–देशभर के उच्च नकद लेन-देन वाले 65 एनएचएआई टोल प्लाजा पर सुविधा
–गुडगांव, शंभू टोल, चंडीमंदिर, लाडोवाल, पानीपत में 30 दिनों तक छूट
–यूपी के बृजघाट, लखनऊ और कानपुर का टोल प्लाजा भी शमिल
(ईशा सिंह)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एनएचएआई के उच्च नकद लेन-देन वाले 65 चिन्हित शुल्क प्लाजा पर आज से 30 दिनों के लिए ‘फास्टैग फी लेन की घोषणा से जुड़ी शर्तों में ढील देने का फैसला किया है। संबंधित शुल्क प्लाजा को इस अवधि के दौरान सभी शुल्क लेन में से 25 प्रतिशत तक को हाईब्रिड (कैश प्लस फास्टैग) लेन में परिवर्तित करने की अनुमति दी गई है। इसमें दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से पंजाब, दिल्ली से जयपुर, दिल्ली से देहरादून के बीच के टोल को छूट मिली है।
खास बात यह है कि पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ परिक्षेत्र के चंडीगढ एवं हरियाणा में पड़ते करीब 8 टोल प्लाजा पर यह सुविधा मिलेगी। इसमें मोहाली का धरेरी जटटान, चंडीगढ़ में चंडीमंदिर टोल प्लाजा, चंडीगढ़ में घरोंडा, चंडीगढ़ के बेहरामपुर टोल प्लाजा, अंबाला में लाडोवाल, शंभू टोल प्लाजा, एलएनटी पानीपत टोल प्लाजा, दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पड़ते गुडगांव का खेड़की धौला टोल प्लाजा पर फास्टैग नियमों में ढील दी गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुरादबाद के बृजघाट टोल प्लाजा, लखनऊ रीजन के नवाबगंज एवं रोनाही टोल प्लाजा, कानपुर के सिकंदरा टोल प्लाजा पर भी फास्टैग नियमों में छूट दी गई है।
यह कदम एनएचएआई द्वारा अपने 65 चिन्हित शुल्क प्लाजा पर उच्च नकद लेन-देन होने के संबंध में जताई गई चिंता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। एनएचएआई ने बताया है कि अधिकतर शुल्क प्लाजा प्रत्येक तरफ एक हाईब्रिड लेन के साथ काम कर रहे हैं। एनएचएआई का कहना है कि जहां एक ओर कुछ और शुल्क प्लाजा को इसके दायरे में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उपर्युक्त चिन्हित शुल्क प्लाजा को हाईब्रिड सड़कों पर भारी यातायात का सामना करना पड़ रहा है।
नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिए मंत्रालय ने फैसला किया
सूत्रों के मुताबिक नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिए मंत्रालय ने फैसला किया है कि इन 65 शुल्क प्लाजा पर भारी यातायात को ध्यान में रखते हुए ‘फी प्लाजा के अधिकतम 25 प्रतिशत फास्टैग लेन को अस्थायी रूप से हाईब्रिड लेन में परिवर्तित किया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक के बारे में अलग-अलग विचार किया जाना चाहिए। फिर फैसला किया जाना चाहिए, लेकिन यह संबंधित आरओ के स्तर से नीचे नहीं होना चाहिए। इस संबंध में एनएचएआई को जारी एक निर्देश में मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे मामलों का दैनिक मूल्यांकन किया जाना चाहिए, ताकि आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें और प्रतिदिन एक सार रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए।
मंत्रालय ने एनएचएआई से आगे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ‘फी प्लाजाÓ की कम से कम फास्टैग लेन को अस्थायी रूप से हाईब्रिड लेन में परिवर्तित किया जाए। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इन 65 फी प्लाजा की कम से कम 75 प्रतिशत लेन को आगे भी ‘फी प्लाजा की फास्टैग लेन के रूप में चालू रखा जाए, ताकि फास्टैग वाले वाहनों को प्रोत्साहित किया जा सके।
यातायात को सुचारू बनाने के उद्देश्य से इस अस्थायी उपाय
मंत्रालय ने विशेष जोर देते हुए कहा है कि यातायात को सुचारू बनाने के उद्देश्य से इस अस्थायी उपाय को इस तरह के 65 ‘फी प्लाजा के लिए केवल 30 दिनों के लिए अपनाया जाएगा, ताकि नागरिकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। एनएचएआई इस अवधि के दौरान आवश्यक कदम उठाएगा, ताकि ‘फी प्लाजा के जरिए सुचारू यातायात सुनिश्चित किया जा सके और इसके साथ ही इस अवधि के दौरान सभी लेन के लिए ‘फी प्लाजा की फास्टैग लेन की घोषणा सुनिश्चित की जा सके।