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Thursday, November 21, 2024

खुशखबरी, दिल्ली में 18 फरवरी से शुरू होंगे नर्सरी दाखिले

— अभिभावकों को थोड़ी राहत, आवेदन दाखिल करने की आखिरी तारीख चार मार्च है
-पहली सूची 20 मार्च को जारी की जाएगी
– दूसरी सूची 27 मार्च को जारी की जाएगी

नयी दिल्ली/ टीम डिजिटल:  शिक्षा निदेशालय (DOI ) ने दिल्ली में 18 फरवरी से नर्सरी के लिए दाखिले शुरू होने की बुधवार को घोषणा की, जिसके बाद चिंतित अभिभावकों को थोड़ी राहत मिली है। अधिसूचित कार्यक्रम के अनुसार, आवेदन प्रक्रिया 18 फरवरी को शुरू होगी और आवेदन दाखिल करने की आखिरी तारीख चार मार्च है। पहली सूची 20 मार्च को जारी की जाएगी और अगर जरूरत हुई तो, दूसरी सूची 27 मार्च को जारी की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया 31 मार्च को सम्पन्न होगी। डीओई ने यह भी निर्देश दिया कि कोविड-19 के कारण स्कूलों के बंद होने और परिसर में इस स्तर पर किसी कक्षाओं का आयोजन ना होने के मद्देनजर दाखिले के समय निर्धारित पंजीकरण शुल्क, प्रवेश शुल्क, सावधानी शुल्क (यदि स्कूल पहले से ऐसे शुल्क लेता है) और शिक्षण (ट्यूशन) शुल्क के अलावा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके बाद अगला आदेश जारी होने तक छात्रों से केवल शिक्षण (ट्यूशन) शुल्क लिया जाएगा। केजरीवाल ने नर्सरी के दाखिले संबंधी घोषणा के बाद ट्वीट किया, सभी अभिभावकों और बच्चों को बधाई। कोरोना को हराकर हमें अब धीरे-धीरे अपने स्कूलों की रौनक वापस लानी है। हमारे स्कूल अपने बच्चों का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली में आमतौर पर करीब 1700 स्कूलों में नर्सरी के लिए दाखिलें नवम्बर माह के आखिरी सप्ताह में शुरू होते रहे हैं। डीओई दिशानिर्देश जारी कर स्कूलों को आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहता है, जिसके बाद दिसम्बर में आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाती है। पिछले साल ऐसा नहीं किया गया था। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने दिसम्बर में कहा था कि कोविड-19 के मद्देनजर स्कूलों के नौ महीने से बंद होने के कारण नर्सरी के दाखिले की प्रक्रिया को रद्द करने के प्रस्ताव पर गौर किया जा रहा है। स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले महीने नर्सरी की दाखिला प्रक्रिया रद्द करने से इनकार कर दिया था।

स्कूलों को दाखिले से जुड़े कार्यक्रम को नोटिस बोर्ड पर लगाना होगा

दाखिले से जुड़े दिशा-निर्देश साझा करते हुए डीओई के निदेशक उदित प्रकाश राज ने कहा, उपरोक्त अनुसूची में किसी भी निर्देश की अवहेलना स्वीकार नहीं की जाएगी। सभी स्कूलों को दाखिले से जुड़े निर्धारित कार्यक्रम को अपने नोटिस बोर्ड पर लगाना होगा और वेब साइट पर जारी करना होगा। इसके बाद सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक सभी आवेदकों को आवेदन पत्र मुहैया कराएं जाएं। उन्होंने कहा, अभिभावकों से दाखिला पंजीकरण शुल्क के तौर पर केवल 25 रुपये लिए जा सकते हैं, जिसे बाद में स्कूल वापस नहीं करता। अभिभावकों के लिए विवरण-पुस्तिका (प्रॉस्पेक्टस) खरीदना वैकल्पिक होना चाहिए। नियमों के अनुसार , प्री-स्कूल, प्री-प्राइमरी और पहली कक्षा में बच्चों को दाखिला देने वाले सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों (जिन्हें कोई सहायता नहीं दी जाती) को EWS या DG श्रेणी के छात्रों और दिव्यांग वाले बच्चों के लिए 25 % सीटें आरक्षित रखनी होती है।

निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा

निदेशक ने कहा, प्रवेश स्तर पर सीटों की संख्या पिछले तीन वर्षों 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के दौरान प्रवेश स्तर पर आरक्षित सीटों की संख्या से कम नहीं होनी चाहिए। प्रवेश के लिए उपलब्ध सीटों के साथ सभी प्रवेश स्तर की कक्षाओं का विवरण सभी स्कूलों द्वारा घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संबंधित उप निदेशक (जिला) की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में एक निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक निजी स्कूल मानदंड और उनके बिंदुओं को ऑनलाइन मॉड्यूल पर अपलोड करे तथा स्कूल उन मानदंडों को नहीं अपनाए जिन्हें विभाग द्वारा समाप्त कर दिया गया था और दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी उसके फैसले को बरकरार रखा था।

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