—अब कॉमन सर्विस सेंटर से मिलेगा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
—कॉमन सर्विस सेंटर और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ करार
नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय। पुरानी गाड़ियों को खरीदने के लिए आवश्यक ‘ नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट ‘ उपलब्ध कराने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निकाय कॉमन सर्विस सेंटर ने गृह मंत्रालय के निकाय नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ करार किया है। इसके तहत देश भर में मौजूद कॉमन सर्विस सेंटर के चार लाख केंद्रों के माध्यम से सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने वालों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण करार का शुभारंभ केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति मैं किया। इस सेवा के माध्यम से पुरानी गाड़ी खरीदने वाले अपने नजदीक के कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर खरीदे जाने वाले वाहन से संबंधित नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट को हासिल कर पाएंगे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने सभी राज्य सरकारों को अनुरोध किया है कि वह सीसीटीएनएस सर्विस को डिजिटल सेवा पोर्टल के साथ लिंक करें। जिससे कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से आम नागरिकों को यह सेवा उपलब्ध कराने में सहायता हासिल हो। इसके साथ ही कॉमन सर्विस सेंटर भी लोगों को इस सेवा से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा।
कॉमन सर्विस सेंटर के प्रबंध निदेशक डॉ दिनेश त्यागी ने कहा कि भारत में पुरानी गाड़ियों का बाजार बढ़ रहा है। लोग निजी और व्यवसायिक वाहनों को बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं। आवागमन व्यवसायिक गतिविधियों का प्रमुख हिस्सा बन गया है। देश भर में कॉमन सर्विस सेंटर का विस्तृत नेटवर्क है। ऐसे में कॉमन सर्विस सेंटर लोगों को तेजी से पुरानी गाड़ियों की खरीद के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट उपलब्ध करा सकता है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। उन्हें पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले शहरों में स्थित नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ऑफिस जाने और वहां से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने की बाध्यता नहीं रहेगी। वह अपने गांव देहात में मौजूद कॉमन सर्विस सेंटर के केंद्र से इसे हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस सेवा को उपलब्ध कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर का डिजिटल सेवा पोर्टल क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम ( सीसीटीएनएस ) से लिंक किया जाएगा।
गाड़ी बेचने से पहले कहीं उसका किसी पुलिस रिकॉर्ड में कोई उल्लेख तो नहीं
कॉमन सर्विस सेंटर को चलाने वाले उद्यमी गाड़ियों के मिलान सुविधा के लिए सर्च सुविधा की सहायता से पुरानी गाड़ी से संबंधित सभी जानकारी हासिल करने के साथ ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट को गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर उपलब्ध कराएंगे। जिसमें चेसिस नंबर और इंजन नंबर भी शामिल होगा। लोगों को इसके माध्यम से यह सुविधा होगी कि वह पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले ही उससे संबंधित सभी जानकारी हासिल कर पाएंगे. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यह भी बताएगा कि गाड़ी बेचने से पहले कहीं उसका किसी पुलिस रिकॉर्ड में कोई उल्लेख तो नहीं है। इसके अलावा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट इसलिए भी जरूरी होता है कि जब कोई पुरानी गाड़ी लेता है और उसे नजदीक के परिवहन विभाग से अपने नाम करता है। उस समय भी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस या आरटीओ गाड़ी के ट्रांसफर पेपर बनाने से पहले नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट हासिल करता है। जिससे यह पता चले कि वह गाड़ी किसी कानूनी मुकदमा या अन्य मामले में तो उल्लेखित नहीं है।