नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को सुझाव दिया कि जी20 देश अपराध की आय से विदेशों में अर्जित संपत्ति आपराधिक दोषसिद्धि की कार्रवाई के बिना वापस करने में तेजी लाकर एक उदाहरण पेश कर सकते हैं। मोदी ने यहां आयोजित ‘जी-20 भ्रष्टाचार निरोधक मंत्रिस्तरीय बैठक’ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए अपराध की आय से अर्जित संपत्तियों का समय पर पता लगाने और पहचान करने पर जोर दिया और कहा कि ये कदम उचित न्यायिक प्रक्रिया के बाद अपराधियों की त्वरित वापसी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार का असर गरीबों एवं वंचितों पर सबसे अधिक पड़ता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार संसाधनों के इस्तेमाल, बाजार एवं सेवाएं मुहैया कराने की क्षमता को प्रभावित करता है और लोगों के जीवन की गुणवत्ता को कम करता है। इस दौरान उन्होंने लालच को लेकर आगाह करते हुए कहा, यह हमें सच का अहसास करने से रोकता है। मोदी ने नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के शहर में जी20 देशों की गणमान्य हस्तियों का स्वागत किया।
—पीएम मोदी का सुझाव, विदेशों में अर्जित संपत्ति लौटाने में तेजी लाकर उदाहरण पेश करें
—भ्रष्टाचार का असर गरीबों एवं वंचितों पर सबसे अधिक पड़ता है : प्रधानमंत्री
उन्होंने टैगोर की रचनाओं का जिक्र करते हुए लालच के प्रति आगाह किया और कहा कि यह हमें सच का अहसास नहीं होने देता। उन्होंने ‘मा गृधा:’ की बात करने वाले उपनिषदों का भी जिक्र किया। ‘मा गृधा:’ का अर्थ है कि लालच मत करो। मोदी ने अर्थशास्त्र में कौटिल्य का उल्लेख करते हुए कहा कि अपने लोगों के अधिकतम कल्याण के लिए देश के संसाधनों को बढ़ाना सरकार का कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत की भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की सख्त नीति है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत एक पारदर्शी एवं जवाबदेह पारिस्थिकी तंत्र बनाने के लिए प्रौद्योगिकी एवं ई-शासन का लाभ उठा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी परियोजनाओं में खामियों को दूर किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप भारत में लाखों लोगों को उनके बैंक खातों में 360 अरब डॉलर से अधिक की राशि का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण मिला और 33 अरब डॉलर से अधिक की बचत करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि सरकार ने कारोबार संबंधी विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। उन्होंने सरकारी सेवाओं के स्वचालन और डिजिटलीकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि इसने नीतियों के क्रियान्वयन में खामियों को दूर किया है। मोदी ने कहा, हमारे गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस या जीईएम पोर्टल से सरकारी खरीद प्रक्रिया में अधिक पादर्शिता आई है। उन्होंने 2018 में आर्थिक अपराधी कानून के क्रियान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार आर्थिक अपराधियों का आक्रामक तरीके से पीछा कर रही है। मोदी ने आर्थिक अपराधियों एवं भगोड़ों से 1.8 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी जब्त किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने धनशोधन रोकथाम अधिनियम का भी उल्लेख किया, जिसकी मदद से अपराधियों की 2014 से 12 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि उन्होंने 2014 में अपने पहले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 के सभी देशों और ‘ग्लोबल साउथ’ के सामने मौजूद भगोड़े आर्थिक अपराधियों की चुनौतियों पर बात की थी। उन्होंने 2018 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई एवं संपत्ति वापस लाने के लिए नौ सूत्री एजेंडा पेश किए जाने का भी उल्लेख किया और इस संबंध में कार्य समूह द्वारा निर्णायक कदम उठाए जाने पर खुशी जताई। प्रधानमंत्री ने संपत्ति का समय पर पता लगाने और अपराध से होने वाली आय की पहचान करने की महत्ता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 देशों के सामूहिक प्रयास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाकर एवं भ्रष्टाचार के मूल कारणों से निपटने वाले मजबूत कदमों के कार्यान्वयन के जरिए एक बड़ा अंतर लाया जा सकता है। मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में लेखा परीक्षा संस्थाओं की भूमिका को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य हस्तियों से प्रशासनिक और कानूनी प्रणालियों को मजबूत करने के साथ-साथ मूल्य प्रणालियों में नैतिकता और ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया। मोदी ने कहा, केवल ऐसा करके ही हम एक न्यायपूर्ण और सतत समाज की नींव रख सकते हैं। मैं आपकी बैठक सार्थक और सफल रहने की कामना करता हूं।