–एक लाख से अधिक रेलकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए
–कोरोना को हरा हर 65 हजार कर्मचारी ड्यूटी पर फिर से लौटे
–रेल यूनियन ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र, मांगा मुआवजा
– मेडिकल स्टाफ, सुरक्षा बलों एवं सफाई कर्मियों की तरह मिले 50 लाख रुपए
नई दिल्ली/ भारती भडाना : कोरोना महामारी की दूसरी लहर में अब तक भारतीय रेलवे के डेढ़ हजार से अधिक रेल कर्मियों की मौत हो चुकी है। जबकि एक लाख से अधिक रेलकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। इनमें से 65 हजार से अधिक लोग ठीक हो कर अपनी ड्यूटी पर लौट आये हैं। लेकिन अभी भी कई कर्मचारी गंभीर स्थिति में है। इसको लेकर रेल कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया रेलमैन्स फेडेरेशन (एआईआरएफ) ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। साथ ही रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करते हुए 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि एआईआरएफ शुरू से ही मांग करती रही है कि कोरोना काल में चौबीसों घंटे और सातों दिन सेवा करने और अपने जीवन का बलिदान देने वाले सभी वर्ग के लोगों को एकसमान माना जाये। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेडिकल स्टाफ, सुरक्षा बलों एवं सफाई कर्मियों आदि के निधन होने पर मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए दिये जा रहे हैं, लेकिन रेलकर्मियों को केवल 25 लाख रुपए दिये जा रहे हैं।
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कुछ सरकारें तो 1 करोड़ रुपये भी मुआवजा दे रही हैं। यह सरासर भेदभाव है। संगठन ने रेलमंत्री एंव केंद्र सरकार ने गुहार लगाई कि इसे तत्काल दूर किया जाये तथा रेलकर्मियों एवं उनके परिवारों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुआवजे की राशि एकसमान रूप से की जाये। बता दें कि कोविड महामारी के बीच ऑक्सीजन सहित आवश्यक वस्तुओं एवं यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में लाखों रेलकर्मी ड्यूटी पर डटे हैं। ये कर्मचारी रोजाना मुसीबतों को लड़ भी रहे हैं। लेकिन, सरकार इन्हें वह दर्जा नहीं दिया है, जो बाकी कर्मचारियों को मिल रहा है।
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एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेल मंत्री को पत्र लिख कर कहा कि देश इस समय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण बेहद कठिन समय से गुजर रहा है। एक लाख से अधिक रेलकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए जिनमें से 65 हजार से अधिक लोग ठीक हो कर अपनी ड्यूटी पर लौट आये हैं। हालांकि डेढ़ हजार से अधिक लोगों ने अपना कत्र्तव्य पालन करने के दौरान हुए कोरोना संक्रमण की वजह से प्राण गंवा दिये हैं।
उन्होंने कहा, हम सब आपके उस पत्र की सराहना करते हैं जिसमें आपने इस कठिन समय में रेलकर्मियों द्वारा निष्ठा एवं समर्पण की भावना से की जा रही सेवा की प्रशंसा की है। हम इस बात की भी सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में रेलकर्मियों को ‘कोरोना योद्धा कहा था। मिश्रा ने कहा कि एआईआरएफ शुरू से ही मांग करती रही है कि कोरोना काल में चौबीसों घंटे सातों दिन सेवा करने और अपने जीवन का बलिदान देने वाले सभी वर्ग के लोगों को एकसमान माना जाये।