सदनों में आजाद के लंबे कार्यकाल का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सौम्यता, विनम्रता और देश के लिए कुछ कर गुजरने की कामना प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद की यह प्रतिबद्धता उन्हें आगे भी चैन से नहीं बैठने देगी और उनके अनुभवों से देश लाभान्वित होता रहेगा। प्रधानमंत्री ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे और वह स्वयं गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उसी दौरान जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमले में गुजरात के कुछ पर्यटक मारे गए थे। मोदी ने कहा कि आजाद ने जब उन्हें फोन पर इसकी जानकारी दी तो उनके आंसू रूक नहीं रहे थे और ऐसा लगा कि आजाद ने परिवार के सदस्य के रूप में गुजरात के प्रभावित लोगों की चिंता की। प्रधानमंत्री इस घटना का जिक्र करते हुए खुद भावुक हो गए और उनका गला रुंध गया।
आजाद भी भावुक हो गए और उनके आंसू छलक उठे
अपने विदाई भाषण के दौरान इस घटना का जिक्र करते हुए आजाद भी भावुक हो गए और उनके आंसू छलक उठे। आजाद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों के भीतर कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे। उन्होंने कहा कि वह जब हवाईअड्डे पहुंचे तब पीडि़त परिवारों के बच्चे उन्हें पकड़कर रोने लगे। आजाद ने कहा कि वह दृश्य देखकर उनके मुंह से चीख निकल गई। आजाद ने कहा, अल्लाह से… भगवान से… यही दुआ करते हैं कि इस देश से आतंकवाद खत्म हो जाए। जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में शहीद हुए केंद्रीय बलों और पुलिस के जवानों के साथ आम नागरिकों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए आजाद ने वहां के हालात ठीक होने की कामना की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कश्मीरी पंडितों के उजड़े आशियानों को बसाने की दिशा में प्रयास करने का आग्रह भी किया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में उन्हें आजाद की कमी खलेगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने और सदन की गरिमा बढ़ाने में आजाद सहित चारों सदस्यों ने सराहनीय योगदान दिया। आजाद को एक विनम्र ओर सौम्य व्यक्तित्व बताते हुए सभापति ने उम्मीद जताई कि वह जल्द ही सदन में वापस लौटेंगे। आजाद और नजीर अहमद का कार्यकाल 15 फरवरी को और मन्हास तथा मीर फयाज का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है।
PM मोदी ने दी चारों सदस्यों को शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री ने मीर मोहम्मद फयाज, नजीर अहमद लवाय का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इन दोनों सदस्यों के साथ बातचीत में कश्मीर के अनेक पहलुओं के बारे में जानकारी मिलती थी। उन्होंने कहा कि इन सदस्यों के साथ उनका व्यक्तिगत तौर पर नाता रहा। उन्होंने भरोसा जताया कि इन दोनों सदस्यों की प्रतिबद्धता देश के लिए, खास कर जम्मू कश्मीर के लिए बेहद उपयोगी रहेगी। शमशेर सिंह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और शमशेर सिंह दोनों ही संगठन में थे अत: उनका साथ लंबा रहा। उन्होंने कहा कि सदन में शमशेर सिंह की उपस्थिति 96 फीसदी है जो बताती है कि उन्होंने जनता द्वारा दिए गए दायित्व को निभाने का पूरा प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के इन चारों सदस्यों का यह कार्यकाल उनके जीवन के बेहतरीन कार्यकाल में से है। मोदी ने चारों सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे उच्च सदन की शोभा बढ़ाने वाले, सदन में जीवंतता लाने वाले तथा सदन के माध्यम से जनसेवा में रत रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवकाशग्रहण कर रहे सदस्य अब नए रास्ते की तरफ कदम रख रहे हैं।