14.1 C
New Delhi
Friday, November 22, 2024

कांग्रेस को ‘खून’ शब्द से बहुत प्यार, कभी ‘खून’ की दलाली तो कभी ‘नरसंहार’

–‘खेती का खून ‘ नामक पुस्तक की BJP ने खोली पोल, बोला हमला
–1984 में दिल्ली समेत देश में कांग्रेसी संरक्षण में सिखों का नरसंहार हुआ
–दसवें राउंड की वार्ता से पहले राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस पर उठाए सवाल
–कांग्रेस कैसे भी करके वार्ता को असफल करना चाहती है, यही मंशा : जावड़ेकर

नई दिल्ली/ नीता बुधौलिया : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की झूठी प्रेस वार्ता पर पलटवार किया है। साथ ही कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछे हैं। जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज ‘खेती का खून नाम से एक पुस्तक का प्रकाशन किया। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस को ‘खून शब्द से बहुत प्यार है। कभी ‘खून की दलाली तो कभी ‘नरसंहार, यही आजादी के बाद से कांग्रेस का परिचय रहा है। 1984 में दिल्ली समेत पूरे देश में कांग्रेस के संरक्षण में सिखों का नरसंहार हुआ, क्या यह कांग्रेस की खून की खेती नहीं थी? बिहार के भागलपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान प्रदेश से लेकर देश तक में कांग्रेस की ही सरकार थी। कांग्रेस की सरकार में लाखों किसानों ने आत्महत्या की, क्या यह कांग्रेस की खून की खेती नहीं थी?

भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी प्रेस वार्ता में बताया कि आज देश में केवल चार-पांच औद्योगिक परिवार ही हावी हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी, आपको यह भी पता नहीं है कि आज देश में किसी परिवार की नहीं, बल्कि देश के 130 करोड़ जनता का शासन है। हिंदुस्तान जानता है कि आजादी के 70 सालों तक देश में 55 वर्षों तक कांग्रेस के एक ही परिवार का शासन रहा। आज जब उनकी मोनोपोली ख़त्म हो गई है और देश की जनता की सरकार आई है तो उन्हें दु:ख हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के जन-जन को, आम नागरिकों को सशक्त बनाया है।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि हमें कांग्रेस के मूल खेल को समझने की जरूरत है। राहुल गांधी ने आज की प्रेस वार्ता क्यों की? कल 20 जनवरी को किसानों के साथ सरकार की दसवें राउंड की वार्ता होनी है और कांग्रेस कैसे भी करके इसे असफल करना चाहती है, यही उसकी मंशा है। कांग्रेस किसानों की समस्या का समाधान नहीं होने देना चाहती, इसलिए वह ‘विरोध – अवरोध की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने 55 वर्षों के शासनकाल में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य तक नहीं दे पाई। स्वामीनाथन कमिटी में 2006 में किसानों की उपज पर लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की सिफारिश की थी लेकिन 2014 तक कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार इस पर कुंडली मारे बैठी रही और उन्होंने इन सिफारिशों को लागू नहीं होने दिया। जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 10 वर्षों के शासनकाल में केवल एक बार किसानों का 70,000 करोड़ रुपये माफ करने का दिखावा किया था। वास्तव में मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केवल 53,000 करोड़ रुपये ही माफ किये गए थे, इसमें भी घोटाले की बात आई थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी डेढ़ वर्षों में ही किसानों के एकाउंट में किसान सम्मान निधि के तौर पर 1,13,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रान्सफर कर चुके हैं। इस तरह, मोदी सरकार इस कार्यकाल के अंत तक केवल किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को लगभग सात लाख करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित करने वाली है।

सरकार की किसानों से वार्ता जारी है और यह वार्ता सफल होगी

जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की किसानों से वार्ता जारी है और यह वार्ता सफल होगी, ऐसा हमें विश्वास है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे छात्र होते हैं जिनका पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता और उन्हें उनके प्रोफ़ेसर के सवालों का जवाब पता नहीं होता, इसलिए सवालों का जवाब देने से बचने के लिए वे बहाने बनाने लगते हैं। राहुल गांधी का भी यही हाल है।

latest news

Related Articles

epaper

Latest Articles