–भारतीय रेलवे ने बनाया संयुक्त रेल सुरक्षा मोबाइल ऐप, जल्द होगा शुरू : RPF
–आरपीएफ एवं जीआरपी का संयुक्त ऐप होगा, मोबाइल पर लोड करेंगे यात्री –गाडिय़ों में चलने वाले रेलवे स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों के पास होगा मोबाइल
-आरपीएफ में सर्वाधिक महिला कॉन्स्टेबुलों की भर्ती, महिला यात्रियों पर निगरानी
नई दिल्ली /खुशबू पाण्डेय : भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर बहुत जल्द चलती ट्रेनों में होने वाले अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करना शुरू कर देगा, इससे शीघ्रता से नियंत्रण पाना संभव हो सकेगा। इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल ने एक संयुक्त रेल सुरक्षा मोबाइल ऐप तैयार किया है। कॉमन रेलवे सिक्योरिटी ऐप में मौका-ए-वारदात पर पीडि़त पक्ष के बयान एवं रिपोर्ट को ऑनलाइन दर्ज करने, सहयात्रियों के बयान दर्ज करने की सुविधा होगी। इसके आधार पर सुरक्षा बल अपनी आवश्यक कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। यात्री भी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आराम से घर जा सकेगा और वह ऐप पर अपनी रिपोर्ट पर कार्रवाई की निगरानी भी कर सकता है।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि राजकीय रेलवे पुलिस (GRP ) और रेल सुरक्षा बल (RPF) का यह संयुक्त ऐप बन कर तैयार हो गया है। कोविड महामारी के कारण उसे लॉन्च नहीं किया जा सका था। जल्द ही उसे लोकार्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस ऐप को कोई भी यात्री अपने मोबाइल पर लोड कर सकता है। गाडिय़ों में चलने वाले रेलवे स्टाफ और आरपीएफ एवं जीआरपी के कर्मियों के पास भी यह मोबाइल ऐप होगा।
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शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीजी अरूण कुमार ने कहा कि कोविड काल में आरपीएफ ने करीब 6000 महिला कॉन्स्टेबुलों की भर्ती की, जिससे आरपीएफ में महिला कर्मियों का अनुपात नौ प्रतिशत हो गया है। किसी केन्द्रीय पुलिस बल में महिलाओं की सर्वाधिक संख्या है। इससे RPF के मेरी सहेली प्रोजेक्ट को बल मिला है, जिसमें अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की आरक्षण चार्ट से पहचान करके ट्रेन में तैनात महिला कॉन्स्टेबुल उनसे सीट पर जा कर संपर्क करती है और उन्हें अपना नंबर दे कर सुरक्षा का आश्वासन देती हैं।
आरपीएफ (RPF) महानिदेशक ने कहा कि आरपीएफ ने रेलवे परिसरों में सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए व्यापक योजनाएं बनायीं हैं। इस समय तक 6094 स्टेशनों पर CCTV लगाये जा चुके हैं और वे पूरी तरह से डिजीटल निगरानी के दायरे में आ गये हैं। सीसीटीवी कैमरों की सतत निगरानी के लिए मंडल स्तर पर कंट्रोल रूम बनाये जाने की योजना है। आरपीएफ ने टिकटिंग में साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए साइबर सेल स्थापित कीं हैं। रेलवे स्टेशनों पर कुंभ जैसे आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन के मामले में विश्व भर में अनूठे आयाम स्थापित किये हैं।
निजी ट्रेनों में सुरक्षा की जिम्मेदारी RPF एवं GRP संभालेगी
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि निजी ट्रेनों में भी सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ एवं जीआरपी संभालेगी। निजी ट्रेनों में निजी सुरक्षा कर्मी की एक तीसरी पर्त भी होगी जो यात्रियों को नजदीकी सुरक्षा मुहैया करायेगी लेकिन अपराध होने पर जीआरपी और आरपीएफ की भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि बड़े स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी योजना बना कर सुरक्षा सुनिश्चित करने की रूपरेखा तैयार की गयी है।
कोरोना से 3298 RPF जवान संक्रमित, 22 RPF जवान की हुई मौत
रेलवे सुरक्षा बल (RPF)के कर्मियों के कोविड प्रभावित होने के बारे में पूछे जाने पर अरुण कुमार ने कहा कि दूसरी लहर में 3298 जवान इस रोग से संक्रमित हुए, जिनमें से 22 लोगों की मृत्यु हुई। इस समय करीब 150 जवान अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने टीका लगवाने वाले जवानों में केवल 0.045 प्रतिशत लोग ही बीमार पड़े।
रेलवे टिकट बुकिंग के लिए आधार, पैन से जोडऩे पर विचार
दलालों से मुक्ति पाने के लिए रेलवे टिकट बुकिंग वेबसाइट आईआरसीटीसी पर यात्रियों के लिए लॉगइन ब्योरे से आधारकार्ड, पैनकार्ड और पासपोर्ट जैसे पहचानपत्रों को लिंक करने की योजना बना रहा है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के महानिदेशक अरुण कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुमार ने कहा कि पहले दलालों के विरूद्ध कार्रवाई मानव खुफिया सूचना पर आधारित रहती थी, जिसका जमीनी स्तर पर बहुत कम या नहीं के बराबर असर होता था। उन्होंने कहा, हम उस कमी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। भावी कार्ययोजना यह है कि आखिरकार हमें टिकट के वास्ते लॉगइन को किसी पहचान पत्र जैसे पैन या आधार कार्ड या किसी अन्य सबूत से जोडऩा होगा, जिसके नंबर का इस्तेमाल यात्री लॉगइन करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है ताकि दलाली पर हम पूर्ण विराम लगा सकें। हमें पहले नेटवर्क तैयार करना होगा। हम आधार के प्राधिकारियों के साथ अपना कार्य करीब पूरा कर चुके हैं। जब यह व्यवस्था बन जाएगी, हम उसका इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे।
अब तक 14257 दलाल गिरफ्तार किये गये : अरुण कुमार
RPF डीजी अरुण कुमार ने कहा कि दलालों के विरूद्ध अक्टूबर-नवंबर 2019 में कार्रवाई शुरू की गयी थी और उसी साल दिसंबर से अवैध सॉफ्टवेयर के विरूद्ध कार्रवाई की गयी। उनके अनुसार मई, 2021 तक 14257 दलाल गिरफ्तार किये गये और अबतक 28.34 करोड़ रुपये के टिकट जब्त किये गये। आरपीएफ ने कोविड के चलते अनाथ हुए एवं मुश्किल स्थिति में स्टेशन, ट्रेनों या समीप के शहरों, गांवों, अस्पतालों में मिलने वाले बच्चों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया है। कर्मियों को महामारी के फैलने से प्रभावित हुए ऐसे बच्चों पर विशेष ध्यान देने के लिए संवेदनशील बनाया गया है।