जल संरक्षण करेंगे तभी खत्म होगी पेयजल समस्या
—जल संरक्षण एक अनिवार्य आवश्यकता पर कार्यशाला
—90 फीसदी से ज़्यादा बारिश का पानी बह जाता है
(शरद मिश्रा)
इलाहाबाद। केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान के अंतर्गत ब्लॉक संसाधन केंद्र चाका में विकास खंड चाका के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन संबंधी कार्यशाला चलाई गयी। इस कार्यशाला में वर्षा जल संचयन, वृक्षारोपण, जल संरक्षण, पारंपरिक जल निकायों या टैंकों के नवीकरण के साथ वाटरशेड विकास पर चर्चा हुई। खंड शिक्षा अधिकारी डॉ संतोष कुमार यादव ने कहा कि वर्षा ऋतु में अगर जल संरक्षण के उपायों को हम अपने व्यवहार में शामिल करते हुए बारिश के जल को संचित करें तो ना केवल अपने खेतों के पैदावार को बढ़ा सकेंगे बल्कि पेयजल की समस्या को भी दूर करने में हम समर्थ होंगे।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित शरद कुमार मिश्र ने वर्षा जल संचयन, तालाबों बावडियों की मरम्मत, बोरवेल से वाटर रिचार्ज, वाटरशेड डेवलपमेन्ट एवं वृक्षारोपण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संरक्षण पर बात ज़्यादा काम कम हो रहा है।
इतनी जागरूकता के बाद भी महज 8% पानी का संचयन होता है बाकी 90 फीसदी से ज़्यादा बारिश का पानी बह जाता है जो चिंतनीय है।
उन्होंने कहा किसी भी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जन भागीदारी आवश्यक है। जल संचयन के प्रति लोगों को जागरूक करना बहुत ही आवश्यक है। अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़कर जल संचयन का कार्य करें इस दिशा में हम सभी को कार्य करने की जरूरत है। प्राथमिक शिक्षक संघ चाका के अध्यक्ष अमर सिंह ने जल संरक्षण हेतु सभी प्रधानाध्यापकों से नौनिहालों के बीच जनसभा का आयोजन, विविध प्रतियोगिताएं जैसे पेंटिंग, वाद-विवाद, निबंध व खेल प्रतियोगिता कराकर जागरूक करने की बात कही।
इस अवसर पर मंत्री राजेन्द्र पांडेय, क़मर सुल्ताना, शाहीन फ़ात्मा, शरद शुक्ला, संदीप गुप्ता, सबा रिज़वी, विमलेश तिवारी, निधि जैन, राजेश मिश्र, मीनू मिश्रा, ज़हीर हुसैन, आस्था पांडेय, मनोज मिश्र आदि उपस्थित रहे।