-रेलवे की प्रगति के लिए 20 लाख करोड़ रुपये जुटाना है : नीति आयोग
–नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने किया डीएफसी गलियारे का निरीक्षण
–देखी, मशीनों से स्वचालित ढंग से रेल पटरियों को बिछाने की प्रक्रिया
(खुशबू पाण्डेय)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भारतीय रेलवे के पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारे (डीएफसी) के खुर्जा दादरी खंड का निरीक्षण किया। मालगाडिय़ों के चलने के लिए अलग से बनाए जा रहे इस रेलवे ट्रैक पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ट्रेनों को चलाया जाएगा। इससे मालगाडिय़ों की औसत गति करीब 75 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो जाएगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने एनटीसी मशीनों से स्वचालित ढंग से रेल पटरियों को बिछाने की प्रक्रिया का अवलोकन किया। डीएफसी की स्पीड देख राजीव कुमार ने रेलवे बोर्ड एवं डीएफसी टीम की तारीफ की। उनके साथ रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव भी मौजूद रहे।
इस मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि सरकार का उद्देश्य रेलवे का निजीकरण करना नहीं है, वरन 20 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त करना है, जिसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी एवं निवेश को बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
Thankful to Chairman Railway Board, & MD @dfccil_india for arranging the field visit to the #Dadri – Khurja Section of the Dedicated Freight Corridor. Also witnessed the #NTC ( New Track Construction) Machine in action. pic.twitter.com/vvd2WA0e2p
— Rajiv Kumar ?? (@RajivKumar1) July 29, 2020
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है अथवा किसी विचारधारा के कारण निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे को निवेश की जरूरत है। उसके बिना रेलवे की प्रगति नहीं हो सकती है। हमारा रेलवे में 20 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए हमें अपने संसाधनों का इस्तेमाल करना होगा। राजीव कुमार ने सप्ताह के सातों दिन चौबीसों घंटे द्रुतगति से हो रहे डीएफसी के निर्माण की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि देश की आर्थिक प्रगति में डीएफसी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। देश में कोरोना काल के आर्थिक प्रभाव के बारे में पूछने पर राजीव कुमार ने कहा कि सरकार कोरोना के काल में भी तेजी से काम कर रही है। देश कोरोना की चुनौती से आगे निकलेगा।
DFC में भी निजी क्षेत्र को मालगाडिय़ां चलाने की छूट दी जाएगी :CRB
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि निजी क्षेत्र द्वारा डीएफसी में भी निजी क्षेत्र को मालगाडिय़ां चलाने की छूट दी जाएगी। इसके लिए कारोबार जगत से बातचीत शुरू हो गयी है। उनसे पूछा गया था कि जिस प्रकार से यात्री गाडिय़ों के परिचालन को निजी क्षेत्र के लिए खोला गया है, क्या उसी तरह निजी क्षेत्र को मालगाडिय़ों के भी परिचालन का मौका मिलेगा। यादव ने कहा कि कोरोना के कारण डीएफसी के काम पर असर पड़ा है, लेकिन दिसंबर 2021 तक (पूर्वी डीएफसी के सोननगर-दानकुनी खंड को छोड़कर) समूचा डीएफसी पूरा बनकर तैयार हो जाएगा। इस मौके पर भारतीय डीएफसी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान और उत्तर रेलवे एवं उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी भी मौजूद थे।
डीएफसी से चार गुना तक माल ढोया जा सकेगा
डीएफ सी के महाप्रबंधक (आपरेशन) वेद प्रकाश के मुताबिक पूर्वी एवं पश्चिमी डीएफसी के 3360 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मालगाडिय़ों को 25 टन एक्सेल लोड के साथ 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलाया जाएगा। लॉन्ग हॉल गाडिय़ों के संचालन से पश्चिमी डीएफसी में एक मालगाड़ी से सामान्य ट्रैक पर चलने वाली मालगाड़ी की तुलना में चार गुना तक माल ढोया जा सकेगा और गाड़ी आधे से भी कम समय में पहुंच सकेगी। इस प्रकार से मालवहन की लागत में बहुत कमी आएगी। दोनों डीएफसी को क्रमश: दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरीडोर तथा अमृतसर -कोलकाता औद्योगिक कॉरीडोर के साथ जोड़ जा रहा है।
एनटीसी द्वारा ट्रैक का यांत्रीकृत बिछाव
बड़ी हुई गति एवं एक्सल भार के साथ, 60 किलोग्राम रेल एवं पीएससी स्लीपर के पुलों के कारण ट्रैक की संरचना भारी हुई है। अधिक लंबाई बेल्डेड रेल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एवं फील्ड बैल्ड को हटाने को आवश्यक समझते हुए, डाले जाने वाले पैनलों की लंबाई धीरे-धीरे 10 रेल पैनल (130m) से बढ़कर 20 रेल पैनल (260m) हो गई है। इन भारी ट्रैक घटकों को पीक्यूआरएस जैसे माध्यमों से जो कि अर्द्यांत्रिक हैं बिछाना एक साहसिक कार्य था पंरतु यांत्रिक रूप से किए गए कुछ कार्यों एवं पैनलों को बिछाने इत्यादि से इस कार्य में कुछ राहत मिली। वर्तमान समय में उच्च कार्य निष्पादन क्षमता वाली नई ट्रैक कंस्ट्रैक्शन मशीनों का उपयोग किया जा रहा है जो दैनिक आधार पर 1.5 किमी. ट्रैक बिछाने में सक्षम है।