—भारत ने भी ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी
—22 दिसंबर को रात से ब्रिटेन से आने वाली वाली उड़ान सेवाएं अस्थायी तौर पर स्थगित रहेंगी
—हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर तरीके से कोविड-19 की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए बेकाबू प्रकार (स्ट्रेन) के तेजी से पांव पसारने के बीच भारत और फ्रांस भी उन देशों की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने ब्रिटेन के लिये अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया है। जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, आयरिश रिपब्लिक, तुर्की और कनाडा के बाद भारत ने भी ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। ब्रिटेन के साथ लगने वाली अपनी सीमाएं बंद करने वाले यूरोपीय देशों में सबसे नया नाम फ्रांस का जुड़ा है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को एक बयान में कहा, ब्रिटेन में मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए भारत सरकार ने यह फैसला किया है कि ब्रिटेन से भारत के लिये रवाना होने वाली सभी उड़ानें 31 दिसंबर 2020 (रात 11 बजकर 59 मिनट) तक स्थगित रहेंगी। नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 22 दिसंबर को रात 11 बजकर 59 मिनट से ब्रिटेन से आने वाली वाली उड़ान सेवाएं अस्थायी तौर पर स्थगित रहेंगी, जिसके कारण इस अवधि में भारत से ब्रिटेन जाने वाली उड़ानें भी अस्थायी तौर पर स्थगित रहेंगी। इसमें कहा गया कि यह रोक 31 दिसंबर तक रहेगी। मंत्रालय ने कहा, ऐहतियाती कदम के तौर पर ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की (22 दिसंबर को 23 बजकर 59 मिनट के पहले) हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आरटी-पीसीआर तरीके से कोविड-19 की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। ब्रिटेन में श्रेणी-4 के सख्त लॉकडाउन को लागू किया गया है और सभी अनावश्यक यात्राओं व कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है। जिन अन्य देशों और क्षेत्रों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें हांगकांग, इजराइल, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, मोरक्को, चिली और कुवैत शामिल हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सोमवार को सरकार की आपात समिति की एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें स्थिति की समीक्षा की जाएगी क्योंकि फ्रांस से लगने वाली सीमा पर गाडिय़ों का जमावड़ा लग गया है। ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के प्रवेश को भी रोक दिया गया है। यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य राष्ट्रों की एक बैठक भी ब्रसेल्स में होनी है, जिसमें ज्यादा समन्वित प्रतिक्रिया पर चर्चा की जाएगी क्योंकि ब्रिटेन में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 35,928 रही, वहीं कोरोना वायरस के नए स्वरूप का प्रसार तेजी से हो रहा है और 326 और मरीजों की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 67,401 हो गई। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, सभी को, खास तौर पर श्रेणी-4 के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संयम बरतने की जरूरत है क्योंकि वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं- यही एक मात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में लाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है और सरकार एक बेकाबू वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है। वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा।
बहुत तेजी से बढ़ रहा है नया कोरोना वायरस : वैज्ञानिक
इंपीरियल कॉलेज लंदन के डॉ. एरिक वोल्ज कहते हैं, यह बताना अभी वास्तव में काफी जल्दी होगाज्लेकिन हमने अब तक जो देखा है उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है, यह पहले वाले (वायरस के पूर्व स्वरूप) की तुलना में बेहद तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। नाटिंघम विश्वविद्यालय में विषाणुविज्ञानी प्रोफेसर जोनाथन बाल कहते हैं, सार्वजनिक रूप से अभी जो साक्ष्य उपलब्ध हैं वह इस बात के लिये कोई ठोस राय बनाने को लेकर अपर्याप्त हैं कि क्या इस विषाणु से वास्तव में प्रसार बढ़ा है। विपक्षी लेबर नेता सर कीर स्टार्मर ने बोरिस जॉनसन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि महामारी से निपटने के अपने तरीकों को लेकर प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लोग उनकी अक्षमता का नुकसान भुगत रहे है और जॉनसन के अनिर्णय और कमजोर नेतृत्व की वजह से जान व नौकरियां जा रही हैं।
केंद्र सरकार सतर्क, कहा—घबराने की आवश्यकता नहीं : हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) के संक्रमण को लेकर ङ्क्षचताओं के बीच सोमवार को कहा कि सरकार सतर्क है और घबराने की आवश्यकता नहीं है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नये स्ट्रेन पर चर्चा करने के लिए सोमवार को अपने संयुक्त निगरानी समूह की एक बैठक बुलाई है। हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के नए प्रकार के संक्रमण को लेकर चिंताओं और ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध की मांग के संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, मैं कहना चाहूंगा कि ये काल्पनिक स्थितियां हैं, ये काल्पनिक बातें है, ये काल्पनिक चिंताएं हैं। अपने आप को इससे दूर रखें। हर्षवर्धन ने कहा, सरकार हर चीज के बारे में पूरी तरह जागरुक है। यदि आप मुझसे पूछें, तो इतना घबराने की कोई जरूरत नहीं है, जैसा कि इस संवाददाता सम्मेलन में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले एक साल में हर वह काम किया है, जो कोविड-19 से निपटने के लिए महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय ने कोविड-19 से निपटने के लिए लगातार प्रयास किये हैं और इसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
केजरीवाल ने की उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार के संक्रमण के मद्देनजर ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की केन्द्र से मांग की है। ब्रिटिश सरकार ने चेतावनी दी थी कि वायरस का नया प्रकार नियंत्रण से बाहर है और रविवार से सख्त लॉकडाउन लगाया जा रहा है। इसके बाद कई यूरोपीय देशों फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया।